संदर्भ:

हाल ही में, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने अपना नवीनतम पृथ्वी-अवलोकन उपग्रह (EOS) लॉन्च किया है, जिसे जलवायु को बेहतर ढंग से समझने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

अर्थकेयर मिशन (EarthCARE mission) के बारे में

  • अर्थकेयर मिशन यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जाक्सा-JAXA) के बीच का एक सहयोग है।
  • यह उपग्रह सूर्य-तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा (Sun-synchronous Polar Orbit) में लगभग 393 किलोमीटर की ऊँचाई पर परिक्रमा करेगा। इसे प्रत्येक 25 दिन में पृथ्वी की पूरी परिक्रमा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • इसमें बादलों, प्रश्लिष या ऐरोसॉल और विकिरण का अध्ययन करने के लिए लिडार अथवा लेसर अवरक्त रडार (LiDAR), रडार, रेडियोमीटर और मल्टीस्पेक्ट्रल इमेजर उपकरण लगे हुए हैं।
  • इसे स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च किया गया था । यह छह महीने की कमीशनिंग अवधि से गुजरेगा और इस मिशन का जीवनकाल कम से कम तीन साल का होगा।

मिशन का उद्देश्य:

  • अर्थकेयर (EarthCARE) मुख्य रूप से जलवायु गतिशीलता में बादल निर्माण और पृथ्वी के वायुमंडल की समझ बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है।
  • अर्थकेयर का उद्देश्य सौर विकिरण को परावर्तित करने और अवरक्त विकिरण को रोकने में बादलों और प्रश्लिष या ऐरोसॉल की भूमिका का अध्ययन करना है।
    अन्य अंतरिक्ष यान भी इसी प्रकार के माप करते हैं, जैसे – फरवरी में प्रक्षेपित नासा का प्लैंकटन, प्रश्लिष या ऐरोसॉल, क्लाउड, महासागरीय पारिस्थितिकी तंत्र (PACE) अंतरिक्ष यान।
  • अर्थकेयर जल की बूंदों (ड्रॉपलेट) और बर्फ के क्रिस्टलों के वितरण को रिकॉर्ड करने के साथ-साथ बादलों के भीतर उनकी गतिविधियों पर नज़र रखेगा।
  • इस मिशन का उद्देश्य बादलों की गतिविधि, संरचना और प्रश्लिष या ऐरोसॉल के साथ अंतःक्रिया पर आवश्यक डेटा एकत्र करके बादलों और जलवायु मॉडलों की सटीकता को बढ़ाना और संख्यात्मक मौसम पूर्वानुमान में सहायता करना है।
  • यह शोध पृथ्वी के वायुमंडलीय गतिशीलता और जलवायु प्रक्रियाओं के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करेगा।

बादल, प्रश्लिष या ऐरोसॉल और पृथ्वी के विकिरण संतुलन के बीच संबंध

  • विकिरण बजट (Radiation Budget), सूर्य से आने वाली ऊर्जा और पृथ्वी से बाहर जाने वाली परावर्तित (लघुतरंग) और विकिरणीय तापीय (दीर्घतरंग) ऊर्जा के बीच समग्र संतुलन का वर्णन करता है, जो कि बादलों और प्रश्लिष या ऐरोसॉल सहित विभिन्न कारकों से प्रभावित होता है।
  • बादल आने वाली सौर विकिरण को अवशोषित, प्रकीर्णित और परावर्तित करने तथा बाहर जाने वाली ऊष्मीय विकिरण को रोककर पृथ्वी की जलवायु में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • एरोसोल वायुमंडल में मौजूद जल के छोटे कण या बूंदें हैं। वे प्राकृतिक या मानव निर्मित हो सकते हैं और इनमें धूल, पराग, कालिख, धुआँ और तरल बूंदें जैसे पदार्थ शामिल हो सकते हैं।
  • हालाँकि प्रश्लिष के प्राकृतिक स्रोतों में ज्वालामुखी विस्फोट, समुद्री स्प्रे और जैविक क्षय शामिल हैं, जबकि जैसी मानवीय गतिविधियाँ जैसे कि औद्योगिक उत्सर्जन, वाहन उत्सर्जन और कृषि पद्धतियाँ भी वायुमंडल में प्रश्लिष सांद्रता में योगदान करती हैं।
  • प्रश्लिष बादल के निर्माण के लिए आवश्यक हैं, क्योंकि वे बादल संघनन नाभिक (CCN ) और बर्फ नाभिक (IN) के रूप में कार्य करते हैं।

कुछ वायुमंडलीय प्रश्लिष आने वाले सौर विकिरण को प्रकीर्णित कर देते हैं, तथा कुछ प्रकार के प्रश्लिष सौर विकिरण को अवशोषित भी कर सकते हैं।

  • प्रश्लिष जो मुख्यतः अपने शीतलन प्रभाव से सौर विकिरण को प्रकीर्णित करते हैं, जिससे पृथ्वी से परावर्तित कुल सौर विकिरण की संख्या बढ़ जाती है।
  • तेजी से अवशोषित करना प्रश्लिष के ऊष्मीय प्रभाव को प्रदर्शित करता है।

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विवेकानंद रॉक मेमोरियल

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