संबंधित पाठ्यक्रम

सामान्य अध्ययंन-3: विभिन्न सुरक्षा बल एवं एजेंसियां और उनके अधिदेश|

संदर्भ: 

हाल ही में, भारतीय नौसेना ने पूर्वी नौसेना कमान बेस, विशाखापत्तनम में प्रोजेक्ट 17A के दो स्टील्थ फ्रिगेट, आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि को एक साथ कमीशन किया।

अन्य संबंधित जानकारी

  • यह दो अलग-अलग शिपयार्डों में स्वदेशी तकनीक से निर्मित दो अग्रणी सतही लड़ाकू जहाजों की एक साथ पहली कमीशनिंग है।
  • रक्षा मंत्री ने घोषणा की कि आईएनएस तमाल भारतीय नौसेना का अंतिम विदेश निर्मित जहाज होगा, क्योंकि रक्षा जहाज निर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए भविष्य के सभी नौसैनिक जहाजों का निर्माण भारत में ही किया जाएगा।
  • दोनों फ्रिगेट में लगभग 75% स्वदेशी सामग्री है, जो 200 से अधिक एमएसएमई (MSMEs) द्वारा उपलब्ध करायी गई है।
  • दोनों फ्रिगेट पूर्वी नौसेना कमान के तहत पूर्वी बेड़े में शामिल होंगे।

आईएनएस उदयगिरि के बारे में

  • इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL), मुंबई द्वारा किया गया था और यह नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो (WDB) द्वारा डिजाइन किया गया 100वां युद्धपोत है, जो स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
  • भारतीय शिपयार्डों द्वारा अपनाई गई मॉड्यूलर निर्माण तकनीक के कारण, यह जहाज लॉन्च होने के पश्चात अपनी श्रेणी में सबसे तेज गति वाला पोत माना जाता है।”
  • यह पूर्ववर्ती आईएनएस उदयगिरि (F35) की विरासत को पुनः जीवंत करता है, जिसने 1976 से 2007 तक भारतीय नौसेना में सेवा दी थी।
  • आदर्श वाक्य है ‘संयुक्ताः परमोजयाः’, जिसका अर्थ है एकजुटता में महान विजय है।

 आईएनएस हिमगिरी के बारे में

  • इसका निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता द्वारा किया गया है, जो उन्नत युद्धपोत निर्माण के लिए भारत की बहु-शिपयार्ड क्षमता को दर्शाता है और यह नौसेना के युद्धपोत डिज़ाइन ब्यूरो (WDB) द्वारा डिज़ाइन किया गया 101वाँ युद्धपोत है।
  • इसे शिवालिक-श्रेणी (प्रोजेक्ट 17) के अनुवर्ती जहाज के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जिसमें उन्नत स्टील्थ, उन्नत हथियार, सेंसर और आधुनिक प्रणोदन प्रणाली है।
  • यह आईएनएस हिमगिरि (F34)  का स्मरण कराता है, जिसने 1974 से 2005 तक नौसेना में सेवा दी थी और यह भारत के उभरते समुद्री नौसेना बल में इसकी विरासत को आगे बढ़ाएगा।

उदयगिरि और हिमगिरि की विशेषताएं

  • स्टील्थ: दोनों फ्रिगेट्स में उन्नत स्टील्थ तकनीक, न्यूनतम रडार सिग्नेचर और अत्याधुनिक निगरानी रडार प्रणाली शामिल हैं, जो शत्रु द्वारा पता लगाए जाने की संभावना को अत्यंत न्यूनतम करने में सक्षम हैं।
  • प्रणोदन: दोनों जहाजों में संयुक्त डीजल या गैस प्रणोदन संयंत्र और अत्याधुनिक एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन प्रणाली है, जो उच्च गति और बेहतर ईंधन दक्षता प्रदान करती है।
  • आयुध: इलेक्ट्रॉनिक युद्धक उपकरणों, सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक मिसाइलों, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और रैपिड-फायर गन प्रणालियों से लैस।

प्रोजेक्ट 17A (अल्फा)

  • प्रोजेक्ट 17A (अल्फा) भारतीय नौसेना की एक पहल है जिसके तहत सात उन्नत, स्वदेशी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट बनाए जाएंगे, जिन्हें बेहतर स्टील्थ, हथियार और सेंसर के साथ डिज़ाइन किया गया है।
  • इसे 2019 में लॉन्च किया गया था और ये फ्रिगेट प्रोजेक्ट 17 (शिवालिक क्लास) फ्रिगेट्स के अनुवर्ती वर्ग हैं।
  • प्रोजेक्ट 17A के अंतर्गत कुल 7 फ्रिगेट मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) में निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं।
  • प्रोजेक्ट 17 A के 7 फ्रिगेट: नीलगिरि, हिमगिरि, तारागिरि, उदयगिरि, दूनागिरि, महेंद्रगिरि और विंध्यगिरि।

स्रोत:
The Hindu
New Indian Express
Pib

Shares: