संबंधित पाठ्यक्रम
सामान्य अध्ययन-2: भारत से जुड़े और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और समझौते।
संदर्भ: जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में आयोजित G20 लीडर्स शिखर सम्मेलन में जलवायु संकट पर चर्चा हुई और इस मुद्दे पर एक संयुक्त नेतृत्व घोषणापत्र को मंज़ूरी दी गई।
अन्य संबंधित जानकारी
• दक्षिण अफ्रीका 1 दिसंबर 2024 से 30 नवंबर 2025 तक G20 की अध्यक्षता कर रहा है।
- इसकी G20 अध्यक्षता का विषय है — एकजुटता, समानता, संधारणीयता।

• दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने G20 जोहान्सबर्ग लीडर्स डिक्लेरेशन को बहुपक्षवाद और रचनात्मक संवाद के महत्व की एक महत्वपूर्ण पुष्टि बताया।
• अफ्रीका के राष्ट्रपति ने कहा कि यह घोषणा बीस देशों के समूह (G-20) की उस व्यापक प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसके तहत एक अधिक समान, संधारणीय और सहयोगपूर्ण वैश्विक व्यवस्था के निर्माण का संकल्प व्यक्त किया गया है।
• वर्ष 2026 में G20 की मेजबानी करने वाला संयुक्त राज्य अमेरिका इस बार लीडर्स डिक्लेरेशन को अपनाए जाने से रोकने की कोशिश कर रहा था और उसने केवल एक होस्ट-कंट्री स्टेटमेंट जारी करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने अपने रुख में कोई बदलाव करने से इनकार कर दिया।
घोषणा पत्र की प्रमुख विशेषताएँ
• बहुपक्षवाद की पुनर्पुष्टि: घोषणा पत्र वैश्विक चुनौतियों के समाधान में बहुपक्षीय सहयोग और सतत संवाद की अनिवार्यता को रेखांकित करता है।
• असमानता को कम करने की प्रतिबद्धता: सदस्य देशों ने वैश्विक असमानता से निपटने के लिए समावेशी विकास का समर्थन करने का संकल्प दोहराया है, विशेष रूप से अफ्रीका और व्यापक ग्लोबल साउथ पर ध्यान केंद्रित करते हुए।
• अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचनाओं में सुधार: घोषणा पत्र विकासशील देशों पर कर्ज के बोझ को कम करने और सतत विकास के लिए वित्तीय संसाधनों तक पहुँच बेहतर बनाने हेतु सुधारों का आह्वान करता है।
• पूर्ण सर्वसम्मति का अभाव: दक्षिण अफ्रीका के सर्वसम्मति संबंधी दावे के बावजूद अर्जेंटीना ने सार्वजनिक रूप से घोषणा पत्र से दूरी बनाई, जिसके कारण सभी G20 सदस्यों की पूर्ण स्वीकृति प्राप्त नहीं हो सकी।
• घोषणा में निहित एजेंडा: यह घोषणा दक्षिण अफ्रीका की प्राथमिकताओं को दर्शाती है, जिनमें जलवायु परिवर्तन का समाधान, वैश्विक असमानता में कमी, विकासशील देशों को आपदा-उपचार क्षमता सुदृढ़ करने में सहायता, कर्ज बोझ में राहत और महत्वपूर्ण खनिजों के सतत उपयोग को बढ़ावा देना शामिल है।
G-20 के बारे में
• G20, या “ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी”, विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का एक मंच है, जहाँ वैश्विक महत्व के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की जाती है।
• यह अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच के रूप में कार्य करता है, जिसे सितंबर 2009 में पिट्सबर्ग शिखर सम्मेलन के दौरान औपचारिक रूप से मान्यता प्रदान की गई थी।
• सामूहिक रूप से, G20 सदस्य विश्व की कुल GDP का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व की दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। हर वर्ष, इसके साथ आमंत्रित अतिथि देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाती है।
• G20 में कुल 21 सदस्य शामिल हैं: दक्षिण अफ्रीका, अफ्रीकन यूनियन, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, मेक्सिको, सऊदी अरब, रूस, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका।
G-20 शिखर सम्मेलन के बारे में
• G20 शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है, जिसमें सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष वैश्विक प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श के लिए एकत्र होते हैं।
• G20 लीडर्स शिखर सम्मेलन की स्थापना वर्ष 2008 में उस वैश्विक वित्तीय संकट के बाद की गई, जो लेहमैन ब्रदर्स के पतन से उत्पन्न हुआ था। इसी के साथ वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठक को उन्नत करते हुए इसे राष्ट्राध्यक्षों के स्तर तक ले जाया गया।
• वर्ष 2010 तक यह शिखर सम्मेलन वर्ष में दो बार आयोजित होता था, जबकि 2011 से इसे प्रतिवर्ष आयोजित किया जा रहा है।
• G20 एक वार्षिक घूर्णन-आधारित अध्यक्षता प्रणाली पर कार्य करता है। ब्राज़ील ने 1 दिसंबर 2024 को अपनी अध्यक्षता दक्षिण अफ्रीका को सौंपी, और दक्षिण अफ्रीका दिसंबर 2025 में यह जिम्मेदारी संयुक्त राज्य अमेरिका को हस्तांतरित करेगा।
