संदर्भ    

हाल ही में, भारत ने नई दिल्ली में भारत-म्यांमार संयुक्त व्यापार समिति (JTC) की 8 वीं बैठक की मेजबानी की। 

बैठक की मुख्य बातें:

  • इस बैठक में आपसी विकास को बढ़ावा देने के लिए सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा की गई।   
  • दोनों देशों ने शिपिंग, कपड़ा, भारतीय औषधकोश या भेषजकोश (फार्माकोपिया), बिजली, परिवहन और कनेक्टिविटी, आईसीटी, 5-जी टेलीकॉम स्टैक और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) जैसे क्षेत्रों पर चर्चा की। 
  • भारत ने रुपया-क्यात (म्यांमार की मुद्रा) में व्यापार निपटान तंत्र निर्माण  का स्वागत किया तथा इसके क्रियान्वयन के बाद स्थानीय मुद्राओं में म्यांमार के साथ द्विपक्षीय वाणिज्य में बढ़ोतरी की आशा व्यक्त की।
  • इस बैठक में आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते (ASEAN- India Trade in Goods Agreement-AITIGA) की समीक्षा पूरी करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई।
  • संयुक्त व्यापार समिति वैकल्पिक रूप से एक बार भारत और एक बार म्यांमार में अपनी वार्षिक बैठक आयोजित करती है।   

आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता (AITIGA)

  • इस समझौते पर वर्ष 2009 में बैंकॉक में 7वें आसियान आर्थिक मंत्रियों-भारत परामर्श (ASEAN Economic Ministers-India Consultations) में हस्ताक्षर किए गए थे।
  • यह केवल भौतिक वस्तुओं के व्यापार पर लागू होता है, सेवा व्यापार पर  नहीं ।
  • हाल ही में, आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते (AITIGA) की समीक्षा के लिए 5वीं एआईटीआईजीए की संयुक्त समिति और इससे संबंधित बैठकों का आयोजन इंडोनेशिया के जकार्ता में स्थित  आसियान सचिवालय में की गईं।    

भारत और म्यांमार के बीच के संबंध     

  • भारत अपनी ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘पड़ोसी प्रथम’ नीतियों के माध्यम से म्यांमार के साथ अपना सहयोग बढ़ा रहा है।
  • वर्ष 1992 में शुरू की गई भारत की ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’ को वर्ष 2014 में ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ में अपग्रेड किया गया। एक्ट ईस्ट पॉलिसी का उद्देश्य द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय स्तरों पर निरंतर जुड़ाव के साथ  भारत-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना और रणनीतिक संबंध विकसित करना है।
  • भारत अपने सभी पड़ोसियों के साथ मैत्रीपूर्ण और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध विकसित करने के लिए वर्ष 2008 में पड़ोसी प्रथम की नीति पेश किया।      
  • इस संदर्भ में यह  महत्वपूर्ण है कि म्यांमार आसियान में भारत का 7वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच का कुल द्विपक्षीय व्यापार 1.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।     
  • भारत और म्यांमार के बीच का द्विपक्षीय व्यापार आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते (AITIGA) और भारत की ड्यूटी-फ्री टैरिफ प्रेफरेंस (DFTP) योजना के तहत संचालित होता है।
  • जनवरी, 1994 में भारत और म्यांमार के बीच सीमा व्यापार समझौते (Border Trade Agreement) पर हस्ताक्षर किये गये तथा यह अप्रैल, 1995 से लागू हुआ।
  • 31 जनवरी, 2022 तक 773.038 मिलियन अमेरिकी डॉलर के स्वीकृत निवेश के साथ भारत म्यांमार में निवेश के मामले में 11 वें स्थान पर है।

विकसात्मक सहयोग:    

भारत, म्यांमार में जिन परियोजनाओं को संचालित कर रहा है, उनमें शामिल हैं:

  • कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट परियोजना
  • त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना। यह  पूर्वोत्तर भारत को म्यांमार और थाईलैंड से जोड़ती है। 
  • रखाइन राज्य विकास कार्यक्रम
  • सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम
  • म्यांमार के बागान (Bagan) में आनंद मंदिर का जीर्णोद्धार और संरक्षण।( वर्ष 2018 में पूर्ण )

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