संदर्भ:

नीति आयोग द्वारा वित्तपोषित विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी के एक अध्ययन के अनुसार, डिजी यात्रा जैसी चेहरे की पहचान तकनीक में निजी संस्थाओं द्वारा दुरुपयोग का जोखिम है और बायोमेट्रिक (शारीरिक चिह्नों, जैसे- ऊंगली के निशानों या आंखों की पुतलियों द्वारा व्यक्ति विशेष की पहचान की पद्धति) डेटा के दुरुपयोग को रोकने के लिए और अधिक सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है।

डिजी यात्रा (Digi Yatra)

  • डिजी यात्रा ऐप एक बायोमेट्रिक सक्षम निर्बाध यात्रा अनुभव है जो निर्बाध हवाई अड्डे पर चेक-इन और बोर्डिंग के लिए फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी (FRT) का उपयोग करता है।
  • डिजी यात्रा में यात्रियों को उनके बोर्डिंग पास से जुड़ी पहचान को सत्यापित करने के लिए चेहरे की पहचान तकनीक का उपयोग करके एक कागज़ रहित और संपर्क रहित प्रक्रिया के माध्यम से हवाई अड्डे के चेकपॉइंट पर चलने की परिकल्पना की गई है।
  • दिसंबर 2022 में इसके शुरू होने के बाद से, डिजी यात्रा ऐप को 5.5 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं द्वारा डाउनलोड किया गया है, जिसमें 24 हवाई अड्डों पर 30 मिलियन से अधिक यात्री इस सेवा का उपयोग कर रहे हैं।
  • वर्ष 2019 में स्थापित डिजी यात्रा फाउंडेशन, कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत एक संयुक्त उद्यम है, जो डिजी यात्रा प्लेटफॉर्म का संचालन करता है।
  • इसके शेयरधारकों में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (26%) और पाँच प्रमुख हवाई अड्डे- हैदराबाद, कोच्चि, बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली (74%) शामिल हैं।

चेहरे की पहचान तकनीक 

  • चेहरे की पहचान तकनीक (Facial recognition techmology-FRT) एक बायोमेट्रिक प्रणाली है जो अद्वितीय विशेषताओं का विश्लेषण करके मानव चेहरे की पहचान करती है।
  • यह फ़ोटो, वीडियो और वास्तविक समय की स्थितियों में व्यक्तियों को पहचान सकता है।
  • कंप्यूटर एल्गोरिदम का उपयोग करते हुए, चेहरे की पहचान तकनीक चेहरे के स्थलों, जैसे- गाल की हड्डी का आकार और होंठ की आकृति का पता लगाता है और उन्हें एक संख्यात्मक कोड में परिवर्तित करता है, जिसे फेसप्रिंट कहा जाता है।
  • इसकी प्रभावशीलता विभिन्न कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीकों द्वारा बढ़ाई जाती है, जिससे पहचान में सटीकता और दक्षता में सुधार होता है।

संबंधित चिंताएँ

  • निजी संस्थाओं द्वारा बायोमेट्रिक डेटा के संभावित दुरुपयोग के बारे में चिंताएँ बढ़ रही हैं।
  • वर्तमान कानूनी ढाँचे में चेहरे की पहचान तकनीक के उपयोग के लिए पर्याप्त जाँच और संतुलन का अभाव है, खासकर कानून प्रवर्तन संदर्भों में।
  • आलोचकों का तर्क है कि मौजूदा कानून प्रवर्तन नियमों के साथ चेहरे की पहचान तकनीक को एकीकृत करना संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन कर सकता है, जो जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा करता है। 
  • इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) ने बायोमेट्रिक डेटा की सुरक्षा के लिए विशिष्ट विनियमों की गैरमौजूदगी पर ध्यानाकृष्ट किया है, खासकर डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (DPDP) अधिनियम के प्रारूपण के दौरान।

विनियामक सिफारिशें

  • इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने डिजी यात्रा फाउंडेशन जैसे संगठनों द्वारा संभावित डेटा दुरुपयोग से व्यक्तियों की रक्षा के लिए विशिष्ट विनियमनों की मांग की। 
  • नागर विमानन मंत्रालय ने सुझाव दिया कि डिजी यात्रा हवाई अड्डे पर चेक-इन के लिए मानक प्रक्रिया (वास्तविक) बन सकती है, जो संभवतः इसके दावे का खंडन करती है कि भागीदारी स्वैच्छिक है। 
  • गृह मंत्रालय ने सुझाव दिया कि गोपनीयता के मुद्दों का समाधान करने के लिए चेहरे की पहचान तकनीक का उपयोग अन्य बायोमेट्रिक तरीकों (जैसे फिंगरप्रिंट) के साथ किया जाना चाहिए। 
  • इस अध्ययन ने यात्रा के बाद यात्री की जानकारी को हटाने के संबंध में डिजी यात्रा गोपनीयता नीति में अधिक स्पष्टता की मांग की, विशेष रूप से चेहरे के बायोमेट्रिक्स के संबंध में।

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