संदर्भ:

हाल ही में, रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने जॉन हॉपफील्ड और जेफ्री हिंटन को “कृत्रिम तंत्रिका तंत्र के साथ मशीन लर्निंग को सक्षम करने वाली मूलभूत खोजों और आविष्कारों हेतु” वर्ष 2024 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया।

अन्य संबंधित जानकारी

  • 91 वर्षीय हॉपफील्ड (एक अमेरिकी वैज्ञानिक) और 76 वर्षीय जेफ्री हिंटन [एक ब्रिटिश-कनाडाई शोधकर्ता, जिन्हें ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का गॉडफादर’ कहा जाता है] को आधुनिक मशीन लर्निंग सिस्टम के मूल सिद्धांतों को स्थापित करने वाले उनके स्वतंत्र लेकिन पूरक शोध के लिए संयुक्त रूप से पुरस्कार दिया गया है। 
  • इस पुरस्कार के माध्यम से मानव मस्तिष्क की कार्यप्रणाली की नकल करने वाले कृत्रिम तंत्रिका तंत्र विकसित करने में उनके मौलिक योगदान को मान्यता प्रदान की गई है। 

कृत्रिम बुद्धिमत्ता मस्तिष्क की नकल कैसे करता  है?

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) प्रणालियाँ मानव संज्ञान के तीन महत्वपूर्ण पहलुओं: पर्यावरणीय बोध , सूचना प्रसंस्करण और अडैप्टिव लर्निंग  को दोहराने का प्रयास करती हैं।
  • ये प्रणालियां डेटा को संसाधित करने के लिए जटिल एल्गोरिदम और तंत्रिका तंत्र का उपयोग उसी तरह से करती हैं, जिस तरह से मानव न्यूरॉन्स परस्पर क्रिया करते हैं, जिससे मशीनें आकृति (Pattern) को पहचानने और सीखे गए अनुभवों के आधार पर निर्णय लेने में सक्षम होती हैं। 

एआई लर्निंग के प्रमुख घटक

  • आकृति पहचान: एआई प्रणालियाँ आवर्ती पैटर्न  और संबंधों की पहचान करने के लिए विशाल डेटासेट का विश्लेषण करती हैं।
  • तंत्रिका तंत्र: परस्पर जुड़े नोड्स का कृत्रिम नेटवर्क जैविक न्यूरॉन्स के समान ही सूचना का प्रसंस्करण करता है।
  • गहन शिक्षण: परिष्कृत एल्गोरिदम मशीनों को अनुभव से सीखने और प्रदर्शन में सुधार करने में सक्षम बनाता है।
  • डेटा प्रसंस्करण: ये तंत्र एक साथ भारी मात्रा में जानकारी को संसाधित और विश्लेषित कर सकते हैं।

जॉन हॉपफील्ड ने क्या किया?

  • हॉपफील्ड का क्रांतिकारी योगदान हॉपफील्ड नेटवर्क का विकास था, जो साहचर्य स्मृति प्रणालियों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।
  • उनके मॉडल  ने प्रदर्शित किया कि किस प्रकार कृत्रिम तंत्रिका तंत्र मानव स्मृति के समान सूचना आकृति को संग्रहित और पुनः प्राप्त कर सकता है।
  • आंशिक जानकारी से सम्पूर्ण आकृति का पुनर्निर्माण करने की तंत्र की क्षमता ने मशीन-लर्निंग क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण प्रगति को चिह्नित किया।

जेफ्री हिंटन ने क्या किया?

  • हिंटन के कार्य ने हॉपफील्ड की अवधारणा (आधार) को आगे बढ़ाया और बोल्ट्ज़मैन मशीन का विकास किया, जिसमें सांख्यिकीय भौतिकी के सिद्धांतों को शामिल किया गया।
  • डीप लर्निंग  और बैकप्रोपेगेशन एल्गोरिदम में उनके नवाचारों ने मशीन लर्निंग में क्रांति ला दी, जिससे तंत्र को स्पष्ट प्रोग्रामिंग के बजाय उदाहरणों से स्वतंत्र रूप से सीखने में सक्षम बनाया गया।
  • इन विकासों ने छवि पहचान से लेकर प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण तक आधुनिक एआई अनुप्रयोगों को सीधे प्रभावित किया।

महत्व एवं चिंताएं

  • इस अभूतपूर्व अनुसंधान ने  एआई क्रांति की आधारशिला रखी है, जो स्वायत्त (स्वचालित) वाहनों से लेकर चिकित्सा निदान तक की प्रौद्योगिकियों को सशक्त बना रही है।
  • चैटजीपीटी जैसे एआई साधनों के बढ़ते उपयोग से इंटरनेट पर झूठी सूचनाओं की बाढ़ आने की चिंता पैदा हो गई है, जिससे लोगों के लिए गलत व सही  सूचना  में अंतर करना मुश्किल हो गया है।
  • ऐसी भी आशंका है कि एआई के कारण नौकरियां खत्म होने से  उद्योगों में अनेक मानवीय भूमिकाएं समाप्त हो सकती हैं।
  • इस प्रकार, दोनों वैज्ञानिक जिम्मेदार एआई विकास और संभावित सामाजिक प्रभावों पर विचार के महत्व पर जोर देते हैं।

Also Read:

क्षय रोग (TB)

Shares: