इस प्रस्तावित प्रणाली का लक्ष्य दिल्ली की प्रदूषण रणनीति में बदलाव करना है, ताकि सामान्य पाबंदियों और आपातकालीन प्रतिक्रियाओं के बजाय ‘तथ्यों पर आधारित’ और ‘प्रदूषण के मुख्य स्रोतों’ को ध्यान में रखकर कार्रवाई की जा सके।

अन्य संबंधित जानकारी:

  • AI सक्षम डिसीजन सपोर्ट सिस्टम की मुख्य विशेषताएँ:
    • इस रणनीति का आधार ‘डायनेमिक सोर्स अपोर्शनमेंट’ तकनीक है। यह प्रणाली वैज्ञानिक विश्लेषण के जरिए इसकी सटीक पहचान करेगी कि प्रदूषण में धूल, यातायात, औद्योगिक उत्सर्जन, बायोमास दहन (पराली/कचरा) और क्षेत्रीय कारकों की कितनी हिस्सेदारी है।
    • डेटा-संचालित यह दृष्टिकोण केवल प्रतिबंधात्मक और तात्कालिक उपायों तक सीमित न रहकर, प्रदूषण के मूल स्रोतों के विरुद्ध लक्षित कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।
  • वर्तमान प्रणाली और इसकी सीमाएँ: वर्तमान में राजधानी दिल्ली भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे (IITM) के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) पर निर्भर है। तथापि, पूर्व में विशेषज्ञों ने इसके आंकड़ों की विश्वसनीयता और सटीक विश्लेषण को लेकर चिंताएँ जताई हैं।
    • सार्वजानिक नीति थिंक टैंक ‘काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर’ (CEEW) के एक अध्ययन के अनुसार, दिल्ली का ‘वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली’ (AQEWS) गंभीर प्रदूषण वाले दिनों का पूर्वानुमान लगाने में 80% से अधिक कारगार रहा है। इसके बावजूद, उत्सर्जन के पुराने उत्सर्जन डेटा पर इसकी निर्भरता और प्रदूषण के स्तर को वास्तविक से कम आंकने की इसकी प्रकृति, इसकी प्रभावशीलता को सीमित करती है।
  • वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली (AQEWS): इसे 2018 में केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा दिल्ली की वायु गुणवत्ता का तीन दिन पहले पूर्वानुमान लगाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
    • इसका संचालन भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM), पुणे और भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा किया जाता है।
    • वर्ष 2021 में, इस प्रणाली में एक ‘डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ (DSS) को एकीकृत किया गया, जो PM 2.5 प्रदूषण में विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों और क्षेत्रीय कारकों की हिस्सेदारी को मापता है।
    • अध्ययन के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में हुए आंशिक सुधारों के बावजूद, वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली अभी भी प्रदूषण के अति-गंभीर चरणों का पूर्वानुमान लगाने में पूरी तरह सक्षम नहीं है।
    • AQEWS ने 2023–24 में 400 से ऊपर वायु गुणवत्ता सूचकांक वाली प्रदूषण की 15 घटनाओं में से केवल 1 का सटीक पूर्वानुमान लगाया था। 2024–25 में इसमें सुधार हुआ और 14 में से 5 ऐसी घटनाओं का सटीक पूर्वानुमान लगाया गया, जो ‘डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ (DSS) की मूलभूत कमियों को उजागर करता है।
  • वर्तमान में लागू प्रदूषण न्यूनीकरण उपाय: वाहनों, धूल, उद्योगों और कचरे से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार बहुआयामी दृष्टिकोण अपना रही है, जिसमें नागरिक निकायों द्वारा निरंतर और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।
    • निर्माण स्थलों पर धूल-रोधी मानकों का सख्त अनुपालन, सड़कों की यांत्रिक सफाई, एंटी-स्मॉग गन और बिजली के खंभों पर लगे मिस्ट स्प्रे प्रणालियाँ, वायुमंडल में फैले धूल के कणों के नियंत्रण में अत्यंत प्रभावी सिद्ध हो रही हैं।
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