संदर्भ:

हाल ही में, महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने विदर्भ में सिंचाई में सुधार के लिए 87,342.86 करोड़ रुपये की वैनगंगा-नलगंगा नदी जोड़ो परियोजना को मंजूरी दी।

परियोजना के बारे में

  • राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (National Water Development Agency) ने वर्ष 2018 में एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसे केंद्रीय जल आयोग ने मंजूरी दे दी है।
  • यह परियोजना एकीकृत राज्य जल योजना में समाहित है, जिसे राज्य जल परिषद ने मंजूरी दे दी है।

परियोजना के उद्देश्य 

  • इस परियोजना का उद्देश्य वैनगंगा नदी से पानी को नलगंगा परियोजना की ओर र्निर्देशित करना है, जिससे 06 जिलों के 15 शहरों के 3.75 लाख हेक्टेयर भूमि को लाभ मिलेगा।
  • इसका उद्देश्य सिंचाई, पेयजल और औद्योगिक जल आपूर्ति उपलब्ध कराने के साथ-साथ विशेषकर सूखाग्रस्त क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना है।
  • इस पहल से कृषि उत्पादकता को बढ़ावा मिलने, सतत जल आपूर्ति सुनिश्चित होने तथा सूखा प्रभावित मराठवाड़ा क्षेत्र को पर्याप्त राहत और विकास के अवसर मिलने की उम्मीद है।

परियोजना का विवरण

  • इस परियोजना में 426.52 किलोमीटर लंबी लिंक नहरों का निर्माण करके गोदावरी नदी घाटी (बेसिन) में वैनगंगा नदी से पानी को बुलढाणा (Buldhana) जिले में नलगंगा परियोजना तक पहुँचाना है।
  • इससे विदर्भ क्षेत्र के नागपुर, वर्धा, अमरावती, यवतमाल, अकोला और बुलढाणा जिलों के 15 तालुकाओं को सिंचाई, पेयजल और औद्योगिक जल आपूर्ति का लाभ मिलेगा।
  • इसके तहत अतिरिक्त पानी को हिंगोली और परभणी जैसे पड़ोसी जिलों तक पहुँचाने की भी योजना बनाई गई है।
  • इसके अतिरिक्त, रबी फसलों के मौसम के दौरान पानी के उपयोग हेतु 31 भंडारण जलाशयों का निर्माण किया जाएगा।
  • इस परियोजना के 10 वर्षों में पूरा होने की संभावना व्यक्त की गई है, जिसको केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता मिलेगी। इसके प्रारंभिक चरण में 1,232 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी।

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