संदर्भ:

वर्तमान में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, अपने ‘नमस्ते’ कार्यक्रम के अंतर्गत सीवर और सेप्टिक टैंक कर्मचारियों की पहचान/आंकड़े एकत्र (profiling) कर रहा है।

मुख्य अंश:

  • यह नया प्रयास उन लोगों की गणना करने के लिए किया गया जो वर्तमान में भारत में सीवर और सेप्टिक टैंक सफाई का कार्य कर रहे हैं।
  • इसके लिए 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 3,000 से अधिक स्थानीय सरकारी निकायों से जानकारी एकत्र की गई।
  • पिछले वर्ष 3,326 शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) ने सफाई कर्मचारियों की पहचान शुरू की और लगभग 38,000 सफाई कर्मचारियों की पहचान की है।
  • पहचाने गए 38,000 श्रमिकों में से 91.9% वंचित समुदायों (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति  या अन्य पिछड़ा वर्ग) से संबंधित हैं।
  • 283 शहरी स्थानीय निकायों ने कोई भी सफाई कर्मचारियों नहीं होने की सूचना दी।
  • आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय का अनुमान है कि शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक 500,000 लोगों पर लगभग 100 सफाई कर्मचारी हैं।
  • संसद में साझा किए गए सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 और वर्ष 2023 के बीच सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय कम से कम 377 सफाई कर्मचारियों की मौत हो गई।

नमस्ते योजना 

  • नमस्ते (नेशनल एक्शन फॉर मैकेनाइज्ड सैनिटेशन इकोसिस्टम  -NAMASTE) योजना का उद्देश्य सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा एवं सम्मान पर ध्यान केंद्रित करते हुए सीवर और सेप्टिक टैंक की हाथ से सफाई को समाप्त  करना है।
  • वर्ष 2023-24 में, यह योजना हाथ से मैला ढोने (मैनुअल स्कैवेंजर्स) के पुनर्वास हेतु स्व-रोजगार योजना को (SRMS) को प्रतिस्थापित करने के लिए लाई गई थी।
  • यह सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय तथा आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है।
  • यह योजना 349.73 करोड़ रुपये के बजट के साथ तीन साल (वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2025-26) तक संचालित रहेगी 
  • लक्ष्य: इस योजना का उद्देश्य भारत में 4,800 शहरी स्थानीय निकायों में 100,000 से अधिक सफाई कर्मचारियों की पहचान करना और सीवर तथा सेप्टिक टैंक कर्मचारियों को स्वच्छता उद्यमियों में बदलने के लिए पूंजीगत सब्सिडी के साथ-साथ सुरक्षा प्रशिक्षण एवं उपकरण प्रदान करना है। 

योजना के मुख्य घटक:

  • पीएम-जेएवाई के तहत स्वास्थ्य बीमा।
  • व्यावसायिक सुरक्षा प्रशिक्षण
  • जागरूकता अभियान
  • पूंजीगत सब्सिडी: स्वच्छता से संबंधित वाहन और उपकरण खरीदने के लिए ₹5 लाख तक।सुरक्षा उपकरण (आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाइयाँ) प्रदान करना।

राज्य सरकारों द्वारा की गई पहचान पहल:

  • केरल, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर सहित बारह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने सफाई कर्मचारियों की पहचान का काम पूरा कर लिया है।
  • आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे 17 राज्यों में पहचान का कार्य अभी भी जारी है।
  • छत्तीसगढ़, मेघालय और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने अभी तक पहचान प्रक्रिया शुरू नहीं की है।
  • केरल और कर्नाटक जैसे राज्य श्रमिकों की जानकारी जुटाने के लिए विशेष शिविरों में सूचना एवं संचार अभियान चला रहे हैं।
  • आंध्र प्रदेश में, शहरी स्थानीय निकाय पहचान हेतु श्रमिकों के घरों और कार्यस्थलों पर जा रहे हैं, लगभग 30% पहचान इसी तरीके से की जाती है।
  • वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंत तक 31,999 सीवर और सेप्टिक टैंक कर्मचारियों को मान्य किया जा चुका है। 

सरकार द्वारा वित्तीय सहायता

  • वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंत तक 191 लाभार्थियों एवं उनके आश्रितों को स्वरोजगार परियोजनाओं के लिए 2.26 करोड़ रुपये की पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की गई।
  • 413 सफाई कर्मचारियों और उनके आश्रितों को स्वच्छता संबंधी परियोजनाओं के लिए 10.6 करोड़ रुपये की पूंजीगत  सब्सिडी प्राप्त हुई।

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भारत ग्लोब संचालन समिति में निर्वाचित

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