संदर्भ:

हाल ही में, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (National Health Account-NHA) अनुमान प्रकाशित किया।

अन्य संबंधित जानकारी: 

  • ये रिपोर्ट  राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा श्रृंखला के आठवें और नौवें संस्करण हैं, जो देश के स्वास्थ्य देखभाल व्यय का व्यापक विवरण प्रस्तुत करती हैं। 
  • यह विज्ञप्ति भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा व्यय में वृद्धि और जेब से होने वाले व्यय (OOPE) में कमी जैसे महत्वपूर्ण रुझानों पर प्रकाश डालती है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा की पहुंच में सुधार लाने और नागरिकों के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते  है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा अनुमान के मुख्य बिन्दु  

बढ़ता सरकारी स्वास्थ्य व्यय:

  • सरकारी स्वास्थ्य व्यय (Government Health Expenditure-GHE) में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2014-15 में सकल घरेलू उत्पाद के 1.13% से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 1.84% हो गया है।
  • सामान्य सरकारी व्यय (General Government Expenditure-GGE) में हिस्सेदारी के संदर्भ में, यह वर्ष 2014-15 में 3.94% से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 6.12% हो गया है।
  • प्रति व्यक्ति के संदर्भ में, सरकारी स्वास्थ्य व्यय तीन गुना, वर्ष 2014-15 में 1,108 रुपये से वर्ष 2021-22 में 3,169 रुपये तक बढ़ गया है। 
  • वर्ष 2019-20 और वर्ष 2020-21 के बीच स्वास्थ्य पर सरकारी खर्च में 16.6% की वृद्धि हुई।
  • यह स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए सरकार की सक्रिय रणनीति को दर्शाता है, विशेषकर  से कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के दौरान।

जेब से अधिक खर्च (OOPE) में गिरावट: कुल स्वास्थ्य व्यय में आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय की हिस्सेदारी वर्ष 2014-15 में 62.6% से घटकर वर्ष 2021-22 में 39.4% हो गई है। इस गिरावट का श्रेय सार्वजनिक स्वास्थ्य  व्यय को बढ़ाने, स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच में सुधार करने और चिकित्सा देखभाल चाहने वाले व्यक्तियों के लिए वित्तीय कठिनाई को कम करने के सरकार के प्रयासों का प्रत्यक्ष परिणाम है।

कुल स्वास्थ्य व्यय में सरकारी स्वास्थ्य व्यय की बढ़ी हिस्सेदारी: कुल स्वास्थ्य व्यय(THE) में सरकार की हिस्सेदारी वर्ष 2014-15 में 29% से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 48% हो गई।

स्वास्थ्य पर सामाजिक सुरक्षा व्यय में वृद्धि: स्वास्थ्य पर सामाजिक सुरक्षा व्यय में वर्ष 2014-15 में 5.7% से वर्ष 2021-22 में 8.7% तक की वृद्धि, आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बनाने वाले व्यक्तियों के लिए वित्तीय कठिनाइयों को कम करने के उद्देश्य से एक मजबूत तंत्र को प्रदर्शित करती है। 

  • सामाजिक सुरक्षा में इस वृद्धि का सीधा प्रभाव आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय को कम करने पर पड़ता है।
  • स्वास्थ्य पर सामाजिक सुरक्षा व्यय के हिस्से में सरकार द्वारा वित्तपोषित स्वास्थ्य बीमा, सरकारी कर्मचारियों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति तथा सामाजिक स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम शामिल हैं।

स्वास्थ्य सेवा पर बढ़ते सरकारी खर्च के निहितार्थ

  • वित्तीय कठिनाइयों में कमी: आउट-ऑफ-पॉकेट(OOPE) में कमी वित्तीय सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा व्यय में वृद्धि से परिवारों पर बोझ कम होता है, जिससे निम्न और मध्यम आय वाले परिवारों के लिए स्वास्थ्य सेवा अधिक सुलभ हो जाती है।
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना: बढ़ते सरकारी स्वास्थ्य व्यय ने स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार किया है, जिससे बेहतर सुसज्जित अस्पतालों और विस्तारित टीकाकरण कार्यक्रम संभव हुए हैं।
  • सार्वभौमिक स्वास्थ्य पहुँच की दिशा में प्रगति: स्वास्थ्य देखभाल पर व्यय में वृद्धि, सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों का विस्तार करके और किफायती स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच सुनिश्चित करके सार्वभौमिक स्वास्थ्य पहुंच लक्ष्यों में सहायता करती है।
  • कोविड-19 महामारी पर प्रतिक्रिया: वर्ष 2020-22 में स्वास्थ्य सेवा व्यय में वृद्धि ने कोविड-19 प्रतिक्रिया के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत किया, परीक्षण, उपचार और टीकाकरण कार्यक्रमों का समर्थन किया।

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