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सामान्य अध्ययन-3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव आकलन।

सन्दर्भ: संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा प्रकाशित ग्लोबल एनवायरनमेंट आउटलुक-7 (GEO-7) में रेखांकित किया गया है कि कैसे मानव-जनित जैव विविधता ह्रास और भूमि क्षरण जलवायु तंत्र को लगातार प्रभावित कर रहे हैं, जिससे फीडबैक लूप बनते हैं और पारिस्थितिकी तंत्र को होने वाले नुकसान की गति बढ़ जाती है।       

GEO-7 के मुख्य निष्कर्ष

  • जलवायु परिवर्तन की दिशा: 1990 से वैश्विक ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन औसतन 1.5% वार्षिक दर से बढ़ा है।
    • 2024 में वैश्विक औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.55°C ऊपर पहुँच गया, जिससे अत्यधिक गर्मी, सूखा, जंगल की आग और बाढ़ की तीव्रता बढ़ी है।
    • रिपोर्ट चेतावनी देती है कि वर्तमान विकास मार्ग जलवायु स्थिरता के अनुकूल नहीं हैं।
  • जैव विविधता ह्रास और भूमि क्षरण: दुनिया की 8 मिलियन प्रजातियों में से लगभग 1 मिलियन प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा है। 
    • विश्व के 20-40% भूमि क्षेत्र का पहले ही क्षरण हो चुका है, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ प्रभावित हो रही हैं और 3 बिलियन से अधिक लोगों की आजीविका पर असर पड़ रहा है।
    • अमेज़न वर्षावन में वनों की कटाई, तापमान वृद्धि और नमी में कमी के कारण ह्रास के लक्षण दिख रहे हैं, और 10–47% वन क्षेत्र गर्मी, सूखा और आग के संयुक्त जोखिम के अधीन हैं।
    • जैव विविधता ह्रास कार्बन सिंक को कमजोर करता है, पोषक तत्व और जल चक्रों को प्रभावित करता है और जलवायु प्रभावों को बढ़ाता है।
  • भूमि, वन और कार्बन चक्र में व्यवधान: 2023 में अत्यधिक वैश्विक गर्मी के कारण स्थलीय पारिस्थितिक तंत्रों से लगभग 1.73 गीगाटन कुल कार्बन ह्रास हुआ।
    • दक्षिण-पूर्व एशिया में, भूमि पारिस्थितिक तंत्र का शुद्ध कार्बन सिंक वर्ष के कुछ हिस्सों में शून्य के करीब पहुँच जाता है।
    • भूमि आवरण में परिवर्तन सतह की परावर्तन क्षमता (एल्बीडो) को बदल देते हैं; कुछ उच्च-अक्षांश क्षेत्रों में, वनों की कटाई को कम करना विरोधाभासी रूप से ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ा सकता है। 
  • मृदा और क्रायोस्फीयर:
    • मृदा में जमा कार्बन भंडार, वायुमंडल और जैवमंडल के कुल सम्मिलित कार्बन से तीन गुना अधिक है, जिसमें लगभग 2,500 गीगाटन CO₂ को अवशोषित करने की क्षमता है।     
    • मृदा से होने वाला उत्सर्जन सालाना 6.8–7.9 गीगाटन CO₂ समतुल्य  योगदान करता है, जिसमें पीटलैंड और धान की खेती से निकलने वाली मीथेन और मृदा से निकलने वाली नाइट्रस ऑक्साइड भी शामिल हैं।   
  • प्रदूषण और मानव कल्याण:  पर्यावरणीय प्रदूषण रोग और अकाल मृत्यु  के लिए दुनिया का सबसे बड़ा जोखिम कारक बना हुआ है।
    • 99% वैश्विक आबादी किसी न किसी प्रकार के वायु प्रदूषण के संपर्क में है।
    • वायु प्रदूषण से होने वाले स्वास्थ्य नुकसान का अनुमान 2019 में 8.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर लगाया गया था, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का  6.1% है। यह नुकसान निम्न और मध्यम आय वाले देशों को असमान रूप से अधिक प्रभावित करता है।
  • जलवायु– वनाग्नि –प्रदूषण फीडबैक लूप: जलवायु परिवर्तन जंगल की आग की आवृत्ति, तीव्रता और अवधि को बढ़ा रहा है।
    • जंगल की आग ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन को बढ़ाती है, वनों को नष्ट करती है और PM2.5 प्रदूषण में वृद्धि करती है।
    • यदि कड़े कदम नहीं उठाए गए, तो वैश्विक स्तर पर जंगल की आग लगने की प्रायिकता आज के 1.31 से बढ़कर वर्ष 2100 तक 1.57 हो सकती है।     
  • पर्यावरणीय क्षरण की आर्थिक लागत: पिछले दो दशकों में जलवायु से संबंधित चरम मौसमी घटनाओं के कारण औसतन 143 बिलियन अमेरिकी डॉलर का वार्षिक आर्थिक नुकसान हुआ है।
    • GEO-7 इस बात पर ज़ोर देता है कि निष्क्रियता की कीमत, आवश्यक परिवर्तन को अपनाने की लागत की तुलना में कहीं अधिक है।
  • परिवर्तनकारी बदलाव का आर्थिक पक्ष: यद्यपि पर्यावरणीय बदलाव के लिए शुरुआती बड़े निवेश की आवश्यकता होती है, लेकिन 2050 तक इसके नेट वैश्विक व्यापक आर्थिक लाभ मिलने की संभावना है।
    • 2070 तक, यह लाभ सालाना लगभग 20 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच सकता है, जो जलवायु क्षति से बचाव, स्वास्थ्य में सुधार तथा पारिस्थितिकी तंत्र के पुनर्स्थापन से प्रेरित होगा।  
  • समावेशी ज्ञान और शासन: पहली बार, स्वदेशी लोगों और पारंपरिक ज्ञान धारकों ने संरचित संवादों के माध्यम से औपचारिक रूप से GEO रिपोर्ट में अपना योगदान दिया है।
    • यह दृष्टिकोण संदर्भ-विशिष्ट समाधानों को मजबूत करता है और पर्यावरणीय शासन की वैधता को बढ़ावा देता है।

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP)  

  • UNEP दुनिया का अग्रणी वैश्विक पर्यावरणीय प्राधिकरण है, जिसकी स्थापना 1972 में स्टॉकहोम सम्मेलन के बाद हुई थी।
  • यह जलवायु परिवर्तन, प्रकृति और जैव विविधता ह्रास, तथा प्रदूषण और अपशिष्ट के समाधान खोजने के लिए 193 सदस्य देशों को एकजुट करता है। इन तीन समस्याओं को सामूहिक रूप से ट्रिपल प्लैनेटरी क्राइसिसकहा जाता है।
  • मुख्यालय: नैरोबी, केन्या।   

ग्लोबल एनवायरनमेंट आउटलुक (GEO)    

  • ग्लोबल एनवायरनमेंट आउटलुक (GEO) 1995 से संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की प्रमुख पर्यावरणीय आकलन रिपोर्ट श्रृंखला है। 
  • यह वैश्विक, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय स्तरों पर वैश्विक पर्यावरण की स्थिति, नीतियों की प्रभावशीलता और भविष्य के पर्यावरणीय दिशाओं का मूल्यांकन करता है।        
  • GEO-7 को 82 देशों के 287 विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया था, जिसमें 800 से अधिक समीक्षकों के सुझावों को शामिल किया गया।        
  • यह प्रक्रिया 2022 में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के एक प्रस्ताव के तहत अनिवार्य की गई थी तथा 2024–2025 के दौरान इसकी व्यापक समीक्षा की गई।
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