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सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-3: भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधनों का जुटाव, वृद्धि, विकास और रोजगार से संबंधित मुद्दे।

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-3: समावेशी विकास और इससे उत्पन्न मुद्दे।

संदर्भ:

विशेषज्ञ बाजार ट्रैकर आर्टेमिस.बीएम के आंकड़ों के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में आपदा बांड जारी करने की संख्या 2024 की पूरी संख्या से अधिक हो गई है, क्योंकि इसकी बिक्री 18.1 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है, जो 2024 में स्थापित 17.7 बिलियन डॉलर के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गई है।

अन्य संबंधित जानकारी 

  • टेक्सास और चीन हाल ही में भीषण बाढ़ की चपेट में आए, वहीं यूरोप अत्यधिक गर्मी की लहरों और जंगलों में लगी आग से जूझ रहा है।
  • वैज्ञानिकों का कहना है कि ये आपदाएं जलवायु परिवर्तन के कारण अब अधिक बार और अधिक तीव्र रूप में हो रही हैं।
  • बीमाकर्ता इस दशक में हर साल प्राकृतिक आपदाओं के कारण $100 अरब से अधिक की क्षतिपूर्ति पहले ही चुका रहे हैं।
  • पुनर्बीमाकर्ता स्वीस रे  ने हाल ही में चेतावनी दी कि किसी विशेष रूप से खराब वर्ष में यह नुकसान $300 अरब तक पहुँच सकता है।

कैट बॉन्ड

  • वैश्विक स्तर पर, 1990 के दशक के अंत में अमेरिका में आए भयंकर तूफानों के बाद, जब पुनर्बीमाकर्ताओं (Re-insurers) को भी भारी नुकसान हुआ, तब आपदा जोखिम (Catastrophe Risk) को वित्तीय बाजारों के माध्यम से कैटास्ट्रॉफ बॉन्ड्स (कैट बॉन्ड्स) के जरिये स्थानांतरित किया गया।
  • कैट बॉन्ड्स एक अनूठा बीमा-सह-ऋण (Insurance-cum-Debt) वित्तीय उत्पाद है, जो बीमा कवरेज को एक व्यापार योग्य प्रतिभूति (Tradable Security) में बदल देता है।
  • ये बॉन्ड्स, जोखिमग्रस्त राज्यों से आपदा जोखिम को केवल सीमित वैश्विक पुनर्बीमाकर्ताओं के पास ही नहीं, बल्कि गहरे निवेश वाले वैश्विक वित्तीय बाजारों तक सिक्योरिटाइजेशन (Securitisation) के माध्यम से स्थानांतरित करते हैं। इससे आपदा के बाद राहत और पुनर्निर्माण के लिए कहीं अधिक मात्रा में निधियों की उपलब्धता सुनिश्चित होती है।
  • ये बॉन्ड्स पूर्व-निर्धारित जोखिम को बॉन्ड निवेशकों पर स्थानांतरित करने में प्रभावी होते हैं, जिससे तेज भुगतान (Quicker Payouts) और कम काउंटरपार्टी जोखिम (Reduced Counterparty Risk) सुनिश्चित होता है।
  • संप्रभु राष्ट्र (Sovereign Nations) ही इन बॉन्ड्स को जारी करते हैं; वे ही बॉन्ड के प्रायोजक (Sponsor) होते हैं और प्रीमियम का भुगतान करते हैं, जबकि बीमित राशि (Sum Insured) को प्रिंसिपल (Principal) माना जाता है।
  • प्रायोजक को, काउंटरपार्टी जोखिम को कम करने के लिए, बॉन्ड जारी करने हेतु एक बिचौलिए (Intermediary) की आवश्यकता होती है। ये बिचौलिए विश्व बैंक (World Bank), एशियाई विकास बैंक (ADB) या कोई पुनर्बीमा कंपनी हो सकते हैं।
  • यदि कोई आपदा घटित होती है, तो निवेशक को अपने प्रिंसिपल का एक हिस्सा खोने का जोखिम रहता है – यही कारण है कि इन बॉन्ड्स पर मिलने वाला कूपन रेट (Coupon Rate) सामान्य ऋण साधनों की तुलना में अधिक होता है।
  • एक कैट बॉन्ड का कूपन रेट उसमें निहित जोखिम के आधार पर बहुत भिन्न हो सकता है; उदाहरण के लिए, भूकंप के जोखिम में कूपन रेट 1-2% जितना कम हो सकता है, जबकि तूफान या चक्रवात जैसी घटनाओं के लिए यह अधिक होता है।

भारत में कैट बॉन्ड्स की आवश्यकता

  • निवेशकों के लिए, कैटास्ट्रॉफ बॉन्ड्स (कैट बॉन्ड्स) आय का एक आकर्षक स्रोत प्रदान करते हैं। ये बॉन्ड्स नियमित रिटर्न देते हैं, बिलकुल अन्य बॉन्ड्स की तरह, लेकिन एक मुख्य अंतर के साथ: यदि कोई बड़ी आपदा आती है, तो निवेशकों को अपनी पूंजी (principal) खोने का जोखिम होता है। हालांकि इस जोखिम के बावजूद, इन बॉन्ड्स की मांग लगातार बढ़ रही है।
  • दक्षिण एशिया में चक्रवात, बाढ़, जंगल की आग और विनाशकारी भूकंप जैसी चरम मौसमीय घटनाओं की अनिश्चितता और बढ़ती आवृत्ति ने भारत को आपदा जोखिम के प्रति अधिक संवेदनशील बना दिया है।
  • भारत को अपनी सार्वजनिक वित्तीय व्यवस्था को आपदा के बाद पुनर्निर्माण लागत से बचाना चाहिए। भारत की क्रेडिट रेटिंग और उच्च जोखिम प्रोफ़ाइल को देखते हुए, यह विश्व बैंक द्वारा समर्थित एक उपकरण के माध्यम से, स्थापित बॉन्ड कर्व्स का उपयोग करते हुए, लागत प्रभावी रूप से यह सुरक्षा हासिल कर सकता है।
  • जब आपदा न्यूनीकरण उपायों की कमी होती है, तो बीमाकर्ता अक्सर प्रीमियम दरें बढ़ा देते हैं। लेकिन भारत इस मोर्चे पर आगे है – उसने वित्त वर्ष 2021–22 से हर साल $1.8 अरब (लगभग ₹15,000 करोड़) आपदा न्यूनीकरण और क्षमता निर्माण के लिए आवंटित किए हैं।
  • भारत के आकार और वित्तीय स्थिरता को देखते हुए, वह एक दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय कैट बॉन्ड का प्रमुख प्रायोजक बन सकता है, विशेष रूप से जब इस क्षेत्र के अधिकांश जोखिम अभी तक हेज नहीं किए गए हैं।
  • इसके अलावा, दक्षिण एशिया की क्षेत्रीय आपदा मैट्रिक्स में विविध प्रकार के खतरे शामिल हैं — प्रत्येक का अपना जोखिम वक्र, इतिहास, संवेदनशीलता और जोखिम का स्वरूप है।
  • एक दक्षिण एशियाई कैट बॉन्ड न केवल जोखिम को वितरित करेगा, बल्कि बीमा प्रीमियम की लागत को भी कम करेगा और समय के साथ, इस क्षेत्र को वित्तीय रूप से अधिक सक्षम बनाएगा ताकि वह आपदाओं का सामना बेहतर तरीके से कर सके।

कैट बॉन्ड्स की चुनौतियाँ

  • यदि कोई कैट बॉन्ड दोषपूर्ण तरीके से डिज़ाइन किया गया हो, तो एक बड़ी आपदा आने के बावजूद भी भुगतान नहीं हो सकता।
    उदाहरण के लिए, यदि किसी विशेष क्षेत्र के लिए 6.6 तीव्रता के भूकंप पर आधारित कैट बॉन्ड बनाया गया हो, और वहाँ 6.5 तीव्रता का भूकंप आए जिससे भारी नुकसान हो, फिर भी भुगतान नहीं होगा क्योंकि वह तय सीमा से थोड़ा कम है।
  • इसके अतिरिक्त, यदि अनुबंध होने के बावजूद आपदा नहीं आती, तो इस पर सवाल उठ सकते हैं कि इस प्रकार के खर्च (प्रीमियम) का औचित्य क्या है।
  • ये उपकरण (कैट बॉन्ड्स) मूल्यांकन के लिहाज से जटिल हो सकते हैं। इसके अलावा, इन बॉन्ड्स के लिए द्वितीयक बाजार अपेक्षाकृत कम तरल होता है, यानी इन्हें बेचना या खरीदना कठिन हो सकता है।
  • अतः, कैट बॉन्ड के प्रीमियम की तुलना को — जो एक पारदर्शी सरकारी प्रक्रिया के माध्यम से तय हो — ऐतिहासिक वार्षिक आपदा-पुनर्निर्माण लागतों से करना, सबसे उपयुक्त तरीका हो सकता है।
Source: The Hindu

https://www.thehindu.com/business/Economy/how-can-cat-bonds-plan-for-a-natural-disaster-explained/article69793213.ece

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