संदर्भ:
माननीय प्रधानमंत्री ने डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी को उनकी पुण्यतिथि 23 जून को श्रद्धांजलि अर्पित की ।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बारे में
- इनका जन्म 6 जुलाई 1901 को कलकत्ता में एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था। ये बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी थे – राजनीतिज्ञ , बैरिस्टर और शिक्षाविद।
- इन्होंने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में उद्योग और आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्य किया।
- 1934 में 33 वर्ष की आयु में, ये कलकत्ता विश्वविद्यालय के सबसे युवा कुलपति के रूप में चुने गए।
- इनके कार्यकाल के दौरान, रवींद्रनाथ टैगोर ने पहली बार बंगाली में दीक्षांत भाषण दिया और उच्च स्तरीय परीक्षाओं के लिए भारतीय स्थानीय भाषाओं को शामिल किया गया।
- इन्होंने भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1946 में मुखर्जी ने बंगाल के विभाजन का समर्थन किया ताकि हिंदू बहुल क्षेत्रों को मुस्लिम बहुल पूर्वी पाकिस्तान में शामिल होने से रोका जा सके।
- उन्होंने शरत बोस और हुसैन शहीद सुहरावर्दी द्वारा 1947 में संयुक्त लेकिन स्वतंत्र बंगाल के प्रस्ताव का विरोध किया।
- संविधान सभा के सदस्य के रूप में उन्होंने भाषा और संस्कृति के संबंध में परिवर्तनकारी सुझाव दिए।
- 21 अक्टूबर 1951 को मुखर्जी ने दिल्ली में भारतीय जनसंघ की स्थापना की और इसके प्रथम अध्यक्ष बने, जो कि आधुनिक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का अग्रदूत था।
- ये राष्ट्रीय एकीकरण के प्रबल समर्थक थे और इन्होंने जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने राष्ट्रीय एकता की समर्थन करने के लिए “एक निशान, एक विधान, एक प्रधान” का नारा दिया।
- 1953 में मुखर्जी को कश्मीर में बिना अनुमति के प्रवेश करने के प्रयास में गिरफ्तार कर लिया गया था।
- 23 जून 1953 को हिरासत के दौरान रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई।