संदर्भ:
जैव विविधता पर कन्वेंशन (CBD) के लिए कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (COP) की 16वीं बैठक (COP16) की तिथि समीप आने के साथ ही इससे संबंधित चिंताएँ बढ़ती जा रही हैं, क्योंकि केवल 10 प्रतिशत राष्ट्रों ने जैव विविधता की सुरक्षा संबंधी अपने संकल्पों को पूरा किया है, जिसके कारण इस दिशा में कार्रवाई करने की तत्काल आवश्यकता प्रतीत हो है।
अन्य संबंधित जानकारी:
राष्ट्रीय जैव विविधता रणनीति एवं कार्ययोजना (NBSAP) ट्रैकर, वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) द्वारा विकसित एक नया मापक है। यह वैश्विक जैवविविधता रूपरेखा ( (GBF) के लक्ष्यों के अनुरूप एनबीएसएपी तैयार करने में देशों की प्रगति की निगरानी करता है।
- कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता रूपरेखा (GBF) को दिसंबर, 2022 में जैव-विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ की पंद्रहवीं बैठक (COP-15) के दौरान अपनाया गया था।
- इसे 196 देशों द्वारा अपनाया गया। इसको अपनाने वाले देशों ने वर्ष 2030 तक जैव विविधता की हानि को “रोकने और उत्क्रम (रिवर्स) करने” का संकल्प लिया है ।
- इस फ्रेमवर्क के प्रमुख प्रतिबद्धताओं में वर्ष 2050 तक 4 लक्ष्यों तथा वर्ष 2030 तक 23 लक्ष्य को प्राप्त करना हैं।
वर्तमान में, सीओपी15 के बाद से केवल 20 देशों ने एनबीएसएपी (NBSAP) को पूरी तरह से संशोधित किया है तथा यूरोपीय संघ सहित केवल नौ देशों ने जून, 2024 तक इसे अद्यतन प्रस्तुत किया है।
अभी तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने वाले देशों में भारत भी शामिल है।
राष्ट्रीय जैव विविधता रणनीति और कार्य योजना (NBSAP)
सभी देशों पर जैव विविधता पर सम्मेलन या अभिसमय (CBD) के दो अनिवार्य दायित्व हैं:
- राष्ट्रीय जैव विविधता रणनीति और कार्य योजना (एनबीएसएपी) की तैयारी।
- राष्ट्रीय रिपोर्ट तैयार करना
जैव विविधता पर अभिसमय (CBD) के अनुच्छेद 6 में इस बात का उल्लेख किया गया है कि प्रतिबद्ध राष्ट्रों को एनबीएसएपी (या इसके समकक्ष साधन) तैयार करने, जैव विविधता के संरक्षण तथा सतत उपयोग को क्षेत्रीय तथा अंतर-क्षेत्रीय गतिविधियों को समायोजित करने की अपेक्षा की जाती है।
एनबीएसएपी प्रकृति का संरक्षण और उसे बहाल करने के लिए राष्ट्रीय योजना की रूपरेखा को निर्धारित करता हैं। एनबीएसएपी सभी क्षेत्रों में कार्रवाई को संगठित करने के साथ-साथ जैव विविधता की पुनर्प्राप्ति के लिए फंडिंग को सुनिश्चित करता हैं।
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ का एनबीएसएपी ट्रैकर संयुक्त राष्ट्र को देशों द्वारा प्रस्तुत की गई बातों की आलोचनात्मक समीक्षा होती है।
जैव विविधता पर कन्वेंशन (CBD)
संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (UNCBD) कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि है। इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर जैव विविधता की रक्षा करना है।
इसके तीन मुख्य लक्ष्यों में शामिल हैं:
- जैव विविधता का संरक्षण,
- इसके घटकों का सतत् उपयोग,
- आनुवंशिक संसाधनों के इस्टेमल से प्राप्त लाभों का निष्पक्ष एवं न्यायसंगत बँटवारा।
इस समझौते पर पर्यावरण एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCBD) में हस्ताक्षर किये गये थे। इस सम्मेलन को ‘पृथ्वी शिखर सम्मेलन’ के नाम से भी जाना जाता है। इसे जून, 1992 में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित किया गया था तथा यह दिसंबर, 1993 से लागू हुआ।
भारत वर्ष 1993 में सीबीडी से जुड़ा, तथा वर्ष 1999 में “जैव विविधता पर राष्ट्रीय नीति और मैक्रो लेवल एक्शन रणनीति” शीर्षक से अपनी पहली एनबीएपी (राष्ट्रीय जैव विविधता कार्य योजना) तैयार की ।
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) भारत में सीबीडी के क्रियान्वयन हेतु नोडल मंत्रालय है।
सीबीडी के अंतर्गत अब तक दो प्रोटोकॉल अपनाए गए हैं:
- कार्टाजेना प्रोटोकॉल (2000)
- नागोया प्रोटोकॉल (2010)।
सीओपी की बैठकें दो वर्षों में एक बार आयोजित की जाती हैं। वर्ष 2022 में कनाडा के मॉन्ट्रियल में COP15 का आयोजन किया गया था।
अक्टूबर, 2012 में भारत के हैदराबाद में कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ की ग्यारहवीं बैठक (COP11) आयोजित की गई थी।
जैव विविधता पर कन्वेंशन (CBD) के लिए कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ की 16वीं बैठक (COP16)
जैव विविधता पर कन्वेंशन (CBD) के लिए कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (COP) की 16वीं बैठक 21 अक्टूबर से 1 नवंबर, 2024 तक कोलंबिया के कैली में होगी।
यह वर्ष 2022 में कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता फ्रेमवर्क (GBF) को अपनाने के बाद पहली बड़ी बैठक है।