संदर्भ:
NSA अजीत डोभाल ने सशस्त्र बलों (Armed Forces) के संयुक्त थिएटर कमांड के अनुरूप केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) को एकीकृत करने का प्रस्ताव रखा।
मुख्य बिंदु
- पक्ष में तर्क: इस एकीकरण से न केवल पैसे की बचत होगी, बल्कि युद्धकाल और शांतिकाल दोनों के दौरान एक समान तैनाती भी सुनिश्चित होगी।
रक्षा बलों (Defence Forces) के साथ तुलना: हालाँकि रक्षा बलों को विभिन्न उपकरणों और सिद्धांतों संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की भूमिकाओं और उपकरणों समान हैं।
- उदाहरण के लिए, सीमा सुरक्षा बल (BSF) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के पास तुलनात्मक रूप से उसी प्रकार के प्रशिक्षण, उपकरण और संचार उपकरण हैं, जिससे उनकी लचीली तैनाती संभव हो पाती है।
- परिचालन लचीलापन: केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की 30 बटालियनों की तैनाती में, सीमा सुरक्षा बल (BSF) या केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की इकाइयों को उनकी समान क्षमताओं के कारण परस्पर उपयोग किया जा सकता है, जिससे सीमा और आंतरिक सुरक्षा संचालन में लचीलापन बढ़ जाता है।
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की संरचना:
इसमें शामिल हैं:
- सीमा सुरक्षा बल (BSF): इसे वर्ष 2009 से मुख्य रूप से पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमाओं तथा वामपंथी उग्रवाद (LWE) से प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है।
- केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF): इसे आंतरिक सुरक्षा के लिए तैनात किया जाता है, इसे पूर्वोत्तर भारत, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों और जम्मू और कश्मीर में तैनात किया गए है।
- भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (ITBP): इसे चीन सीमा पर तैनात किया गया है।
- केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF): यह बल सरकारी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करता है तथा इसे हवाई अड्डों और मेट्रो रेल पर तैनात किया गया है।
- सशस्त्र सीमा बल (SSB): इसे नेपाल और भूटान सीमा पर तैनात किया गया है।
- असम राइफल्स (Assam Rifles): इसे म्यांमार के साथ लगने वाली सीमा की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है।
- अन्य सुरक्षा बल: राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के जवानों का चयन केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) में से ही की जाती हैं।
एकीकरण में आने वाली चुनौतियाँ
- अंतर-बल प्रतिद्वंद्विता और पहचान: प्रत्येक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CRPF, BSF, CISF, आदि) का अपना इतिहास, परंपराएँ और संस्कृति होती है। उन्हें एक साथ लाने से कर्मियों के बीच पहचान के नष्ट होने के साथ-साथ उनका मनोबल के भी कम होने की संभावना है।
- कमान और नियंत्रण: विभिन्न परिचालन केन्द्रों वाले सैन्य बलों में कमान संरचनाओं को एकीकृत करने से नौकरशाही संबंधी बाधाएँ उत्पन्न होने के साथ-साथ निर्णय लेने की प्रक्रिया भी धीमी हो सकती है।
- प्रशिक्षण और विशेषज्ञता: प्रत्येक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) सीमा सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा या औद्योगिक सुरक्षा जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में विशेषज्ञता नहीं रखता है। इन सभी के एकीकरण के कारण कर्मियों को विभिन्न स्थितियों के लिए तैयार करने हेतु व्यापक स्तर पर पुनर्प्रशिक्षण की आवश्यकता हो सकती है।
- लॉजिस्टिक (रसद) और संसाधन आवंटन: सैन्य बलों को एकीकृत करने से रसद संबंधी चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं, जिसमें बड़े सैन्य बल में उपकरणों, वर्दी और संसाधन आवंटन का समावेशन शामिल है।
आगे की राह
- संयुक्त प्रशिक्षण सुविधाएँ: विशेषीकृत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) प्रशिक्षण अकादमियों के गठन से उनकी पहचान एकीकृत हो सकती है, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया जा सकता है, तथा एक बहुमुखी कार्मिक पूल बनाया जा सकता है।
- मानकीकृत उपकरण और लॉजिस्टिक (रसद): उपकरण, वर्दी आदि के लिए खरीद और आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित करने से लागत में बचत होने के साथ-साथ परिचालन दक्षता में वृद्धि हो सकती है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा कार्य बल: विशिष्ट खतरों (जैसे साइबर सुरक्षा और आपदा राहत) से निपटने के लिए समर्पित अंतरा- केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPFs) टास्क फोर्स गठन की तीव्र और समन्वित प्रतिक्रियाएँ में सक्षम हो सकते हैं।