संदर्भ:

हाल ही में, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना 2.0 को अधिसूचित किया, जो 1 अक्टूबर, 2024 से प्रभावी होगी । 

अन्य संबंधित जानकारी:

  • इस योजना का उद्देश्य करदाताओं को लंबित विवादों को सुलझाने के लिए एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया प्रदान करना और चल रहे आयकर मुकदमों को कम करना है।
  • वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर पुष्टि की है कि 22 जुलाई 2024 तक लंबित मामले या अपील वाले करदाता इस नई योजना से लाभान्वित हो सकते हैं।

प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020 (VSV 1.0) :

  • इसे 31 जनवरी, 2020 तक लंबित अपीलों के लिए लॉन्च किया गया था।
  • इस योजना को करदाताओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली और सरकार के लिए पर्याप्त राजस्व भी अर्जित हुआ।
  • VSV 1.0 में अपील और ऐसे मामले शामिल हैं जिनमें अपील दायर करने की समय सीमा समाप्त नहीं हुई है, जबकि VSV  2.0 में केवल लंबित अपीलें शामिल हैं।

प्रत्यक्ष कर:

  • प्रत्यक्ष कर एक प्रकार का कर है जो प्रत्यक्ष रूप से लोगों या चीजों पर उनकी संपत्ति या आय के अनुसार लगाया जाता है।
  • प्रत्यक्ष करों में कंपनी कर, आयकर आदि जैसे कर शामिल हैं।
  • केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) इन करों का प्रभारी है।
  • प्रत्यक्ष करों की मुख्य विशेषता यह है कि वे प्रगतिशील होते हैं (आय के अनुपात में कर)। 

विवाद से विश्वास योजना 2024 के बारे में:

वित्तीय प्रभाव : इस योजना का उद्देश्य अपील दायर करने और विवादों को सुलझाने के लिए एक सरलीकृत तंत्र प्रदान करके,  करदाताओं और न्यायिक प्रणाली का भार कम करना है।

विवाद से विश्वास योजना 2.0 को करदाताओं को दंड या ब्याज के बिना आयकर अपील का समाधान करने में सक्षम बनाने के लिए शुरू की गई है। 

इस योजना के तहत करदाता आयकर अपीलीय अधिकरण (ITAT), उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय सहित विभिन्न अपीलीय मंचों पर अपील दायर कर सकते हैं।

यह बिना किसी दंड या ब्याज के निपटान की गारंटी देता है तथा यह सुनिश्चित करता है कि सुलझाए गए मामलों में कोई अभियोजन शुरू नहीं किया जाएगा।

इस योजना का उद्देश्य लंबित अपीलों की बढ़ती संख्या को संबोधित करना है, जो वर्तमान में आयकर आयुक्त (अपील) के समक्ष लगभग 544,000 है, तथा विवादित राशि ₹10.6 ट्रिलियन है।

समावेशन: यह योजना 22 जुलाई, 2024 तक लंबित अपीलों, रिट याचिकाओं और विशेष अनुमति याचिकाओं पर लागू होती है।
इसमें वे मामले भी शामिल हैं जिनमें विवाद समाधान पैनल (DRP) के समक्ष आपत्तियां दर्ज की गई हैं, लेकिन अंतिम मूल्यांकन निर्णयों का अभाव है, साथ ही ऐसे संशोधित आवेदन भी शामिल हैं जो आयुक्त के समक्ष लंबित हैं।

अपवर्जन: तलाशी, अभियोजन, अघोषित विदेशी आय, कुछ कानूनी बाध्यताओं के अधीन करदाता या महत्वपूर्ण अपराधों से संबंधित मामले अपवर्जित हैं।

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