संदर्भ:
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने हाल ही में “अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी श्रमिकों पर वैश्विक अनुमान” रिपोर्ट का चौथा संस्करण जारी किया है।
रिपोर्ट के मुख्य बिन्दु
वैश्विक श्रम बल में प्रवासी श्रमिक: 2022 तक, अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी, वैश्विक श्रम बल का 4.7% थें, जिनकी कुल संख्या लगभग 167.7 मिलियन थी।
लिंग वितरण: प्रवासी श्रमिकों में 61.3% पुरुष (102.7 मिलियन) और 38.7% महिलाएँ (64.9 मिलियन) थीं।
आयु समूह: अधिकांश प्रवासी श्रमिक (74.9%), 25-54 वर्ष आयु समूह के थें, जो वैश्विक श्रम मांगों को पूरा करने में इस समूह की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
क्षेत्रीय संकेन्द्रण: प्रवासी श्रमिकों का एक बड़ा हिस्सा (68.4%) उच्च आय वाले देशों में रहता है, जो कुल संख्या का 114.7 मिलियन हैं।
- इन देशों में उच्च जीवन स्तर और श्रम बाजार के अवसरों ने प्रवासियों को यहाँ प्रवासन के लिए प्रोत्साहित किया।
क्षेत्रीय प्रवृत्तियाँ: यूरोप और मध्य एशिया में 34.5% प्रवासी श्रमिक (57.8 मिलियन) रहते हैं।
- उत्तरी, दक्षिणी और पश्चिमी यूरोप में प्रवासियों की हिस्सेदारी 2013 में 22.5% से बढ़कर 2022 में 23.3% हो गई, जबकि अन्य क्षेत्रों में मामूली गिरावट देखी गई।
बेरोज़गारी दर: वर्ष 2022 में, अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों के बीच बेरोज़गारी दर 7.2% थी, जबकि गैर-प्रवासियों में यह 5.2% थी।
सेवा क्षेत्र का महत्व: अधिकांश नियोजित अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी श्रमिक, सेवा क्षेत्र में कार्यरत थे।
- प्रवासियों का एक बड़ा हिस्सा (68.4%) सेवा क्षेत्र में कार्यरत था, जबकि गैर-प्रवासियों में यह आँकड़ा 51.5% था।
- यह प्रवृत्ति मुख्यतः केयर वर्क और घरेलू कार्य की वैश्विक मांग द्वारा प्रेरित थी।
प्रवासी श्रमिकों के समक्ष चुनौतियाँ:
- लैंगिक असमानताएं: महिला प्रवासी श्रमिकों को अक्सर नौकरी के सीमित अवसर (मुख्य रूप से सेवा और केयर वर्क के क्षेत्र में), बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी और सामाजिक-सांस्कृतिक बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
- क्षेत्रक विशेष संकेन्द्रण: अधिकांश प्रवासी श्रमिक, विशेषकर महिलाएँ, स्वास्थ्य सेवा और घरेलू कार्य जैसे सेवा क्षेत्र में कार्यरत हैं।
- कोविड-19 का प्रभाव : महामारी ने प्रवासी श्रमिकों को काफी प्रभावित किया है, विशेष रूप से जो पर्यटन और सेवा जैसे क्षेत्रों में कार्यरत थे। इन क्षेत्रों में नौकरियों का जाना असामान्य रूप से अधिक था, जो प्रवासी श्रमिकों पर निर्भर उद्योगों की सुभेद्यता को दर्शाता है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों को समर्थन देने हेतु भारत की पहल:
युवा और कुशल पेशेवरों के लिए नियमित और सहायता प्राप्त प्रवासन को बढ़ावा देना (PRAYAS) : इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) भारत द्वारा विदेश मंत्रालय और विश्व मामलों की भारतीय परिषद (ICWA) के सहयोग से 2023 में लॉन्च किया गया था।
- परियोजना में अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन और गतिशीलता की प्रवृत्तियों और पैटर्न पर एक मैपिंग रिपोर्ट लाने की परिकल्पना की गई है।
मदद (MADAD) पोर्टल : इसे 2015 में विदेश मंत्रालय द्वारा विदेश में भारतीय छात्रों और श्रमिकों के लिए कांसुलर सहायता, शिकायत पंजीकरण और निवारण के लिए शुरू किया गया।
- यह प्रवासियों को सहायता प्राप्त करने और समस्याओं को दर्ज कराने के लिए एक ऑनलाइन मंच प्रदान करता है।
ओवरसीज वर्कर्स रिसोर्स सेंटर: यह 2008 से कार्यरत है और इच्छुक प्रवासियों और श्रमिकों को विदेश में रोजगार के सभी पहलुओं पर जानकारी प्रदान करता है।
- इसके तहत एक बहुभाषी 24×7 टोल-फ्री हेल्पलाइन संचालित की जाती है।