संदर्भ: 

हाल ही में, 21वाँ आसियान-भारत शिखर सम्मेलन 10 अक्टूबर, 2024 को लाओस की राजधानी वियनतियाने में आयोजित हुआ, जो भारत की एक्ट ईस्ट नीति के एक दशक का प्रतीक है।

21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के मुख्य अंश

  • 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री ने आसियान एकता, आसियान केन्द्रीयता तथा हिंद-प्रशांत पर आसियान दृष्टिकोण के प्रति भारत के ठोस समर्थन पर बल दिया।
  • 21वीं सदी को “एशियाई सदी” कहते हुए प्रधानमंत्री ने एशिया के भविष्य को आकार देने में भारत-आसियान संबंधों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
  • प्रधानमंत्री ने आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौते (AITIGA) की समीक्षा समयबद्ध तरीके से पूरी करने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि आसियान-भारत समुदाय के हित में अधिक आर्थिक क्षमता का दोहन किया जा सके।
  • आसियान सम्मेलन की थीम “कनेक्टिविटी और लचीलापन बढ़ाना” (Enhancing Connectivity and Resilience) के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने निम्न 10 सूत्री योजना की घोषणा की:
  1. वर्ष 2025 को आसियान-भारत पर्यटन वर्ष के रूप में मनाना, जिसके लिए भारत संयुक्त गतिविधियों के लिए 5 मिलियन अमरीकी डॉलर उपलब्ध कराएगा;
  2. युवा शिखर सम्मेलन, स्टार्ट-अप महोत्सव, हैकाथॉन, संगीत महोत्सव, आसियान-भारत थिंक टैंक नेटवर्क और दिल्ली वार्ता सहित कई केंद्रित गतिविधियों के माध्यम से एक्ट-ईस्ट नीति के एक दशक का उत्‍सव मनाना;
  3. आसियान-भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास निधि के तहत आसियान-भारत महिला वैज्ञानिक सम्मेलन आयोजित करना;
  4. नालंदा विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति की संख्या दोगुनी करना और भारत में कृषि विश्वविद्यालयों में आसियान छात्रों के लिए नई छात्रवृत्ति का प्रावधान करना;
  5. 2025 तक आसियान-भारत माल व्यापार समझौते की समीक्षा;
  6. आपदा लचीलापन बढ़ाना, जिसके लिए भारत 5 मिलियन अमरीकी डॉलर उपलब्ध कराएगा;
  7. स्वास्थ्य की दिशा में स्वास्थ्य मंत्रियों का एक नया ट्रैक शुरू करना;
  8. डिजिटल और साइबर नीति मजबूत करने की दिशा में आसियान-भारत साइबर नीति वार्ता का एक नियमित तंत्र शुरू करना;
  9. ग्रीन हाइड्रोजन पर कार्यशाला; और
  10. जलवायु पुनरुत्‍थान की दिशा में ‘माँ के लिए एक पेड़ लगाओ’ अभियान में शामिल होने के लिए आसियान नेताओं को आमंत्रित करना।

भविषयोन्मुखी कार्य योजना (2026-2030):

  • शिखर सम्मेलन में, नेताओं ने एक नई आसियान-भारत कार्य योजना (2026-2030) बनाने पर सहमति व्यक्त की, जो आसियान-भारत साझेदारी की पूरी क्षमता को साकार करने में दोनों पक्षों का मार्गदर्शन करेगी और दो संयुक्त वक्तव्यों को अपनाया गया:
    शिखर सम्मेलन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर एक संयुक्त वक्तव्य।
    डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाने पर एक संयुक्त वक्तव्य, जिसमें डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता दी गई।

दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) क्या है?

  • आसियान एक क्षेत्रीय समूह है जिसका उद्देश्य अपने दस सदस्यों: ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के बीच आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है।
  • स्थापना: इसकी स्थापना 8 अगस्त, 1967 को थाईलैंड के बैंकॉक में आसियान के संस्थापक सदस्यों: इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड द्वारा आसियान घोषणापत्र (बैंकॉक घोषणा) पर हस्ताक्षर के साथ हुई थी।
  • प्रत्येक वर्ष 8 अगस्त को आसियान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • आदर्श वाक्य: आसियान का आदर्श वाक्य एक दृष्टि, एक पहचान, एक समुदाय (“One Vision, One Identity, One Community”) है।
  • वर्ष 2022 में कंबोडिया में 41वें आसियान शिखर सम्मेलन में तिमोर-लेस्ते एक पर्यवेक्षक के रूप में आसियान में शामिल हुआ। आसियान ने तिमोर-लेस्ते को अपने 11वें सदस्य के रूप में स्वीकार करने पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई है।
  • वर्ष 2022 तक आसियान देशों की कुल जनसंख्या 662 मिलियन तथा संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद 3.2 ट्रिलियन डॉलर होगी।
  • आसियान का एक राष्ट्रगान, एक ध्वज है और इसका अर्धवार्षिक शिखर सम्मेलन (वर्ष में दो बार) होता है, जिसकी अध्यक्षता बारी-बारी से सदस्य देशों को द्वारा की जाती है।
  • सचिवालय: आसियान का सचिवालय इंडोनेशिया के जकार्ता में स्थित है।

आसियान-भारत संबंधों पर संक्षिप्त जानकारी

  • औपचारिक सहभागिता: भारत ने वर्ष 1992 में क्षेत्रीय वार्ता साझेदार के रूप में आसियान के साथ अपनी औपचारिक सहभागिता शुरू की, जिसे वर्ष 1995 में वार्ता साझेदार तथा व्रष 2002 में शिखर-स्तरीय साझेदार के रूप में उन्नत किया गया।
  • पहला आसियान-भारत शिखर सम्मेलन वर्ष 2002 में कंबोडिया मेंके नोम पेन्ह में आयोजित किया गया था।
  • सामरिक साझेदारी: वर्ष 2012 में 20वीं वर्षगांठ स्मारक शिखर सम्मेलन के दौरान वार्ता साझेदारी को रणनीतिक साझेदारी के रूप में उन्नत किया गया तथा वर्ष 2022 में 19वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में इसे व्यापक रणनीतिक साझेदारी के रूप में आगे बढ़ाया गया।
  • समुद्री सहयोग पर ध्यान केंद्रित: वर्ष 2018 में 25-वर्षीय स्मारक शिखर सम्मेलन में भारत और आसियान ने समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर अपनी सामरिक साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करने पर सहमति व्यक्त की।
  • आसियान-भारत मैत्री वर्ष: वर्ष 2022 आसियान-भारत संबंधों की 30वीं वर्षगांठ रही, जिसे अक्टूबर 2021 में नेताओं द्वारा आसियान-भारत मैत्री वर्ष के रूप में नामित किया गया।
  • द्विपक्षीय व्यापार वृद्धि: भारत और आसियान ने वर्ष 2022-23 में 131.50 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार दर्ज किया, जिसमें आसियान का भारत के वैश्विक व्यापार में 11.3% हिस्सेदारी है।

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