संदर्भ:

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) ने बर्ड फ्लू के H5N2 प्रभेद (स्ट्रेन) से पहली बार किसी इंसान की मौत की पुष्टि की है।

अन्य संबंधित जानकारी 

  • H5N2 प्रभेद (स्ट्रेन) से पीड़ित व्यक्ति मैक्सिको का निवासी था और उसकी मृत्यु एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N2) के लक्षणों से पीड़ित होने के बाद हुई। 
  • एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian Influenza) विषाणु से इंसानों का संक्रमित होना कोई नई बात नहीं है। विशेषकर, वर्ष 1997 में पहली बार इंसानों में H5N1 उपप्रकार (Subtype) से मनुष्य के संक्रमित होने के बाद से लेकर अब तक किसी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई है।
  • नवीनतम मामला चिंताजनक है, क्योंकि पीड़ित का संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने का कोई विवरण नहीं था, जो मुर्गीपालन से सीधे जुड़े हुए बिना भी मनुष्यों को संक्रमित करने की विषाणु की क्षमता में संभावित बदलाव को दर्शाता है।

एवियन इन्फ्लूएंजा क्या है?

  • सामान्यतः बर्ड फ्लू के नाम से जाना जाने वाला एवियन इन्फ्लूएंजा एक विषाणुजनित संक्रमण है, जो मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करता है। हालाँकि, वायरस के कुछ उपप्रकार मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकते हैं, जिससे गंभीर श्वसन संबंधी बीमारियाँ हो सकती हैं।
  • इनमें से सबसे महत्वपूर्ण उपप्रकार H5N1 है, जो अतीत में की मनुष्यों में होने वाले संक्रमणों और उनकी मृत्यु के लिए जिम्मेदार रहा है।

बर्ड फ्लू कैसे फैलता है?

  • बर्ड फ्लू एक प्राणि संक्रमण (जूनोटिक) रोग है, अर्थात यह पशुओं से मनुष्यों में फैल सकता है।
  • मनुष्य संक्रमित पशुओं के शरीर के तरल पदार्थ, जैसे लार, श्वसन बूंदें (ड्रॉपलेट) या मल के संपर्क में आने से बर्ड फ्लू से संक्रमित हो सकता है।
  • यह विषाणु (वायरस) पशुओं के आवासों में मौजूद धूल के छोटे कणों के माध्यम से साँस के माध्यम से मनुष्य के शरीर में प्रवेश करके उसे संक्रमित कर सकती है।यदि मनुष्य दूषित शारीरिक तरल पदार्थ को छूते हैं और फिर अपनी आँख, नाक या मुँह को छूते हैं, तो विषाणु मनुष्य के शरीर में प्रवेश करके उसे बर्ड फ्लू से भी संक्रमित कर सकता है।
  • यदि मनुष्य दूषित शारीरिक तरल पदार्थ को छूते हैं और फिर अपनी आँख, नाक या मुँह को छूते हैं, तो विषाणु मनुष्य के शरीर में प्रवेश करके उसे बर्ड फ्लू से भी संक्रमित कर सकता है।
  • आम धारणा के विपरीत, बर्ड फ्लू अच्छी तरह से पके मुर्गे या अंडे को खाने से नहीं होता है।
  • मनुष्यों में एवियन इन्फ्लूएंजा के लक्षण सामान्य फ्लू के समान ही होते हैं और इसमें बुखार, खाँसी, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द और गंभीर श्वसन संबंधित परेशानी देखने को मिल सकती है।
  • H5N2 संक्रमण की पुष्टि रियल-टाइम पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) जैसी आणविक परीक्षण विधियों के माध्यम से की जाती है, जिसमें रोगी के नमूनों में विषाणु (वायरस) का पता लगाया जाता है।
  • ओसेल्टामिविर (oseltamivir) और ज़ानामिविर (zanamivir) जैसे न्यूरामिनिडेस अवरोधकों का उपयोग वायरल प्रतिकृति अवधि को कम करने और H5N2 मामलों में जीवन की स्थिति में सुधार करने के लिए किया जाता है। 

डब्ल्यूएचओ की प्रतिक्रिया

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए सतर्कता और निवारक उपायों को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। इसके प्रमुख अनुशंसाओं में शामिल हैं:

  • बीमार या मृत पक्षियों के संपर्क से बचना।
  • यह सुनिश्चित करना कि पोल्ट्री उत्पाद अच्छी तरह से पके हों। 
  • नये मामलों का शीघ्र पता लगाने और उनका उपचार करने हेतु मजबूत निगरानी प्रणाली लागू करना।

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