द्रव्य पोर्टल
संदर्भ:
हाल ही में, केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में साक्ष्य-आधारित एकीकरण और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक और आधुनिक अनुसंधान से औषधीय पदार्थों को डिजिटल रूप से सूचीबद्ध करने के लिए द्रव्य पोर्टल लॉन्च किया।
अन्य संबंधित जानकारी
केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS) की महत्वाकांक्षी पहल- आयुष पदार्थों के बहुमुखी मानदंड के लिए डिजिटाइज्ड पुनर्प्राप्ति अनुप्रयोग (द्रव्य) एक अभिनव ऑनलाइन ज्ञान भंडार है।
- CCRAS आयुष मंत्रालय का एक स्वायत्त निकाय है, जो आयुर्वेद चिकित्सा में वैज्ञानिक आधार पर अनुसंधान के निर्माण, समन्वय, विकास और संवर्धन के लिए कार्य करता है।
पोर्टल का लक्ष्य अपने पहले चरण में 100 प्रमुख औषधीय पदार्थों पर सूचना सूचीबद्ध करना है, तथा एक समर्पित सॉफ्टवेयर प्रणाली के माध्यम से डेटा को निरंतर अद्यतन करना है।
द्रव्य पोर्टल का अनावरण 23 सितंबर 2025 को गोवा में 10वें आयुर्वेद दिवस समारोह के दौरान किया गया।
द्रव्य पोर्टल की मुख्य विशेषताएं
- यह प्लेटफॉर्म आयुष औषधीय पदार्थों पर आधुनिक वैज्ञानिक डेटा के साथ पारंपरिक ज्ञान को एकीकृत करने के लिए एक ओपन-एक्सेस, एआई-तैयार डिजिटल भंडार के रूप में डिज़ाइन किया गया है।
- यह पारंपरिक आयुर्वेदिक ग्रंथों, वैज्ञानिक साहित्य और समकालीन अनुसंधान प्लेटफार्मों से जानकारी को एकीकृत करता है, तथा औषध विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान और सुरक्षा पहलुओं पर व्यापक विवरण प्रदान करता है।
- इस प्लेटफ़ॉर्म में क्यूआर कोड एकीकरण भी है, जिससे देश भर के औषधीय पौधों के बगीचों और औषधि भंडारों में मानकीकृत सूचना प्रदर्शन संभव हो सकेगा।
- इस प्लेटफ़ॉर्म का उद्देश्य पारंपरिक ज्ञान को उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ मिलाकर आयुर्वेद और अन्य आयुष प्रणालियों की वैज्ञानिक नींव को मजबूत करना है।
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025
संदर्भ:
मुंबई में आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 के छठे संस्करण ने डिजिटल वित्त में भारत के बढ़ते नेतृत्व को प्रदर्शित किया।
फिनटेक
फिनटेक, वित्तीय प्रौद्योगिकी का संक्षिप्त रूप है, जो वित्तीय सेवाओं को बेहतर बनाने, स्वचालित करने और प्रदान करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है, तथा ऐसे उत्पाद और सेवाएं बनाता है जो पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक सुलभ, कुशल और अक्सर सस्ती होती हैं।
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 के बारे में
- ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 का आयोजन पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI), नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) और फिनटेक कन्वर्जेंस काउंसिल (FCC) द्वारा किया गया था।
- इस कार्यक्रम को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक, IFSCA और इन्वेस्ट इंडिया द्वारा समर्थित किया गया था।
- 2025 का विषय था “बेहतर विश्व के लिए वित्त को सशक्त बनाना – एआई द्वारा संचालित: संवर्धित बुद्धिमत्ता, नवाचार, समावेशन।”
- इस कार्यक्रम में 75 देशों के 100,000 से अधिक प्रतिभागियों, 7,500 कंपनियों, 800 वक्ताओं, 400 प्रदर्शकों और प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के केंद्रीय बैंकों और वित्तीय अधिकारियों सहित 70 नियामकों ने भाग लिया।
ऑस्ट्रेलिया-भारत रक्षा मंत्रियों की वार्ता 2025
संदर्भ:
हाल ही में, ऑस्ट्रेलिया ने समुद्री, वायु और औद्योगिक क्षेत्रों में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को गहरा करने के लिए पहली ऑस्ट्रेलिया-भारत रक्षा मंत्रियों की वार्ता 2025 की मेजबानी की।
वार्ता के प्रमुख परिणाम
- इस संवाद के दौरान आपसी पनडुब्बी बचाव सहायता और सहयोग पर क्रियान्वयन व्यवस्था (Implementing Arrangement) पर हस्ताक्षर किए गए, जो नौसैनिक सहयोग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
- इस बैठक में 2024 में हस्ताक्षरित को कार्यान्वित करने में हुई प्रगति की समीक्षा की गई, जिससे हवाई अंतर-संचालन क्षमता (Aerial Interoperability) को मजबूत किया गया।
- यह साझेदारी भूमि, वायु, समुद्री और उभरती प्रौद्योगिकियों सहित सभी रक्षा क्षेत्रों में विस्तारित हुई।
- इस बैठक में अभ्यास तालिस्मन सेबर 2025 में भारत की भागीदारी और भारत के अभ्यास तरंग शक्ति 2024 में ऑस्ट्रेलिया की भागीदारी पर प्रकाश डाला गया।
रक्षा उद्योग और प्रशिक्षण सहयोग
- इस संवाद में रक्षा उद्योग सहयोग के बढ़ते स्तर को रेखांकित किया गया, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने भारत में अपनी पहली रक्षा व्यापार मिशन (7–10 अक्टूबर 2025) आयोजित की।
- इस साझेदारी के तहत ऑस्ट्रेलिया के लैंड फोर्सेस एक्सपो 2024 में इंडिया पवेलियन की भागीदारी का स्वागत किया गया, जो दोनों देशों के बीच मजबूत होते उद्योग संबंधों का प्रतीक है।
- इस चर्चा के दौरान सिडनी में ऑस्ट्रेलिया–भारत रक्षा उद्योग गोलमेज सम्मेलन (Defence Industry Roundtable) की घोषणा की गई, जिसका उद्देश्य रक्षा निर्माण और अनुसंधान में सहयोग को बढ़ावा देना है।
- इस बैठक में रक्षा उद्योग, अनुसंधान और सामग्री पर संयुक्त कार्य समूह (Joint Working Group) के माध्यम से आधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों पर सहयोग करने के समझौते को शामिल किया गया।
- यह सहयोग सैन्य शिक्षा तक विस्तारित हुआ, जिसके अंतर्गत अधिक भारतीय छात्र 2026 में ऑस्ट्रेलियन डिफेंस कॉलेज में अध्ययन करेंगे और 2027 में ऑस्ट्रेलियन डिफेंस फोर्स अकादमी में भारत के लिए एक स्थान आरक्षित किया गया है।
- इस बैठक में दोनों देशों ने यूएनसीएलओएस 1982 (UNCLOS 1982) के अनुरूप एक स्वतंत्र, खुला, शांतिपूर्ण और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
नमस्ते योजना
संदर्भ:
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने नमस्ते योजना के अंतर्गत स्वच्छता किट और आयुष्मान कार्ड वितरित करने के लिए गोवा में एक कार्यक्रम का आयोजन किया।
अन्य संबंधित जानकारी
- यह कार्यक्रम नेशनल एक्शन फॉर मेकेनाइज़्ड सैनिटेशन इकोसिस्टम (NAMASTE) योजना के तहत गोवा के पणजी में आयोजित किया गया।
- इस कार्यक्रम की अध्यक्षता भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री ने की।
- इस पहल का उद्देश्य पूरे भारत में स्वच्छता कर्मचारियों की सुरक्षा, गरिमा और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करना है।
- इस कार्यक्रम के दौरान सीवर एवं सेप्टिक टैंक कर्मचारियों (SSWs) और कचरा चुनने वाले श्रमिकों को पीपीई किट, आयुष्मान कार्ड और सुरक्षा उपकरण वितरित किए गए।
NAMASTE योजना
- नेशनल एक्शन फॉर मेकेनाइज़्ड सैनिटेशन इकोसिस्टम (NAMASTE) योजना की शुरुआत जुलाई 2023 में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (MoSJE) तथा आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) द्वारा की गई थी।
- इस योजना का उद्देश्य खतरनाक मैनुअल सफाई कार्यों को रोककर, प्रशिक्षित और प्रमाणित कर्मचारियों के माध्यम से सुरक्षित, यंत्रीकृत स्वच्छता पद्धतियों को बढ़ावा देना है, जिससे स्वच्छता कर्मचारियों की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित की जा सके।
- यह योजना देश के सभी 4800+ शहरी स्थानीय निकायों (Urban Local Bodies – ULBs) में वर्ष 2025-26 तक के तीन वर्षों की अवधि में लागू की जाएगी, जिसका कुल बजट ₹349.70 करोड़ निर्धारित किया गया है।

NAMASTE योजना के अंतर्गत प्रगति
- इस योजना के तहत अब तक देशभर में 90,494 सीवर एवं सेप्टिक टैंक कर्मचारियों का प्रोफाइल तैयार किया गया है।
- इस पहल के अंतर्गत 84,077 स्वच्छता कर्मचारियों को व्यावसायिक सुरक्षा के लिए पीपीई किट्स (PPE Kits) प्रदान की गई हैं।
- साथ ही, 68,341 स्वच्छता कर्मचारियों को स्वास्थ्य सुरक्षा कवरेज के लिए आयुष्मान कार्ड जारी किए गए हैं।
93वाँ वायु सेना दिवस
संदर्भ:
भारतीय वायु सेना (IAF) ने हिंडन वायु सेना स्टेशन पर एक औपचारिक परेड के साथ अपनी 93वीं वर्षगांठ मनाई।
भारतीय वायुसेना
- भारतीय वायुसेना की आधिकारिक स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी।
- वायुसेना का दृष्टिकोण है – एक फुर्तीली और अनुकूलनीय वायुसेना बनना, जो राष्ट्रीय हितों की पूर्ति के लिए निर्णायक एयरोस्पेस शक्ति प्रदान करे।
- भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है — “गौरव के साथ आकाश को छूओ” (Touch the Sky with Glory), जो भगवद गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया है।

भारतीय वायु सेना की स्थिति
- भारत की वायुसेना विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना बन चुकी है, जो इसकी बढ़ती संचालन क्षमता और रणनीतिक प्रतिरोधक शक्ति को दर्शाती है।
- स्वदेशी प्लेटफॉर्म्स और हथियार प्रणालियों ने रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को और मज़बूत किया है।
- भारतीय वायुसेना (IAF) लड़ाकू अभियानों और मानवीय सहायता दोनों में दोहरी क्षमता का प्रदर्शन करती है, जिससे भारत की वैश्विक विश्वसनीयता सुदृढ़ होती है।
- ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन सिंधु जैसे अभियानों से यह सिद्ध होता है कि भारत तेज़ी से सामरिक शक्ति का प्रदर्शन करने और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है।
- भारत की रक्षा तैयारियां और प्रौद्योगिकीय परिष्कृति क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देती हैं और भारत को एक उत्तरदायी रणनीतिक शक्ति के रूप में प्रस्तुत करती हैं।