संदर्भ:
हाल ही में, भारत और उज्बेकिस्तान ने ताशकंद में द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) पर हस्ताक्षर किए, इस संधि का उद्देश्य दोनों देशों के बीच निवेशकों के विश्वास मे वृद्धि करना है।
अन्य संबंधित जानकारी
- केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण और उज्बेकिस्तान के उप प्रधानमंत्री खोदजायेव जमशेद अब्दुखाकिमोविच ने द्विपक्षीय निवेश संधि को औपचारिक रूप दिया।
- इसका उद्देश्य निवेशकों के लिए उचित सुरक्षा सुनिश्चित करना है, जिसमें निवेश को अधिग्रहण से बचाना, लेन-देन में पारदर्शिता और क्षति की भरपाई करना शामिल है, जिससे अधिक अनुकूल निवेश वातावरण का निर्माण हो सके।
- यह संधि आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने तथा दोनों देशों के निवेशकों के लिए अधिक मजबूत एवं सुदृढ़ सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
द्विपक्षीय निवेश संधि
द्विपक्षीय निवेश संधि की रूपरेखा
- द्विपक्षीय निवेश संधि दोनों देशों के निवेशकों के लिए न्यूनतम मानक व्यवहार और गैर-भेदभाव का आश्वासन सुनिश्चित करती है।
- यह मध्यस्थता के माध्यम से विवाद समाधान के लिए एक स्वतंत्र मंच भी स्थापित करती है, जो निवेशकों का विश्वास बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
विनियमन और संरक्षण में संतुलन
- निवेशकों को व्यापक सुरक्षा प्रदान करते हुए, यह संधि निवेशों को विनियमित करने के देश के अधिकार के साथ संतुलन बनाए रखती है।
- इससे यह सुनिश्चित होता है कि दोनों देश निवेशकों के अधिकारों से समझौता किए बिना आवश्यक नीतियों को क्रियान्वित कर सकें।
अपेक्षित परिणाम
- द्विपक्षीय निवेश संधि पर हस्ताक्षर से द्विपक्षीय निवेश में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है, जिससे भारत और उज्बेकिस्तान दोनों के व्यवसायों और अर्थव्यवस्थाओं को लाभ होगा।
- उल्लेखनीय रूप से, भारत से उज्बेकिस्तान में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) अप्रैल 2000 से अगस्त 2024 तक 20 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें फार्मास्यूटिकल्स, मनोरंजन पार्क, ऑटोमोबाइल घटकों और आतिथ्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण निवेश शामिल हैं।
भारत और उज्बेकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंध
- भारत और उज्बेकिस्तान के बीच राजनयिक संबंधों के गठन प्रोटोकॉल पर वर्ष 1992 में हस्ताक्षर किए गए थे।
- भारत और उज्बेकिस्तान ने वर्ष 2011 में अपनी रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की।
- उज़्बेक सांख्यिकी-2023 के अनुसार, भारत 756.60 मिलियन डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ उज़्बेकिस्तान के शीर्ष 10 व्यापार भागीदारों में से एक है।
- भारत द्वारा उज्बेकिस्तान को निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में सेवाएं, यांत्रिक उपकरण, ऑप्टिकल उपकरण, फार्मास्यूटिकल उत्पाद, वाहनों के पुर्जे और मोबाइल फोन शामिल हैं।
- उज्बेकिस्तान से भारत को आयात की जानी वाली वस्तुओं में जूस उत्पाद और अर्क, फल और सब्जी उत्पाद, उर्वरक, स्नेहक और सेवाएं शामिल हैं।
- भारत और उज़्बेकिस्तान “डस्टलिक” नाम से संयुक्त सैन्य अभ्यास में भाग लेते हैं, जिसका पाँचवाँ संस्करण अप्रैल 2024 में उज्बेकिस्तान के टर्मेज़ में आयोजित किया गया। यह सैन्य अभ्यास भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच बारी-बारी से प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।
- भारत और उज़्बेकिस्तान संयुक्त राष्ट्र, G20, ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन जैसे कई बहुपक्षीय संगठनों पर सहयोग करते हैं। उज़्बेकिस्तान ने वॉयस ऑफ़ ग्लोबल साउथ समिट (VGSS) में भी सक्रिय रूप से भाग लिया है।