संबंधित पाठ्यक्रम
सामान्य अध्ययन-2: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियाँ और मंच – उनकी संरचना, अधिदेश।
सामान्य अध्ययन–3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव आकलन।
संदर्भ: हाल ही में केन्या के नैरोबी में आयोजित संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा के सातवें सत्र (UNEA-7) में ‘वनाग्नि के वैश्विक प्रबंधन को सुदृढ़ करना’ विषय पर भारत द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को अपनाया गया।
अन्य संबंधित जानकारी
- इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों का व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ, जो वनाग्नि जोखिमों से निपटने की तात्कालिक आवश्यकता पर वैश्विक सहमति को दर्शाता है।
- भारत ने रेखांकित किया कि जलवायु परिवर्तन, बढ़ते तापमान, दीर्घकालिक सूखे और मानवीय गतिविधियों के कारण वनाग्नि अब केवल मौसमी घटनाएँ न रहकर बार-बार होने वाली और लंबे समय तक चलने वाली आपदाओं में परिवर्तित हो गई है।
- इस प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्तर पर वनाग्नि की रोकथाम और प्रबंधन हेतु अंतरराष्ट्रीय सहयोग, समन्वित कार्रवाई और साझा उत्तरदायित्व को मजबूत करना है।
- भारत ने UNEP की वैश्विक रिपोर्ट ‘स्प्रेडिंग लाइक वाइल्डफायर‘ की ओर ध्यान आकर्षित कराया, जो चेतावनी देती है कि यदि वर्तमान प्रवृत्तियाँ जारी रही, तो वनाग्नि की घटना 2030 तक 14%, 2050 तक 30% और 2100 तक 50% बढ़ सकती है।
भारत के प्रस्ताव के प्रमुख प्रावधान
यह प्रस्ताव ग्लोबल फायर मैनेजमेंट हब के अंतर्गत चल रही वैश्विक पहलों को सुदृढ़ करने पर बल देता है और निम्नलिखित का आह्वान करता है:
- मजबूत अंतरराष्ट्रीय सहयोग: प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों, जोखिम आकलन उपकरणों, उपग्रह एवं स्थलीय पारितंत्र निगरानी के विकास के साथ-साथ समुदाय-आधारित चेतावनी तंत्र को बढ़ावा देना।
- क्षेत्रीय और वैश्विक सहयोग का विस्तार: रोकथाम, आपदा-प्रतिक्रिया के पश्चात पुनर्बहाली तथा पारितंत्र पुनर्स्थापन का समर्थन करने वाले तंत्र विकसित करना।
- ज्ञान-साझाकरण और क्षमता निर्माण: सर्वोत्तम प्रथाओं के लिए प्लेटफॉर्म बनाना और हितधारकों के लिए प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करना।
- राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय कार्ययोजनाओं को समर्थन: सदस्य देशों को एकीकृत अग्नि प्रबंधन और वनाग्नि सहनशीलता रणनीतियों के विकास व क्रियान्वयन में सहायता।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के बारे में
- यह संयुक्त राष्ट्र का अग्रणी पर्यावरणीय प्राधिकरण है, जो वैश्विक एजेंडा निर्धारित करता है, सतत विकास को बढ़ावा देता है, और विश्व स्तर पर पर्यावरण संरक्षण की वकालत करता है।
- इसकी स्थापना 1972 में मानव पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (स्टॉकहोम सम्मेलन, 1972) के बाद की गई थी। स्टॉकहोम सम्मेलन पर्यावरणीय मुद्दों पर पहला प्रमुख वैश्विक सम्मेलन था।
- यह 193 सदस्य राष्ट्रों को संयुक्त रूप से ‘ट्रिपल प्लेनेटरी क्राइसिस’ अर्थात जलवायु परिवर्तन, प्रकृति और जैव विविधता की हानि तथा प्रदूषण व अपशिष्ट (कचरा) के समाधान खोजने के लिए एकजुट करता है।
- संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा, UNEP का सर्वोच्च निर्णयकारी निकाय है और इसकी बैठक द्विवार्षिक स्तर पर आयोजित की जाती है।
- UNEP उत्सर्जन अंतराल रिपोर्ट, ग्लोबल एन्वायरनमेंट आउटलुक और अनुकूलन अंतराल रिपोर्ट जैसे प्रमुख आकलन भी जारी करता है।
- इसका मुख्यालय नैरोबी, केन्या में स्थित है।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA-7) के बारे में
- यह पर्यावरणीय मुद्दों पर विश्व के सर्वोच्च निर्णयकारी निकाय का सातवाँ सत्र है।
- इसका पहला सत्र 2014 में नैरोबी, केन्या में आयोजित किया गया था।
- UNEA-7 का विषय “एक लचीले ग्रह के लिए स्थायी समाधान को आगे बढ़ाना” है।
Source:
UNEP Org
PIB
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