संदर्भ: 

मसाला बोर्ड ने मसालों में एथिलीन ऑक्साइड (ETO) के उपयोग की सीमा निर्धारित करने के लिए कोडेक्स (CODEX) के साथ मिलकर काम कर रहा है।

अन्य संबंधित जानकारी  

  • यह सहयोग ETO (एथिलीन ऑक्साइड) संदूषण संबंधी चिंताओं के कारण हाल ही में हांगकांग और सिंगापुर द्वारा भारतीय मसालों के निर्यात सिपमेंट को वापस लेने के बाद हुआ है।
  • CODEX ने अभी तक एथिलीन ऑक्साइड (ETO) के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं की है।
  • भारत इन सीमाओं को स्थापित करने की तात्कालिकता को पहचानता है, विशेष रूप से विभिन्न देशों में अलग-अलग नियमों को ध्यान में रखते हुए।

इन सीमाओं का उल्लंघन करने पर भविष्य में निर्यात अस्वीकृत हो सकता है, जिसके गंभीर आर्थिक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

  • हालाँकि, प्रमुख बाजारों में मसालों के मामले में भारत के नमूने की विफलता उसके निर्यात के 1 प्रतिशत से भी कम है।

कोडेक्स एलिमेंटेरियस (Codex Alimentarius)

  • यह वर्ष 1963 में खाद्य और कृषि संगठन (FAO) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित एक अंतरराष्ट्रीय खाद्य मानक निकाय है।
  • इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा करना और खाद्य पदार्थों के व्यापार में समुचित प्रथाओं को सुनिश्चित करना है।
  • वर्तमान में, कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन (Codex Alimentarius Commission) में 188 देशों और यूरोपीय संघ के 189 कोडेक्स सदस्य हैं।
  • भारत वर्ष 1964 में इस निकाय में शामिल हुआ।
  • मुख्यालय: इटली के रोम में। 

मसाले और पाक-कला संबंधित जड़ी-बूटियों पर कोडेक्स समिति (CCSCH)

  • केरल स्थित मसालों और पाक जड़ी-बूटियों पर कोडेक्स समिति (CCSCH) की स्थापना उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा और व्यापार में निष्पक्ष प्रथाओं को सुनिश्चित करने हेतु अंतरराष्ट्रीय खाद्य मानकों, दिशानिर्देशों और व्यवसाय संहिता को विकसित करने हेतु की गई है।

एथिलीन ऑक्साइड (ETO)

  • यह एक रसायन है, जिसका उपयोग मसालों में रोगाणुनाशक एजेंट के रूप में किया जाता है तथा एक सीमा से अधिक का उपयोग किए जाने पर इसे कैंसरजनक (कैंसर उत्पन्न करने वाला) माना जाता है।
  • सामान्यतः ETO का उपयोग एक कीटाणुनाशक के साथ-साथ मसालों में माइक्रोबियल संदूषण को कम करने के लिए एक कीटनाशक के रूप में किया जाता है।
  • मसाला बोर्ड, मसाला निर्यात को बढ़ाने और विनियमित करने के लिए जिम्मेदार सरकारी निकाय, पहले से ही निर्यातकों को रोगाणुनाशक के रूप में एथिलीन ऑक्साइड का उपयोग न करने की सलाह देती है।    

भारतीय मसाला बोर्ड (Spices Board of India)

  • इसका गठन 26 फरवरी, 1987 को मसाला बोर्ड अधिनियम, 1986 के तहत तत्कालीन इलायची बोर्ड (1968) और मसाला निर्यात संवर्धन परिषद (1960) के विलय के साथ किया गया। 
  • यह अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले 52 मसालों और मसाला उत्पादों के निर्यात का विकास, संवर्धन और विनियमन करता है।
  • मसाला बोर्ड वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत पाँच वस्तु (कमोडिटी) बोर्डों में से एक है।  

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