संदर्भ: 

विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) के उपलक्ष्य पर इसरो ने तृष्णा (TRISHNA) मिशन के बारे में अतिरिक्त जानकारी साझा की है।

मुख्य बातें:

  • तृष्णा (प्राकृतिक संसाधन आकलन के लिए हाई रेजोल्यूशन वाले थर्मल इन्फ्रारेड इमेजिंग सैटेलाइट) अर्थात, TRISHNA (Thermal infraRed Imaging Satellite for High-resolution Natural Resource Assessment) फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी, राष्ट्रीय अंतरिक्ष अध्ययन केंद्र (CNES) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के बीच की एक संयुक्त परियोजना है।
  • तृष्णा उपग्रह नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार सैटेलाइट (निसार) के समान होगा, जो पृथ्वी की विकृतियों और जलवायु परिवर्तन पर नजर रखने में भी मदद करेगा।
  • यह 761 किमी की ऊँचाई पर सूर्य-तुल्यकालिक कक्षा में संचालित होता है।
  • तृष्णा प्रति तीन दिन में भू-स्थल और तटीय क्षेत्र का 57 मीटर के रिज़ॉल्यूशन तथा महासागरीय और ध्रुवीय क्षेत्रों का 1 किमी की छवि कैप्चर करेगी। यह उच्च परिशुद्धता के साथ -20°C से +30°C तक के व्यापक तापमान रेंज को कवर करेगा। 

नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (NISAR) मिशन 

  • यह नासा और इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) द्वारा शुरू किया गया एक संयुक्त मिशन है।
  • निसार (NISAR) एक लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थापित होने वाला उपग्रह है, जिसमें दोहरी आवृत्ति वाला सिंथेटिक अपर्चर रडार लगा है, जो इसको दो अलग-अलग आवृत्तियों पर संचालित होने वाला पहला रडार इमेजिंग उपग्रह बनाता है। 

मिशन का अवलोकन

  • निसार (NISAR) का प्राथमिक उद्देश्य उन्नत रडार इमेजिंग डेटा एकत्र करके पृथ्वी की भूमि और बर्फ के द्रव्यमान का मानचित्रण (मैपिंग) करना है।
  • यह महीने में चार से छह बार 5 से 10 मीटर तक की प्रभावशाली सटीकता के साथ ऊँचाई में होने वाले बदलावों को मापेगा।
  • इस उपग्रह का उद्देश्य जटिल प्राकृतिक प्रक्रियाओं, जैसे कि पारिस्थितिकी तंत्र की गड़बड़ी, बर्फ की चादर की गतिशीलता और भूकंप और भूस्खलन जैसे प्राकृतिक खतरा, का अवलोकन करना है।  

उपकरण:

तृष्णा में निम्नलिखित दो सेंसर लगे हैं:

  • थर्मल इन्फ्रारेड (Thermal InfraRed-TIR) सेंसर: यह सतह का तापमान, विकिरण और उत्सर्जन क्षमता को मापता है।
  • दृश्यमान और निकट अवरक्त (Visible and Near Infrared-VNIR)/लघु तरंग अवरक्त (Short Wave InfraRed-SWIR) सेंसर: यह छह वीएनआईआर/एसडब्ल्यूआईआर बैंडों में अवलोकन प्रदान करने के साथ-साथ जल उपयोग, वनस्पति, भूमि कवरेज, आदि पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।

मिशन के उद्देश्य:

भूमि सतह के तापमान की निगरानी: TRISHNA में भूमि के सतह के तापमान में होने वाले बदलावों को मापने के लिए एक उच्च-रिज़ॉल्यूशन थर्मल इन्फ्रारेड कैमरा लगाया जाएगा। इसके आँकड़ें निम्नलिखित उद्देश्यों हेतु महत्वपूर्ण होंगे:

  • नगरीय ताप द्वीप (UHI) के आकलन: यह उन शहरी क्षेत्रों में “ताप द्वीप प्रभाव” को समझने में मदद करेगा, जहाँ का तापमान आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में काफी अधिक है। यह जानकारी शहरी योजनाकारों को गर्मी शमन रणनीतियों को विकसित करने में मदद कर सकती है।
  • जल तनाव निगरानी: वाष्पोत्सर्जन निगरानी द्वारा जल की कमी वाले क्षेत्रों की पहचान करने के साथ-साथ भूमि सतह के तापमान और वनस्पति की स्थिति में भिन्नता का विश्लेषण करने में मदद करेगा।
  • आपदा प्रबंधन: वास्तविक समय (रियल टाइम) में तापमान निगरानी के माध्यम से जंगल की आग और अन्य गर्मी से संबंधित आपदाओं को कम करने के प्रयासों में मदद करेगा।

तटीय और अंतर्देशीय जल गुणवत्ता का मूल्यांकन: यह मिशन तटीय और अंतर्देशीय जल निकायों में जल गुणवत्ता पर आँकडें को भी एकत्र करेगा। इससे निम्नलिखित में मदद मिल सकती है:

  • प्रदूषण का पता लगाने: जल की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करना।
  • शैवाल प्रस्फुटन की निगरानी: पारिस्थितिकी तंत्र और अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले हानिकारक शैवाल प्रस्फुटन की घटना की वृद्धि और गति पर नज़र रखना।

अनुप्रयोग और लाभ:

  • कृषि: इससे फसल के उपज का अनुमान लगाना, सिंचाई प्रबंधन और सूखे की भविष्यवाणी में सुधार करने में मदद मिलेगी।
  • पर्यावरण: इससे जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, वनों की कटाई और मरुस्थलीकरण की निगरानी में मदद मिलेगी।
  • शहरी नियोजन: इससे लू और अन्य चरम जलवायु घटनाओं के प्रति लचीले टिकाऊ शहरों को विकासित करने में मदद मिलेगी।
  • आपदा प्रबंधन: इससे प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयारी करने और इसपर प्रतिक्रिया देने वाले उपायों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

चुनौतियाँ और आगे की राह:

  • तकनीकी विनिर्देशों का पालन करना: वांछित सटीकता और संवेदनशीलता वाले उच्च-रिज़ॉल्यूशन थर्मल कैमरा का निर्माण करना इंजीनियरों के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है।
  • मौजूदा प्रणालियों का संयोजन: तृष्णा (TRISHNA) के डेटा को अन्य पृथ्वी अवलोकन प्रणालियों से प्राप्त जानकारी के साथ संयोजित करने से पृथ्वी के जीवमंडल की एक व्यापक तस्वीर प्राप्त होगी।

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TRISHNA मिशन

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