संदर्भ:

भारत और इटली के प्रधानमंत्री इटली में आयोजित G-7 शिखर सम्मेलन के दौरान व्यापार और प्रौद्योगिकी संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा करेंगे।

अन्य संबंधित जानकारी

  • इस वर्ष इटली G7 की अध्यक्षता कर रहा है। इटली में 13 और 14 जून को G7 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
  • इटली ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को G-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र (Outreach Sessions) में आमंत्रित किया है। दोनों लोकतांत्रिक देश कानून के शासन, मानवाधिकारों के सम्मान और समावेशी विकास के माध्यम से आर्थिक विकास प्राप्त करने हेतु प्रतिबद्ध हैं।

इस शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा करेंगे, जिसमें शामिल है:

  • अफ्रीका, जलवायु परिवर्तन और विकास पर चर्चा की जाएगी, जिसमें ग्लोबल साउथ और भारत के विकास लक्ष्यों के लिए उनके महत्व पर जोर दिया जाएगा।
  • मिडिल-ईस्ट और यूक्रेन में जारी संघर्ष के इसके एजेंडे पर हावी रहने की उम्मीद है।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता या कृत्रिम मेघा (AI) एक प्रमुख विषय होगा, जो इसके अनुप्रयोगों और क्षमता पर भारत के बढ़ते ध्यान को प्रतिबिंबित करेगा। 

G-7 (सात देशों का समूह)

  • सदस्य: G-7 औद्योगिक लोकतंत्रों का एक अनौपचारिक समूह है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और यूनाइटेड किंगडम (यूके) शामिल है। भारत इसका सदस्य नहीं है।
  • प्रयोजन: आर्थिक नीतियों, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा और समन्वय करने के साथ-साथ वैश्विक मुद्दों पर ध्यान देना।
  • बैठकें: वार्षिक शिखर सम्मेलन और समय-समय पर मंत्रिस्तरीय बैठकें। 

भारत और इटली के बीच संबंध

  • गत वर्ष दोनों देशों ने अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाई।
  • इटली 18 वाँ सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है, जिसके द्विपक्षीय संबंधों को रक्षा, हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा, ऊर्जा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करते हुए ‘रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक बढ़ाया गया है। 

राजनीतिक संबंध

  • वर्ष 2020 में एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में कार्य योजना 2020-2024 को अपनाया गया था, जिसमें अर्थव्यवस्था, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा लोगों के बीच सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में बढ़ी हुई साझेदारी के लिए एक महत्वाकांक्षी एजेंडा निर्धारित किया गया था।
  • इटली के प्रधानमंत्री ने सितंबर, 2023 में नई दिल्ली में आयोजित G-20 के प्रमुखों के शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
  • इटली भारत के नेतृत्व वाली प्रमुख वैश्विक पहलों जैसे अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA), आपदा-रोधी अवसंरचना गठबंधन (CDRI), भारत-प्रशांत महासागर पहल (IPOI), वैश्विक जैव-ईंधन गठबंधन (GBA) और भारत- मिडिल ईस्ट-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEEC) में शामिल है।

आर्थिक संबंध

  • जर्मनी, बेल्जियम और नीदरलैंड के बाद इटली यूरोपीय संघ में भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
  • आर्थिक जुड़ाव के संदर्भ में, वित्तीय वर्ष 2022-23 में द्विपक्षीय व्यापार 15 बिलियन डॉलर था, जिसमें निर्यात 8.691 बिलियन डॉलर था, जो अब तक का उच्चतम था।
  • इटली में, भारत का अनुमानित निवेश लगभग 400 मिलियन डॉलर होने की संभावना है तथा भारत में 700 से अधिक इटली की कंपनियाँ हैं, जिनका कुल कारोबार 9.7 बिलियन यूरो है।
  • जनवरी, 2000 से दिसंबर, 2023 तक 3.53 बिलियन डॉलर के संचयी एफडीआई प्रवाह के साथ इटली भारत का 18 वाँ सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है।

विज्ञान एवं तकनीकी जुड़ाव

  • वित्तीय वर्ष 2022-24 के दौरान सहयोग के कार्यकारी कार्यक्रम के अंतर्गत, भारत और इटली संयुक्त रूप से जैव चिकित्सा/स्वास्थ्य विज्ञान और सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक विरासत पर लागू प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में तीन उत्कृष्टता नेटवर्क को वित्तपोषित कर रहे हैं।
  • इसरो ने वाणिज्यिक माध्यम से इटली से पाँच उपग्रह को प्रक्षेपित किया हैं।
  • इटली गुजरात में एक “इटैलियन एक्सीलेंस प्लेटफॉर्म” विकसित कर रहा है, जो राज्य के फणीधर “मेगा फूड पार्क” में श्रमिकों को तकनीकी प्रशिक्षण और कौशल निर्माण प्रदान करेगा।

भारतीय प्रवासी

  • नीदरलैंड के बाद इटली में यूरोपीय संघ के के देशों में भारत का दूसरा सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है। इटली में भारतीय समुदाय की अनुमानित संख्या 2 लाख है, जिसमें भारतीय मूल के व्यक्ति (PIOs) शामिल हैं और यह इटली में 5 वाँ सबसे बड़ा विदेशी समुदाय है।

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