संदर्भ:

हाल ही में, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने ई-सांख्यिकी (eSankhyiki) पोर्टल लॉन्च किया है।

अन्य संबंधित जानकारी 

  • ई-सांख्यिकी (eSankhyiki) पोर्टल को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के उपलक्ष्य में 29 जून को आयोजित एक समारोह में भारत के 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया द्वारा लॉन्च किया गया है।
  • मंत्रालय ने योजनाकारों, नीति-निर्माताओं, शोधकर्ताओं और आम जनता को वास्तविक समय (रियल टाइम) में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए ई-सांख्यिकी पोर्टल विकसित किया है।
  • इस पोर्टल का उद्देश्य देश में आधिकारिक आँकड़ों के प्रसार को आसान बनाने के लिए एक व्यापक डेटा प्रबंधन और साझाकरण प्रणाली स्थापित करना है।
  • यह पहल राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस (29 जून) की थीम – ‘निर्णय लेने के लिए डेटा का उपयोग’ (Use of Data for Decision Making) के अनुरूप है, क्योंकि यह साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने के लिए डेटा तक आसान पहुँच हेतु आवश्यक है।
  • ई -सांख्यिकी पोर्टल के दो मॉड्यूल हैं, जिसमें शामिल है:

(A) डेटा कैटलॉग मॉड्यूल

  • यह मॉड्यूल मंत्रालय की प्रमुख डेटा परिसंपत्तियों तक आसान पहुँच प्रदान करने हेतु उनको एक ही स्थान पर सूचीबद्ध करता है। यह उपयोगकर्ताओं को डेटा-समूह में, तालिकाओं में ढूँढने और वांछित डेटा को डाउनलोड करने की अनुमति देता है, ताकि उसकी कीमत और पुनः प्रयोज्यता बढ़ सके।

मॉड्यूल में सात प्रकार के डेटा के परिमाण शामिल हैं, जो है:

  • राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी
  • उपभोक्ता मूल्य सूचकांक
  • औद्योगिक उत्पादन सूचकांक
  • उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण
  • आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण
  • घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण
  • बहुसंकेतक सर्वेक्षण

(B) सूक्ष्म संकेतक मॉड्यूल (Macro Indicators Module):

  • यह मॉड्यूल प्रमुख सूक्ष्म संकेतकों का टाइम सीरीज डेटा प्रदान करता है, जिसमें डेटा को फ़िल्टर करने और विज़ुअलाइज़ करने की सुविधाएँ हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं के लिए पहुँच आसान हो जाती है।
  • यह मॉड्यूल उपयोगकर्ताओं को कस्टम डेटासेट, विज़ुअलाइज़ेशन डाउनलोड करने और उन्हें API (एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफ़ेस) के माध्यम से साझा करने की अनुमति देता है, जिससे डेटा की पुनः प्रयोज्यता बढ़ जाती है।

मॉड्यूल के पहले चरण में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के चार प्रमुख रिपोर्ट के शामिल हैं:

  • राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी
  • उपभोक्ता मूल्य सूचकांक
  • औद्योगिक उत्पादन सूचकांक
  • उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण
  • इसमें विगत दस वर्षों का डेटा शामिल है और वर्तमान में इसमें 1.7 मिलियन से अधिक रिकॉर्ड मौजूद हैं।

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