संदर्भ:

हाल ही में, भारत ने अपने वैक्सीन विनियामक प्रणाली के मानकों  को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के ग्लोबल बेंचमार्किंग टूल (GBT) के नवीनतम संस्करण VI के अनुरूप समायोजित किया  है।

अन्य संबंधित जानकारी  केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने भारतीय राष्ट्रीय विनियामक प्राधिकरण (NRA) और संबद्ध संस्थानों के साथ मिलकर कार्यात्मक वैक्सीन विनियामक प्रणाली के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा प्रकाशित संकेतकों को पूरा किया है। 

  • देश की वैक्सीन विनियामक प्रणाली को डब्ल्यूएचओ के जीबीटी के VI संस्करण के सभी मुख्य विनियामक कार्यों के लिए ‘कार्यात्मक’ घोषित किया गया है। वर्ष 2017 में, भारत की वैक्सीन विनियामक प्रणाली को जीबीटी के V संस्करण के आधार पर मानकीकृत किया गया था, जिसे अब  सख्त और उच्च मानकीकरण वाले जी.बी.टी. के VI संस्करण में संशोधित किया गया है।

भारत ने कई विनियामक कार्यों में सर्वोच्च अंकों के साथ परिपक्वता स्तर (Maturity Level) 3 को यथावत रखा  है।   

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का परिपक्वता स्तर 3 (ML3) इस बात की पुष्टि करता है कि किसी देश में स्थिर, सुव्यवस्थित कार्यशील तथा एकीकृत विनियामक प्रणाली है।

वैक्सीन के मूल्यांकन के प्रमुख मापदंडों में सुरक्षा, प्रभावकारिता और गुणवत्ता शामिल हैं, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैश्विक मानकों द्वारा समर्थित हैं।

यह उपलब्धि वैश्विक स्वास्थ्य में भारत की भूमिका की पुष्टि करने के साथ-साथ देश के औषधि (फार्मास्युटिकल) क्षेत्र और औषधि विनियामक क्षमता को मजबूती प्रदान करती है।

ग्लोबल बेंचमार्किंग टूल (GBT) के बारे में    

  • जीबीटी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पहले इस्तेमाल किए गए सभी उपकरणों  को प्रतिस्थापित करता  है, तथा यह विनियामक प्रणालियों के मानकीकरण (बेंचमार्किंग) के लिए पहला ‘वैश्विक’ उपकरण है।
  • जीबीटी उप-संकेतकों के माध्यम से विनियामक ढाँचे के अलावा नैदानिक परीक्षण निरीक्षण (Clinical Trial Oversight) जैसे प्रमुख कार्यों का मूल्यांकन करता है। इन संकेतकों को गुणवत्ता और जोखिम प्रबंधन प्रणालियों सहित नौ विषयगत श्रेणियों में व्यवस्थित किया जा सकता है।
  • जीबीटी में ‘परिपक्वता स्तर’ की अवधारणा को भी शामिल किया गया है। यह  विश्व स्वास्थ्य संगठन और विनियामक प्राधिकरणों को 1 (नियामक प्रणाली के कुछ तत्वों का अस्तित्व) से 4 (प्रदर्शन और निरंतर सुधार के उन्नत स्तर पर परिचालन) के पैमाने पर विनियामक प्रणाली की समग्र ‘परिपक्वता’ का आकलन करने की अनुमति देता  है। 
  • जीबीटी को विभिन्न प्रकार के उत्पादों के विनियामक कार्यक्रमों के लिए मानक निर्धारित करने के लिए तैयार किया गया है। इसमें दवाएँ, टीके (वैक्सीन), रक्त उत्पाद (संपूर्ण रक्त, रक्त के घटक और प्लाज्मा व्युत्पन्न उत्पाद) और चिकित्सा उपकरण (इन-विट्रो डायग्नोस्टिक्स आदि) शामिल हैं।

वैश्विक स्वास्थ्य पर प्रभाव    

  • भारत  36 प्रमुख वैक्सीन विनिर्माण परिसरों के माध्यम से 150 देशों को वैक्सीन की आपूर्ति करता है। 
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रदान की गई यह मान्यता अंतर्राष्ट्रीय बाजारों और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ-UNICEF) और विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के लिए एक विश्वसनीय वैक्सीन आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की विश्वसनीयता को बढ़ाती है।

भारत का राष्ट्रीय विनियामक प्राधिकरण (NRA)   

  • संयोजन: एनआरए कई संस्थानों से मिलकर बना एक प्राधिकरण है, जिनमें केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO), राज्य औषधि विनियामक प्राधिकरण, केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला, टीकाकरण प्रभाग और पीवीपीआई (भारतीय फार्माकोविजिलेंस कार्यक्रम) शामिल हैं।
  • जिम्मेदारियाँ: एनआरए वैक्सीन के विनियमन, नियंत्रण और परीक्षण (टेस्टिंग) के गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता के अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने के लिए जिम्मेदार है।
  • वैश्विक मान्यता: डब्ल्यूएचओ ने भारत के एनआरए को वैक्सीन विनियमन के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने वाले प्राधिकरण के रूप मान्यता दी है। 

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