संदर्भ:
हाल ही में, भारत और यूक्रेन के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री ने यूक्रेन का दौरा किया।
यात्रा की मुख्य बातें
सहयोग हित और मैत्री (BHISHM) क्यूब्स के लिए भारत स्वास्थ्य पहल की प्रस्तुति इस यात्रा के प्रमुख आकर्षणों में से एक रही।
- भीष्म क्यूब्स, जिन्हें अरोक्या मैत्री क्यूब्स के रूप में भी जाना जाता है, महत्वपूर्ण आघात देखभाल क्यूब्स हैं जिन्हें प्रोजेक्ट आरोग्य मैत्री के तहत प्रोजेक्ट भीष्म द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
- भारतीय नेताओं ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 और रायसीना डायलॉग 2024 में यूक्रेनी आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल की भागीदारी की भी सराहना की।
- दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित अंतर्राष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों, जैसे कि राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान को बनाए रखने के लिए भविष्य में सहयोग के लिए अपनी तत्परता दोहराई।
- यूक्रेनी पक्ष ने बताया कि यूक्रेन में शांति पर शिखर सम्मेलन में अपनाई गई शांति रूपरेखा पर संयुक्त विज्ञप्ति, वार्ता, कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय कानून के आधार पर न्यायपूर्ण शांति को बढ़ावा देने के लिए आगे के प्रयासों के लिए आधार के रूप में काम कर सकती है।
- नेताओं ने दोनों देशों के बीच भविष्योन्मुख और मजबूत आर्थिक साझेदारी को सुविधाजनक बनाने में व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी, औद्योगिक और सांस्कृतिक सहयोग (IGC) पर भारतीय-यूक्रेनी अंतर-सरकारी आयोग के महत्व पर बल दिया।
- दोनों पक्षों ने 2012 रक्षा सहयोग समझौते के तहत स्थापित सैन्य-तकनीकी सहयोग पर भारत-यूक्रेनी संयुक्त कार्य समूह की दूसरी बैठक निकट भविष्य में भारत में आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की।
भारत-यूक्रेन द्विपक्षीय संबंध
- भारत ने 1991 में यूक्रेन की स्वतंत्रता को मान्यता दी, 1992 में राजनयिक संबंध स्थापित किए तथा मई 1992 में कीव में अपना दूतावास खोला।
- व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी, औद्योगिक और सांस्कृतिक सहयोग पर भारत-यूक्रेनी अंतर-सरकारी आयोग (IGC) की स्थापना के समझौते पर 1994 में हस्ताक्षर किये गये थे।
- भारत और यूक्रेन के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग पर एक समझौते पर 1992 में हस्ताक्षर किये गये थे तथा 2012 में इसे नवीनीकृत किया गया था।
- दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगातार बढ़ता हुआ 2021-22 में 3.386 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया था।
- भारत ने जून 2024 में स्विट्जरलैंड के बर्गेनस्टॉक में आयोजित यूक्रेन में शांति पर शिखर सम्मेलन में भाग लिया है।
रखरखाव और उन्नयन:
- भारतीय वायुसेना के AN-32 विमान और नौसेना के युद्धपोतों सहित भारत के सैन्य उपकरणों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सोवियत मूल का है। यूक्रेन इन प्रणालियों के रखरखाव और उन्नयन के लिए महत्वपूर्ण घटक और विशेषज्ञता प्रदान करता है।
स्पेयर पार्ट्स और इंजन:
- मैशप्रोएक्ट जैसी यूक्रेनी कंपनियां भारतीय युद्धपोतों के लिए आवश्यक पुर्जों की आपूर्ति करती हैं और स्थानीय उत्पादन के लिए संयुक्त उद्यम की संभावनाएं तलाश रही हैं।
रक्षा व्यापार:
- यूक्रेन भारत के लिए हथियारों का स्रोत रहा है, SU-30MKI लड़ाकू विमानों के लिए R-27 जैसी मिसाइलें भी प्रदान करता रहा है।