संदर्भ:

हाल ही में, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI) ने अरुणाचल प्रदेश में सींग वाली मेंढक की एक नई प्रजाति की खोज की है।

मुख्य बातें

  • शुरुआत में, इसे गलती से माओसन नामक सींग वाला मेंढक (ज़ेनोफ़्रीज़ माओसोनेसिस) समझ लिया गया था, इस नई प्रजाति का नाम ज़ेनोफ़्रीज़ अपतानी (Xenophrys Apatani) रखा गया है।
  • विशिष्ट विशेषताएँ और निवास स्थान: ज़ेनोफ़्रीज़ अपतानी एक गहरे भूरे रंग का छोटे सींगों वाला मेंढक है। यह वन क्षेत्रों में रहने के लिए जाना जाता है, अक्सर चाय की पत्तियों के बीच।
  • नामकरण और सांस्कृतिक महत्व: इसका नाम अपतानी (Apatani) जनजाति के नाम पर रखा गया है, जो निचली सुबनसिरी घाटी की स्थानीय निवासी है, जहाँ टैली वन्यजीव अभयारण्य (Tale Wildlife Sanctuary) स्थित है, यह प्रजाति स्थानीय संरक्षण प्रयासों और क्षेत्र के स्थानीय जानकारी के लिए प्रसिद्ध है।
    टैली वन्यजीव अभयारण्य (Tale Wildlife Sanctuary)अरुणाचल प्रदेश का टैली वन्यजीव अभयारण्य (Tale Wildlife Sanctuary) 2400 मीटर की ऊँचाई पर स्थित एक पठार है, जिसमें सिल्वर फर और चीड़ के पेड़ों का घना जंगल और विशाल बंजर भूमि है। इस क्षेत्र में कुछ सबसे महत्वपूर्ण संकटग्रस्त प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें क्लाउडेड तेंदुआ (Clouded Leopard) भी शामिल है।

भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI)

इसकी स्थापना 1 जुलाई, 1916 को भारतीय जीवों के बारे में बेहतर समझ विकसित करने संबंधी सर्वेक्षण, अन्वेषण और अनुसंधान को बढ़ावा देने हेतु की गई थी।

  • यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
  • मुख्यालय: कोलकाता, पश्चिम बंगाल

जैव-भौगोलिक जानकारी

  • यह खोज भारत में, विशेष रूप से पूर्वी हिमालय और भारत-बर्मा जैव विविधता हॉटस्पॉट में ज़ेनोफ़्रीज़ प्रजातियों के जैव-भौगोलिक वितरण को समझने हेतु बेहद महत्वपूर्ण है।
    जैव विविधता के हॉटस्पॉट वे क्षेत्र हैं जहां विविध प्रजातियों की अद्वितीय और उच्च प्रचुरता है, जो आवास हानि और मानवीय गतिविधियों के कारण खतरे में हैं।

अपतानी जनजाति के बारे में

  • अपतानी अरुणाचल प्रदेश के जीरो घाटी (निचले सुबनसिरी घाटी में) में रहने वाले लोगों का एक जनजातीय समूह है।
  • वे अपनी मछली और धान की संस्कृति के साथ-साथ बेंत और बाँस शिल्प के लिए जाने जाते हैं।
  • बुजुर्ग लोग लोक कथाओं, गीतों और मिजी-मिगुन (Miji-Migun) तथा बुसी-आयु (Busi-Ayu) जैसे दोहों के माध्यम से संदेश देते हैं।
  • उनके प्रमुख त्योहारों में मारुन, म्याको, ड्री और यापुंग शामिल हैं।
  • अपतानी लोग तानी नामक स्थानीय भाषा बोलते हैं तथा सूर्य और चंद्रमा की पूजा करते हैं।

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