संदर्भ:
आर्थिक परिवर्तन, वित्तीय समावेशन और विकास के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना पर भारत के जी-20 टास्क फोर्स ने डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (Digital Public Infrastructure-DPI) पर अपनी अंतिम रिपोर्ट जारी की।
अन्य संबंधित जानकारी
- टास्क फोर्स का नेतृत्व सह-अध्यक्षों – भारत के जी20 शेरपा श्री अमिताभ कांत और इंफोसिस के सह-संस्थापक और अध्यक्ष तथा UIDAI (आधार) के संस्थापक अध्यक्ष श्री नंदन नीलेकणि ने किया
- टास्क फोर्स की रिपोर्ट का उद्देश्य दुनिया भर में DPI की नींव को मजबूत करना है।
- इस टास्क फोर्स के कार्य के परिणामस्वरूप भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) की परिभाषा और रूपरेखा को स्वीकृति मिली तथा इसे ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता के दौरान कार्यान्वयन के लिए आगे बढ़ाया जाएगा।
डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना पर भारत का G20 टास्क फोर्स
- जनवरी 2023 में टास्क फोर्स की स्थापना DPI और वित्तीय समावेश पर भारत के जी20 अध्यक्षता एजेंडे और प्राथमिकताओं को प्राप्त करने की देखरेख व सुविधा प्रदान करने के लिए की गई थी।
- इसमें उन तरीकों पर विचार किया गया जिनसे जी-20 सदस्य देश विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल प्रौद्योगिकी और डीपीआई को अपनाकर उत्पादकता बढ़ा सकते हैं।
DPI पर भारत के G20 टास्क फोर्स की रिपोर्ट के बारे में
- रिपोर्ट में तीन आवश्यक भाग शामिल हैं जो सामूहिक रूप से वैश्विक DPI उन्नति और अपनाने के दृष्टिकोण को उजागर करते हैं।
- भाग 1: DPI दृष्टिकोण एक परिवर्तनकारी प्रतिमान के रूप में उभरता है जो नवीन तकनीकी समाधानों के माध्यम से वैश्विक चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करता है।
- भाग 2: इसमें इस बात पर विस्तार से चर्चा की गई है कि भारत ने 2023 में जी-20 प्रेसीडेंसी के दौरान अपने विभिन्न कार्य समूहों के तहत DPI एजेंडे को किस प्रकार आगे बढ़ाया है, जिसमें फाइनेंस ट्रैक के ग्लोबल पार्टनरशिप फॉर फाइनेंशियल इन्क्लूजन (जीपीएफआई) और शेरपा ट्रैक के डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप (डीईडब्ल्यूजी) शामिल हैं।
- भाग 3: यह एक दूरदर्शी परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करता है, तथा विभिन्न क्षेत्रों में DPI को बढ़ाने के लिए रणनीतिक खाका प्रस्तुत करता है।
डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) क्या है?
- डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) डिजिटल प्रणालियों का एक समूह है जो देशों को सुरक्षित और कुशलतापूर्वक आर्थिक अवसर प्रदान करने और सामाजिक सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाता है।
- DPI सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था को कवर करता है, तथा लोगों, डेटा और धन को उसी प्रकार जोड़ता है जिस प्रकार सड़कें और रेलमार्ग लोगों और वस्तुओं को जोड़ते हैं।
डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना की उपलब्धियां
- विश्व स्तर पर डिजिटल लेन-देन में भारत का प्रतिशत सबसे अधिक है, जो लगभग 46% है।
- एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) मासिक आधार पर 13 बिलियन लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है, जिससे लगभग 350 मिलियन व्यक्तियों और 50 मिलियन व्यापारियों को सेवा मिलती है तथा DPI समर्थित प्रत्यक्ष हस्तांतरण से केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं में सरकार को 41 बिलियन डॉलर की बचत हुई है।
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस एक त्वरित वास्तविक समय भुगतान प्रणाली है जिसे NPCI द्वारा मोबाइल फोन के माध्यम से अंतर-बैंक लेनदेन की सुविधा के लिए विकसित किया गया है। - DPI ने आधार आईडी सिस्टम (हर भारतीय को डिजिटल पहचान) के माध्यम से नागरिकों के जीवन में सुधार किया है। अब, लगभग 1.3 बिलियन भारतीयों के पास आधार कार्ड हैं और आधार के माध्यम से प्रतिदिन औसतन 10 मिलियन E-KYC की सुविधा दी जा रही है।
- भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) की अंतर्राष्ट्रीय शाखा ने ” यूपीआई वैश्वीकरण ” के लिए 80 से अधिक देशों तक पहुंच बनाई है और 30 से अधिक देशों में 20 से अधिक भुगतान भागीदारों के साथ समझौते किए हैं।