संदर्भ:

हाल ही में पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम (GTTP) शुरू किया है।

ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम (GTTP)

  • GTTP भारत में समुद्री परिचालन को कार्बन मुक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है , जो शिपिंग क्षेत्र में पर्यावरणीय स्थिरता और तकनीकी उन्नति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • GTTP ‘ पंच कर्म संकल्प’ का एक महत्वपूर्ण घटक है और व्यापक राष्ट्रीय पहलों के साथ संरेखित है।
  • इस पहल का उद्देश्य भारतीय प्रमुख बंदरगाहों पर पारंपरिक ईंधन आधारित हार्बर टगों को शून्य-उत्सर्जन टगों से प्रतिस्थापित करना है।

प्रमुख विशेषताएं:

  • चरणबद्ध कार्यान्वयन: कार्यक्रम को चरणों में क्रियान्वित किया जाएगा, जिसका पहला चरण 1 अक्टूबर, 2024 को शुरू होगा और 31 दिसंबर, 2027 को समाप्त होगा।
  • पायलट बंदरगाह: चार प्रमुख बंदरगाह – जवाहरलाल नेहरू, दीनदयाल, पारादीप और वीओ चिदंबरनार – कम से कम दो ग्रीन टग खरीदकर या किराये पर लेकर इस पहल की अगुवाई करेंगे।

मानकीकरण: स्थायी विनिर्देश समिति (SSC) हरित टगों के लिए मानकीकृत डिजाइन और विनिर्देश जारी करेगी।

  • इस कार्यक्रम का लक्ष्य 2040 तक भारतीय प्रमुख बंदरगाहों पर सभी टगों को हरित बनाना है , जिससे देश भर में एक मानकीकृत, पर्यावरण-अनुकूल बेड़ा तैयार हो सके।

टग क्या हैं?

  • टग समुद्री जहाजों का एक विशेष वर्ग है जो बड़े जहाजों को बंदरगाह में प्रवेश करने या छोड़ने में मदद करता है।
  • टग बोट का उपयोग जहाज को पानी, हवा आदि जैसी आवश्यक चीजें प्रदान करने के लिए भी किया जा सकता है।
  • टग बोट गैर-स्वचालित बजरों, तेल प्लेटफार्मों, लॉग राफ्ट आदि के लिए भी आवश्यक हैं।
  • प्रौद्योगिकी को अपनाना: प्रारंभ में बैटरी-इलेक्ट्रिक टगों पर ध्यान केंद्रित करते हुए , यह कार्यक्रम हाइब्रिड, मेथनॉल और ग्रीन हाइड्रोजन जैसी उभरती हुई हरित प्रौद्योगिकियों के अनुकूल बना रहेगा।
  • मेक इन इंडिया: GTTP के अंतर्गत सभी टग जहाजों का निर्माण भारतीय शिपयार्डों में किया जाएगा, जिससे घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

GTTP निम्नलिखित राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप होगा:

  • मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030 (MIV 2030): इसका लक्ष्य 2030 तक प्रमुख बंदरगाहों की 60% बिजली नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करना तथा प्रति टन कार्गो पर कार्बन उत्सर्जन को 30% तक कम करना है।
  • समुद्री अमृत काल विजन 2047: इसमें 2030 तक बंदरगाह जहाजों से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को 30% तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है।

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