संदर्भ:

हाल ही में, MSME विभाग की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के औद्योगिक भूमि बैंक का विस्तार करने और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) के लिए तेज़ व अधिक कुशल पहुँच सुनिश्चित करने के लिए प्लग-एंड-प्ले मॉडल अपनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:

  • उन्होंने कहा कि औद्योगिक परियोजनाओं के लिए पर्याप्त और स्थायी भूमि उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लीज़-रेंटल ढाँचे को राजस्व-साझाकरण के आधार पर संचालित किया जाना चाहिए।
  • उन्होंने आगे कहा कि इस मॉडल को मुख्य रूप से MSME क्षेत्र पर केंद्रित एक व्यापक नीति द्वारा समर्थित किया जाना चाहिए।
  • प्रस्तावित मॉडल की आवश्यकता: भूमि की बढ़ती कीमतें, विशेष रूप से दिल्ली-NCR क्षेत्र में, औद्योगिक विस्तार, तकनीकी उन्नयन और नई इकाइयों के निर्माण में एक बड़ी बाधा उत्पन्न करती हैं।
    • इसलिए, उत्तर प्रदेश के विकास पथ को बनाए रखने के लिए MSME को किफायती भूखंड और तैयार औद्योगिक शेड प्रदान करना महत्वपूर्ण हो जाता है।
  • उद्देश्य: लघु और मध्यम इकाइयों को अनावश्यक बाधाओं के बिना तुरंत उत्पादन शुरू करने में सक्षम बनाना।
    • इसका उद्देश्य उद्योगों को भूमि अधिग्रहण और निर्माण पर समय तथा पूंजी खर्च करने के बजाय उत्पादन, मशीनरी स्थापना और रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देना है।
  • महत्व: यह दृष्टिकोण MSME के लिए वित्तीय जोखिम कम करेगा और उन्हें अधिक परिचालन लचीलापन प्रदान करेगा।
    • प्रस्तावित नीति को भूमि को सरकारी नियंत्रण में रखते हुए दीर्घकालिक स्थिरता और पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए।
  • राजस्व-साझाकरण तंत्र: यह सरल, पारदर्शी और औद्योगिक विकास के लिए सहायक होना चाहिए, जिससे राज्य के भूमि संसाधनों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित हो सके।

प्लग एंड प्ले मॉडल

  • परिभाषा: यह व्यवसायों को अपना परिचालन शुरू करने के लिए आवश्यक सभी बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करता है, जैसे बिजली, सड़क, परिवहन, सीवेज, पानी, संचार टावर, हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएँ, आदि।
    • यह मॉडल, व्यवसायों को किराए पर लेने के लिए पहले से स्थापित सुविधाएँ और फर्नीचर प्रदान करता है।
    • उद्यमियों को बस वहाँ जाकर परिचालन शुरू करना है।
  • स्वामित्व: इस मॉडल के तहत, औद्योगिक विकास प्राधिकरण, तैयार औद्योगिक शेड विकसित करते समय या सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से निर्माण करते समय भूमि का स्वामित्व बनाए रखेंगे।
    • ये पूर्वनिर्मित, उपयोगी सुविधाएँ उद्योगों को किराये के आधार पर प्रदान की जाएंगी।
  • कार्यान्वयन: इस मॉडल को डिज़ाइन-बिल्ड-फाइनेंस-ऑपरेट ट्रांसफर (PPP DBFOT) संरचना के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के माध्यम से क्रियान्वित किया जा सकता है।
    • PPP DBFOT संरचना: इसमें निजी भागीदार डिज़ाइन, निर्माण, वित्तपोषण और संचालन का प्रबंधन करेगा।
      • प्राधिकरण भूमि स्वामित्व और नियामक निगरानी बनाए रखेगा।

MCQ

Q1. उत्तर प्रदेश में MSME के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

1. उत्तर प्रदेश में 90 लाख MSME है, जो भारत के कुल MSME में लगभग 16% का योगदान देता है।

2. वर्ष 2022 में, उत्तर प्रदेश का MSME निर्यात लगभग $16 बिलियन आंका गया, जो राज्य के कुल निर्यात का लगभग 70% है।

उपरोक्त में से कौन सा/से कथन गलत है/हैं?

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1 और न ही 2

    उत्तर: (a)

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