संदर्भ:
हाल ही में, ब्रिक्स (BRICS) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक रूस के नोवगोरोड में आयोजित की गई थी।
अन्य संबंधित जानकारी
- यह बैठक वर्ष 2023 में ब्रिक्स (BRICS) समूह के विस्तार के बाद हुई पहली मंत्रिस्तरीय बैठक थी, जिसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल किया गया था।
- वर्तमान में, रूस के पास ब्रिक्स समूह की अध्यक्षता है, जो 1 जनवरी, 2024 से है।
बैठक की मुख्य निष्कर्ष
- इसमें शामिल मंत्रियों ने बहुपक्षवाद और अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों को कायम रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
- उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की व्यवस्था में व्यापक सुधार हेतु अपने समर्थन की पुष्टि की, जिसका उद्देश्य सुरक्षा परिषद की लोकतांत्रिक, प्रतिनिधित्वपूर्ण, प्रभावी और कार्यदक्ष प्रकृति को बढ़ाना है।
- इसके संयुक्त वक्तव्य में संयुक्त राष्ट्र चार्टर सिद्धांतों (पश्चिमी प्रतिबंधों का स्पष्ट संदर्भ) का उल्लंघन करने वाली “एकतरफा दबावपूर्ण उपायों” को लेकर चिंता व्यक्त की गई। इन उपायों का विशेष रूप से, विकासशील देशों के आर्थिक विकास, व्यापार, ऊर्जा, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
बैठक में चर्चा के मुख्य बिंदु
वैश्विक वित्तीय प्रणाली सुधार
- इस बैठक में मंत्रियों ने व्यापक स्तर पर वैश्विक वित्तीय प्रणाली में सुधार के महत्व पर प्रकाश डाला।
- इसमें जोहान्सबर्ग-II घोषणा का उल्लेख किया, जिसमें ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों को व्यापार में स्थानीय मुद्राओं की संभावना तलाशने का निर्देश दिया गया था।
- इसमें सुव्यवस्थित वित्तपोषित आईएमएफ पर केन्द्रित एक सुदृढ़ वैश्विक वित्तीय सुरक्षा व्यवस्था का समर्थन करने के साथ-साथ आईएमएफ प्रशासन में निरंतर सुधार का आह्वान किया गया।
न्यू डेवलपमेंट बैंक (New Development Bank)
- इसमें शामिल मंत्रियों ने न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) को सदस्य-संचालित पहलों को प्राथमिकता देने, विविध वित्तपोषण को आकर्षित करने के लिए रचनात्मक वित्तपोषण विधियों का उपयोग करने, क्षमता निर्माण को बढ़ाने और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सदस्य देशों की सहायता करने हेतु प्रोत्साहित किया।
- उन्होंने बैंक को 21 वीं सदी के आधुनिक बहुपक्षीय विकास बैंक के रूप में विकसित करने पर सहमति व्यक्त करने के साथ-साथ विशेषकर ब्रिक्स देशों के बीच इसके विस्तार का समर्थन किया।
ऊर्जा सहयोग
- मंत्रियों ने ब्रिक्स समूह में शामिल देशों के बीच ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त करने के साथ-साथ किफायती, विश्वसनीय और सतत ऊर्जा तक व्यापक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए लचीली वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं की आवश्यकता पर जोर दिया।
यूक्रेन युद्ध
- मंत्रियों ने यूक्रेन की स्थिति पर अपने-अपने देशों के रुख को दोहराया।
- उन्होंने शांतिपूर्ण समाधान के लिए मध्यस्थता प्रयासों की सराहना करने के साथ-साथ मिडिल-ईस्ट और उत्तरी अफ्रीका क्षेत्र में जारी संघर्षों पर चिंता व्यक्त की।
आतंकवाद
- आतंकवाद के सभी कृत्यों की कड़ी निंदा करते हुए मंत्रियों ने सभी रूपों में इसका मुकाबला करने की अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर से दोहराया।
- उन्होंने इसमें शामिल लोगों की जवाबदेही पर जोर दिया और आतंकवाद-रोधी प्रयासों में दोहरे मानदंडों को अस्वीकार करते हुए शून्य सहिष्णुता या जीरो टॉलरेंस (Zero Tolerance) का आह्वान किया।