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सामान्य अध्ययन-3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।

संदर्भ: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की विशाखापत्तनम स्थित नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (NSTL) ने बारूदी सुरंग जैसे खतरों का पता लगाने और उन्हें निष्क्रिय करने जैसे उन्नत कार्यों के लिए मैन-पोर्टेबल ऑटोनोमस अंडरवॉटर व्‍हीकल (MP-AUV) की नई पीढ़ी विकसित की।

अन्य संबंधित जानकारी

  • हाल ही में NSTL/हार्बर में संपन्न हुए क्षेत्र परीक्षणों में प्रणाली ने मुख्य मापदंडों और मिशन के महत्वपूर्ण उद्देश्यों को सफलतापूर्वक हासिल किया।
  • इस प्रणाली के विकास में कई उद्योग भागीदारों ने सहयोग किया है। यह उम्मीद है कि यह प्रणाली अगले कुछ महीनों में उत्पादन चरण के लिए तैयार हो जाएगी।

MP-AUVs की प्रमुख विशेषताएँ

  • पोर्टेबल और हल्का: MP-AUV अपने हल्के और पोर्टेबल के कारण मानव-पोर्टेबल है, जिससे इसे कर्मियों द्वारा आसानी से ले जाया और स्थापित किया जा सकता है।
  • एक से अधिक AUV यूनिट्स: इस प्रणाली में एक साथ काम करने वाले कई स्वायत्त अंडरवॉटर व्हीकल शामिल हैं।
  • वास्तविक समय में पता लगाना: AUVs  में साइड स्कैन सोनार और अंतर्जलीय (अंडरवॉटर) कैमरे लगे होते हैं। साइड स्कैन सोनार का उपयोग करके AUVs समुद्री तल की उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें लेते हैं, जबकि अंडरवॉटर कैमरे कैमरे बारूदी सुरंगों जैसी दिखने वाली वस्तुओं का वास्तविक समय में पता लगाते हैं और उनकी पहचान करते हैं।
  • स्वायत्त वर्गीकरण: ऑनबोर्ड डीप लर्निंग आधारित टारगेट रिकग्निशन एल्गोरिदम उन्हें स्वायत्त वर्गीकरण को सक्षम बनाते हैं।
  • संचार नेटवर्क: इसमें अभियानों के दौरान अंतर-एयूवी डेटा विनिमय को सुविधाजनक बनाने के लिए एक सुदृढ़ अंडरवॉटर ध्वनिक संचार की सुविधा है जिससे स्थिति के बारे में पता लगाने में आसानी होती है।

MP-AUVs का रणनीतिक महत्त्व

  • तीव्र प्रतिक्रिया क्षमता: यह प्रणाली नौसेना के बारूदी युद्ध अभियानों के लिए कम परिचालन जोखिम और न्यूनतम रसद आवश्यकताओं के साथ तीव्र एवं प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करती है।
  • कम रसद आवश्यकताएँ: MP-AUVs पारंपरिक प्रणालियों की तुलना में काफी कम रसद क्षमता बनाए रखते हैं।
  • कम रसद की आवश्यकता: MP-AUVs के लिए पारंपरिक प्रणालियों की तुलना में अपेक्षाकृत कम रसद की आवश्यकता होती हैं।
  • उन्नत अंडरवॉटर क्षमता: इनका विकास नेटवर्क-आधारित, ख़ुफ़िया और बारूदी सुरंगों को निष्क्रिय करने के लिए आवश्यक उपायों को लागू करने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
  • आत्मनिर्भर भारत के लिए सहयोग: यह परियोजना स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देती है और समुद्री आत्मनिर्भरता बढ़ाती है।
  • उन्नत नौसैनिक बारूदी युद्ध: ये MP-AUVs भारतीय नौसेना की बारूदी युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं, और ये आगामी बारूदी सुरंग निरोधक पोतों  (MCMVs) के पूरक होंगे।
  • ऑपरेटर दक्षता: स्वायत्तता और स्मार्ट पहचान सुविधाओं के कारण ऑपरेटर का कार्यभार काफी कम हो जाता है, जिससे मिशन की समयावधि घट जाती है।

Sources:
Pib. Gov.
Indian Express
Business Line

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