संदर्भ:

हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री ने क्षेत्रीय संपर्क योजना (RCS) – उड़ान की 8 वीं वर्षगाँठ के अवसर पर सहारनपुर, रीवा और अंबिकापुर सहित तीन नए हवाई अड्डों का उद्घाटन किया। 

आरसीएस-उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के बारे में  

  • इस योजना को 21 अक्तूबर, 2016 को शुरू किया गया था। 
  • यह नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा शुरू की गई भारत की राष्ट्रीय नागरिक विमानन नीति (एनसीएपी), 2016 का एक महत्वपूर्ण घटक है।
  • उड़ान का उद्देश्य आम जनता के लिए हवाई यात्रा को सुविधाजनक  बनाकर पूरे भारत में बिना सेवा वाले/असेवित (Unserved) और अल्पसेवित/कम सेवा प्राप्त (Underserved) हवाई अड्डों से क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बढ़ाना है। 
  • इसके तहत संचालित 601 मार्गों के माध्यम से 1.44 करोड़ से अधिक यात्रियों को हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान की गई है।
  •  वर्ष 2014 में संचालित हवाई अड्डों की संख्या को 74 से बढ़ाकर वर्ष 2024 में 157 कर दिया है।  इसके तहत वर्ष 2047 तक हवाई अड्डों की संख्या को 350 से 400 तक बढ़ाने  की योजना है।
  • इसके अंतर्गत 71 हवाई अड्डों, 13 हेलीपोर्ट और 2 जल हवाई अड्डों सहित 86 एयरोड्रोम का संचालन शुरू कर दिया है।

उड़ान योजना के अंतर्गत शुरू किए गए संस्करण    

  • उड़ान 1.0: इसके पहले संस्करण में पाँच एयरलाइनों को 128 उड़ान मार्ग के माध्यम से 70 हवाई अड्डों को जोड़ा गया, जिसमें 36 नई परिचालन परिसर शामिल हैं। इसने क्षेत्रीय हवाई संपर्क की नींव रखी।
  • उड़ान 2.0: इसके तहत 73 अल्पसेवित और असेवित हवाई अड्डों को शामिल करने हेतु इसके दायरे का विस्तार किया गया और पहली बार इसके नेटवर्क में हेलीपैड को शामिल किया गया, जिससे अंतिम मील तक कनेक्टिविटी में सुधार हुआ।
  • उड़ान 3.0: इसके तहत पर्यटन मंत्रालय के समन्वय से पर्यटन मार्गों की शुरुआत की गई। साथ ही, जल-एयरड्रोम की कनेक्टिविटी के लिए समुद्री विमानों (सीप्लेनों) को शामिल करने के साथ-साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र में मार्गों का विस्तार किया गया।
  • उड़ान 4.0: इसके तहत हेलीकॉप्टर और सीप्लेन संचालन के व्यापक एकीकरण के साथ पूर्वोत्तर क्षेत्रों, पहाड़ी राज्यों और द्वीपों में संपर्क बढ़ाने को प्राथमिकता दी गई।
  • उड़ान 5.0 श्रृंखला: इसके नवीनतम संस्करण (5.0, 5.1, 5.2, 5.3 और 5.4) में बड़े विमान श्रेणियों पर ध्यान केंद्रित करने, दूरी के प्रतिबंध को हटाने, और दूरदराज के क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर के संचालन को बढ़ावा दिया गया है।

आरसीएस-उड़ान योजना का प्रभाव  

बाजार-संचालित दृष्टिकोण   

  • उड़ान एक बाजार-संचालित मॉडल पर काम करती है, जिसमें एयरलाइन कंपनियाँ माँग का आकलन करके बोली के दौरान प्रस्ताव प्रस्तुत करती हैं।
  • सरकार अल्पसेवित क्षेत्रों तक कनेक्टिविटी को प्रोत्साहित करने हेतु व्यवहार्यता अंतराल वित्तपोषण (VGF) और अन्य रियायतों के माध्यम से एयरलाइनों का समर्थन करती है।

विमानन उद्योग का पुनरुद्धार   

  • इसके तहत 71 हवाई अड्डों को जोड़ने वाले 601 से अधिक मार्ग पर परिचालन शुरू किया गया है, जिससे इस क्षेत्र के यात्री यातायात में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।
  • इस योजना के तहत फ्लाईबिग और स्टार एयर जैसी नई क्षेत्रीय एयरलाइन कम्पनियाँ अस्तित्व में आई हैं, जिससे क्षेत्रीय हवाई यात्रा के लिए एक स्थायीतंत्र को बढ़ावा मिला है।
  • भारतीय विमानन कम्पनियों ने 1,000 से अधिक नए विमानों का ऑर्डर दिया हैं। जिससे मौजूदा बेड़े में अत्यधिक वृद्धि होगी।

पर्यटन को बढ़ावा देना   

  • उड़ान 3.0 और उड़ान 5.1 जैसी पहलों का लक्ष्य क्रमशः पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन मार्ग और हेलीकॉप्टर सेवाओं का संचालन करना हैं।
  • इससे  खजुराहो और अगत्ती द्वीप (Agatti Island) जैसे पर्यटन स्थल तक पहुँचना अधिक सुलभ हो गया हैं, जिससे यहाँ के धार्मिक और पारिस्थितिकी पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है।

हवाई संपर्क को बढ़ावा देना    

  • आरसीएस-उड़ान से देश भर के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जोड़ा है
  • इसके तहत 86 एयर ड्रोमों का संचालन शुरू कर दिया है, जिनमें से दस पूर्वोत्तर क्षेत्र में हैं। इससे दुर्गम इलाकों में यात्रा करना आसान हो गया है।
  • उड़ान के तहत पुनरुद्धार किए गये हवाई अड्डों के बाद से दरभंगा और झारसुगुड़ा जैसे हवाई अड्डों पर यात्रियों की संख्या में बहुत वृद्धि देखने को मिली है।

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