संदर्भ:
हाल ही में, भारत-कजाकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास काजिंद-2024 (Exercise KAZIND-2024) का 8वां संस्करण उत्तराखंड के औली में शुरू हुआ।
अन्य संबंधित जानकारी:
- यह अभ्यास 30 सितंबर से 13 अक्टूबर 2024 तक आयोजित किया जा रहा है।
- इस अभ्यास में भारतीय सशस्त्र बलों का प्रतिनिधित्व भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट की एक बटालियन के साथ-साथ भारतीय वायु सेना के कार्मिकों द्वारा किया जा रहा है।
- इस संयुक्त सैन्य अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII (शांति के लिए खतरों, शांति के उल्लंघन और आक्रामकता के कृत्यों के संबंध में कार्रवाई) के तहत उप-परंपरागत परिदृश्य में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने के लिए दोनों पक्षों की संयुक्त सैन्य क्षमता को बढ़ाना है।
- यह उच्च स्तर की शारीरिक तंदुरुस्ती विकसित करने के लिए अर्ध-शहरी और पहाड़ी इलाकों में संचालन और दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच सामरिक स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने पर केंद्रित है।
अभ्यास काजिन्द का विवरण:
- यह वार्षिक संयुक्त अभ्यास, जिसे अभ्यास प्रबल दोस्तिक के नाम से जाना जाता था, पहली बार वर्ष 2016 में आयोजित किया गया था। तब से यह एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में संचालित हो रहा है और इसके दूसरे सत्र के आयोजन के बाद इसका नाम बदलकर अभ्यास काज़िन्द (Exercise KAZIND) कर दिया गया।
- उद्देश्य:
- संयुक्त अभ्यास आम तौर पर आतंकवाद विरोधी रणनीतियों, शांति प्रयासों और प्राकृतिक आपदा की स्थितियों में मानवीय सहायता सहित कई प्रकार के कार्यों पर केंद्रित होते हैं।
- इस अभ्यास में आतंकवादी कार्रवाइयों पर संयुक्त प्रतिक्रिया, संयुक्त कमान पोस्ट की स्थापना तथा हेलीपैड या लैंडिंग स्थलों को सुरक्षित करने जैसे सामरिक अभ्यासों का पूर्वाभ्यास शामिल होगा।
- महत्व:
- काजिंद एक महत्वपूर्ण अभ्यास बन गया है जो भारत-कजाकिस्तान सशस्त्र बलों के बीच आपसी विश्वास और समझ को बढ़ावा देता है। यह दोनों देशों को युद्ध और गैर-युद्ध परिदृश्यों में अपनी अंतर-संचालन क्षमता और समन्वय को बढ़ाने में सक्षम बनाता है।