संदर्भ:

नीति आयोग द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समूह ने किसी भी सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के प्रबंधन को सुविधाजनक बनाने के लिए एक अलग सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकालीन प्रबंधन अधिनियम (Public Health Emergency Management Act-PHEMA) का सुझाव दिया है।

मुख्य सिफारिशें

  • प्रथम 100 दिनों का महत्व: किसी भी प्रकोप के प्रथम 100 दिनों के भीतर रणनीतियां और बचाव उपाय तैयार हो जाने चाहिए।
  • अधिकार प्राप्त समूह का गठन: महामारी की तैयारी और आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों का एक अधिकार प्राप्त समूह (EGoS) गठित किया जाए।
  • डेटा एकीकरण: महामारी विज्ञान निगरानी डेटा को जीनोमिक डेटा के साथ एकीकृत करना और अस्पताल और प्रयोगशाला डेटा का उपयोग करके नैदानिक सहसंबंध विकसित करना।
  • आपातकालीन निधि: समय पर और प्रभावी कार्रवाई के लिए महामारी तैयारी और आपातकालीन प्रतिक्रिया निधि की स्थापना की जाए।
  • वित्त पैकेज: जीनोमिक निगरानी, टीका एवं नैदानिक विकास, अनुसंधान और साझा बुनियादी ढांचे जैसी आपातकालीन गतिविधियों के लिए आवश्यकता-आधारित वित्त पैकेज प्रदान करना।
  • नियामक प्राधिकरण: कानून के माध्यम से विशेष शक्तियां प्रदान कर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन को मजबूत करना।

सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल 

  • सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (Public Health Emergency-PHE) जैव आतंकवाद, प्राकृतिक आपदाओं, रासायनिक हमलों या परमाणु दुर्घटनाओं जैसी घटनाओं के कारण होने वाली एक गंभीर स्थिति है।
  • इससे कई लोगों की मृत्यु, बीमारियाँ या लोगों को दीर्घकालिक नुकसान होने का जोखिम अधिक होता है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल को अंतर्राष्ट्रीय चिंता का विषय घोषित किया है। इसके मद्देनजर, भारत सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नेतृत्व में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निवारक उपायों को लागू करने और तैयारियाँ सुनिश्चित करने के लिए सलाह जारी की। 

सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकालीन प्रबंधन अधिनियम (PHEMA)

कार्यक्षेत्र और उद्देश्य:

  • यह महामारी के अलावा गैर-संचारी रोगों, आपदाओं और जैव आतंकवाद सहित अनेक समस्याओं का समाधान करता है।
  • यह स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है, जिसमें रोकथाम, नियंत्रण और आपदा प्रतिक्रिया शामिल है।

सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचा:

  • इस अधिनियम के द्वारा राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कुशल सार्वजनिक स्वास्थ्य टीमों का गठन किया जाएगा। 

आपातकालीन प्रतिक्रिया:

  • इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसियों को तत्काल कार्रवाई करने का अधिकार मिलेगा।
  • त्वरित प्रतिक्रियाओं का समन्वय करने के लिए एक प्रमुख एजेंसी की पहचान की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी स्वास्थ्य संगठन और विभाग तैयार और प्रशिक्षित हों।

वैश्विक उदाहरण

  • इसी प्रकार के कानून ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका जैसे अन्य देशों में भी मौजूद हैं।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका का सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा अधिनियम (1944) और महामारी एवं सर्व-खतरे तैयारी पुन: प्राधिकरण अधिनियम (2013) सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं तथा आपातकालीन तैयारियों के लिए एक रूपरेखा प्रदान करते हैं।

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