संदर्भ
हाल ही में, वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII), 2024 जारी किया गया , जिसमें शामिल कुल 133 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में भारत 39वें स्थान पर है।
सूचकांक के मुख्य बिन्दु
नवीनतम संस्करण इस सूचकांक का 17वाँ संस्करण है। स्विट्जरलैंड (67.5), स्वीडन (64.5) और संयुक्त राज्य अमेरिका (62.4) समग्र वैश्विक नवाचार सूचकांक और उच्च आय समूह वाले देशों की सूची में शीर्ष तीन देशों में शामिल हैं।
- स्विट्जरलैंड लगातार 14वें वर्ष जीआईआई सूची में शीर्ष स्थान पर है।
जीआईआई, 2024 में चीन 11 वें स्थान पर है। यह जीआईआई के शीर्ष 30 देशों में शामिल एकमात्र मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था है।
चीन लगातार दूसरे वर्ष शीर्ष 100 में सबसे अधिक क्लस्टरों (26) के साथ शीर्ष पर है। इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका 20 क्लस्टर के साथ दूसरे स्थान पर है, तथा जर्मनी 08 क्लस्टर के साथ तीसरे स्थान पर है।
भारत का स्थान
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- भारत 38.3 (100 में से) अंक के साथ 39वें स्थान पर है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष भारत के स्थान में सुधार हुई है। पिछले वर्ष भारत को 38.1 अंक प्राप्त हुआ था और वह 132 देशों में 40वें स्थान पर था।
- भारत, चीन और तुर्की के साथ सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं के रूप में उभरा है।
- इसके अतिरिक्त, भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (एस एंड टी) क्लस्टर रैंकिंग में वैश्विक स्तर पर चौथे स्थान पर है, जिसके 4 क्लस्टर (मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई) विश्व के शीर्ष 100 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (एस एंड टी) क्लस्टरों में शामिल हैं।
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- भारत 38 निम्न-मध्यम आय अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष स्थान पर है।
- भारत मध्य और दक्षिणी एशिया की 10 अर्थव्यवस्थाओं में भी शीर्ष स्थान पर है।
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वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) के बारे में
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- विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) द्वारा प्रतिवर्ष वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) जारी किया जाता है।
- यह वैश्विक स्तर पर नवाचार की प्रवृत्तियों के मूल्यांकन के लिए एक मानक (बेंचमार्क) के रूप में कार्य करता है।
- इसे वर्ष 2007 में INSEAD और ब्रिटिश पत्रिका वर्ल्ड बिजनेस द्वारा लॉन्च किया गया था। विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) वर्ष 2021 से कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और INSEAD के साथ मिलकर वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) को जारी करता है।
जीआईआई रिपोर्ट सात मापदंडों के अंतर्गत संकलित 80 से अधिक संकेतकों पर आधारित है, जो है:
- संस्थान, मानव पूँजी और अनुसंधान, अवसंरचना, बाजार का सुसंस्करण, व्यापार का सुसंस्करण, ज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आउटपुट, और रचनात्मक आउटपुट।
ग्लोबल इनोवेशन ट्रैकर, 2024 नवाचार चक्र के चार प्रमुख चरणों का आकलन करके इन महत्वपूर्ण प्रश्नों को संबोधित करता है।
- विज्ञान और नवाचार निवेश;
- तकनीकी प्रगति;
- प्रौद्योगिकी को अपनाना
- नवाचार का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव।
नवाचार के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई पहल
- स्टार्ट-अप इंडिया (Start-Up India): भारत सरकार ने स्टार्टअप के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने, नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने हेतु स्टार्ट-अप इंडिया की शुरुआत की। यह पहल पूरे देश में नए व्यवसायों को बढ़ावा देने और निवेश को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- डिजिटल इंडिया (Digital India): डिजिटल इंडिया का उद्देश्य अवसंरचना और डिजिटल साक्षरता में सुधार करके भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है। यह पहल प्रौद्योगिकी और सेवाओं तक पहुँच बढ़ाने के साथ-साथ डिजिटल युग में आर्थिक विकास को गति देने के लिए आवश्यक है।
- अटल इनोवेशन मिशन (Atal Innovation Mission-AIM): अटल इनोवेशन मिशन स्कूलों में नवोन्मेषी विचारों को बढ़ावा देने और विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्टअप को सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है। यह पहल रचनात्मकता सहयोग को प्रोत्साहित करके भारत को वैश्विक नवाचार में अग्रणी बनाने में मदद करती है।
निष्कर्ष
यह रैंकिंग वैश्विक नवाचार के अगुआ के रूप में भारत की बढ़ती क्षमता को दर्शाती है, जो विशेष रूप से तकनीकी के विकास और उद्यमशीलता को प्राथमिकता देने वाली सरकारी पहलों के माध्यम से देखने को मिल रही है।