संबंधित पाठ्यक्रम

सामान्य अध्ययन-2: भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह तथा करार।

संदर्भ: हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने संयुक्त रूप से 17 से 19 दिसंबर तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में ‘पारंपरिक चिकित्सा पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के दूसरे वैश्विक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया।

 अन्य संबंधित जानकारी

  • यह शिखर सम्मेलन 100 से अधिक देशों के नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों और चिकित्सकों के लिए “संतुलन की बहाली: स्वास्थ्य और कल्याण का विज्ञान और अभ्यास” विषय पर विचार-विमर्श करने हेतु एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ।
  • WHO के महानिदेशक ने पारंपरिक चिकित्सा में भारत के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि हाल ही में अपनाई गई ‘WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा रणनीति 2025-2034’ साक्ष्य-आधारित विज्ञान और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में पारंपरिक प्रणालियों के एकीकरण को प्राथमिकता देगी।

पारंपरिक चिकित्सा पर दिल्ली घोषणा: पारंपरिक चिकित्सा पर WHO के दूसरे वैश्विक शिखर सम्मेलन(2025)के परिणाम

  • लक्ष्य: पारंपरिक चिकित्सा के विज्ञान और अभ्यास पर आधारित, लोगों और पृथ्वी के लिए संतुलन की बहाली हेतु एक वैश्विक आंदोलन को गति देना।
  • WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा पुस्तकालय (TMGL) का शुभारंभ: यह एक विशाल डिजिटल रिपॉजिटरी (संग्रह) है, जिसमें स्वास्थ्य, कल्याण और पृथ्वी के संतुलन हेतु साक्ष्य-आधारित पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए 15 लाख से अधिक रिकॉर्ड शामिल हैं।
  • पारंपरिक ज्ञान का वैश्विक सामंजस्य: विदेशी नागरिकों के लिए 104 वार्षिक छात्रवृत्तियों का प्रावधान और अक्टूबर 2025 तक जामनगर में ‘WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र’ के निर्माण कार्य को पूर्ण करने का लक्ष्य।
  • डिजिटल प्रौद्योगिकी एकीकरण: प्रदर्शनी (एक्सपो) में डिजिटल स्वास्थ्य तकनीक, AI-आधारित उपकरणों, शोध नवाचारों और आधुनिक कल्याणकारी बुनियादी ढांचे का प्रदर्शन किया गया, जिसने मिलकर परंपरा और तकनीक के बीच समन्वय को दर्शाया।
    • आयुष ग्रिड पर चर्चा और प्राचीन ज्ञान प्रणालियों को सत्यापित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग।
    • ICD-11 मॉड्यूल 2 का शुभारंभ, जो अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य वर्गीकरण में आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी रुग्णता कोड को एकीकृत करता है।
  • विश्व भर में भारत की आरोग्य साझेदारी: दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी एशिया को कवर करने वाले BIMSTEC देशों के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना और विज्ञान, पारंपरिक प्रथाओं एवं स्वास्थ्य को एकीकृत करने के उद्देश्य से जापान से सहयोग।
  • WHO के साथ भारत की साझेदारी: दिल्ली में नए WHO-दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्रीय कार्यालय परिसर का उद्घाटन, जिसमें WHO भारत देश कार्यालय भी स्थित होगा।

शिखर सम्मेलन का महत्त्व

  • यह वैश्विक, विज्ञान-आधारित और जन-केंद्रित पारंपरिक चिकित्सा एजेंडा को आकार देने में भारत के बढ़ते नेतृत्व और अग्रणी पहलों को रेखांकित करता है।
  • इसमें अनुसंधान, मानकीकरण और वैश्विक सहयोग के माध्यम से पारंपरिक चिकित्सा और भारतीय ज्ञान प्रणाली को मुख्यधारा में लाने पर जोर दिया गया।
  • इसने प्रदर्शित किया कि किस प्रकार आधुनिक तकनीक का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा विरासत के दस्तावेजीकरण और संरक्षण के लिए किए जाने के  साथ ही स्थानीय समुदायों के लिए उचित लाभ-साझाकरण सुनिश्चित किया जा सकता है।
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