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सामान्य अध्ययन 3: बुनियादी ढांचा: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, हवाई अड्डे, रेलवे आदि।

संदर्भ: भारत ने अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) की 81 वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) और विश्व वायु परिवहन शिखर सम्मेलन (WATS) के पूर्ण सत्र की मेजबानी की।

अन्य संबंधित जानकारी

  • यह तीसरी बार है जब भारत IATA की वार्षिक आम बैठक (AGM) की मेजबानी कर रहा है। भारत ने पहली बार 1958 में और दूसरी बार 1983 में इसकी मेजबानी की थी।
  • नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित बैठक में 1,600 से अधिक वैश्विक विमानन उद्योग के नेतृत्वकर्ता , सरकारी अधिकारी और मीडिया प्रतिनिधि शामिल हुए।
  • विश्व वायु परिवहन शिखर सम्मेलन विमानन उद्योग के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों पर केंद्रित था, जिसमें एयरलाइन उद्योग का अर्थशास्त्र, वायु संपर्क, ऊर्जा सुरक्षा, सतत विमानन ईंधन उत्पादन, डीकार्बोनाइजेशन का वित्तपोषण , नवाचार आदि शामिल थे।

मुख्य बाते : AGM एवं WATS में नागरिक विमानन में भारत का परिवर्तन

  • भारत अब विश्व का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाज़ार है।
  • वर्तमान में प्रतिवर्ष 240 मिलियन से अधिक यात्री हवाई यात्रा करते हैं तथा 2030 तक यह आंकड़ा 500 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है।
  • हवाई माल ढुलाई 3.5 मिलियन मीट्रिक टन है, जिसके 2030 तक 10 मिलियन मीट्रिक टन तक बढ़ने का अनुमान है ।
  • परिचालन हवाई अड्डों की संख्या 2014 में 74 से बढ़कर 2025 में 162 हो जाएगी।
  • भारत के हवाई अड्डों की संयुक्त यात्री संचालन क्षमता अब प्रति वर्ष 500 मिलियन है।
  • विमान पट्टे और MRO क्षेत्र की वृद्धि:
  • भारत गिफ्ट सिटी में प्रोत्साहन के साथ एक वैश्विक विमान पट्टे केंद्र के रूप में उभर रहा है
  • रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (MRO) :
    • सुविधाएं 96 (2014) से बढ़कर 154 हो गईं ।
    • लक्ष्य : 2030 तक 4 बिलियन डॉलर का MRO हब विकसित करना
    • 100% FDI, GST कटौती और कर सुधारों ने इस क्षेत्र को बढ़ावा दिया है।

समावेशी और लिंग-संवेदनशील विकास

  • भारतीय पायलटों में 15% महिलाएं हैं (वैश्विक औसत से 3 गुना अधिक)।
  • 86% केबिन क्रू महिलाएं हैं (वैश्विक औसत: ~70%)।
  • MRO क्षेत्र में महिला इंजीनियरों की संख्या वैश्विक औसत से अधिक है।

भारत के विमानन क्षेत्र को आगे बढ़ाने वाले तीन आधारभूत स्तंभ:

  • एक विशाल बाज़ार – केवल उपभोक्ताओं का समूह नहीं, बल्कि भारत के आकांक्षी समाज का प्रतिबिंब।
  • एक मजबूत जनसांख्यिकी और प्रतिभा पूल – जहां युवा नवप्रवर्तक कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी सफलताएं  प्राप्त कर रहे हैं।
  • एक खुला और सहायक नीति पारिस्थितिकी तंत्र – औद्योगिक विकास को सक्षम बनाना।

अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA)

  • IATA की स्थापना 19 अप्रैल 1945 को हवाना, क्यूबा में हुई थी।
  • यह विश्व के उपभोक्ताओं के लाभ के लिए सुरक्षित, विश्वसनीय, संरक्षित और किफायती हवाई सेवाओं को बढ़ावा देने में अंतर-एयरलाइन सहयोग का प्रमुख माध्यम है।
  • अपनी स्थापना के समय, IATA में 31 देशों के 57 सदस्य थे, जिनमें से ज़्यादातर यूरोप और उत्तरी अमेरिका के थे। वर्तमान में, इसमें  विश्व के हर हिस्से के 120 देशों के लगभग 350 सदस्य हैं।
  • भारत अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) का संस्थापक सदस्य नहीं था।
  • इसका मुख्यालय मॉन्ट्रियल, कनाडा में है तथा कार्यकारी कार्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में हैं।

विमानन क्षेत्र में भारत द्वारा उठाए गए कदम:

  • उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना 2016 : देश में परिचालन हवाई अड्डों की संख्या 2014 में 74 से दोगुनी होकर 2024 में 157 हो गई है और 2047 तक इसे 350-400 तक बढ़ाने का लक्ष्य है।
  • डिजी यात्रा ऐप को डिजिटल विमानन का अग्रणी उदाहरण  के रूप मे |
  • विमान वस्तुओं में हितों की सुरक्षा विधेयक , इस वर्ष संसद में पारित हुआ, जो भारत में केप टाउन कन्वेंशन को कानूनी अधिकार प्रदान करता है। यह भारत में वैश्विक विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों के लिए नए अवसर खोलता है।
  • भारत ने शिकागो कन्वेंशन के सिद्धांतों का समर्थन किया है , तथा अधिक कनेक्टेड एवं सुलभ विमानन नेटवर्क की वकालत की है।
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