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सामान्य अध्ययन-2: भारत और उसके पड़ोसी संबंध।

संदर्भ: हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री भूटान की दो दिवसीय यात्रा पर थे। यह यात्रा भारत-भूटान साझेदारी को उन्न्त करने के उनके प्रयासों का हिस्सा थी।

यात्रा के मुख्य बिंदु

  • जलविद्युत परियोजना में सहयोग:
    • प्रधानमंत्री ने भूटान में 1,020 मेगावाट की पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया। यह परियोजना  भारत द्वारा वित्तपोषित है और इससे भूटान की विद्युत क्षमता में लगभग 40% की वृद्धि होगी।
      • यह भूटान में भारत के समर्थन से शुरू की गई पांचवीं जलविद्युत परियोजना है, जिससे समग्र रूप से लगभग 3,000 मेगावाट बिजली उत्पन्न होगी।
    • 1,200 मेगावाट की पुनात्सांगछू-I जलविद्युत परियोजना के मुख्य बांध पर काम फिर से शुरू कर दिया गया है, जिससे सतत ऊर्जा विकास के क्षेत्र में भारत-भूटान सहयोग बढ़ेगा।
  • ऋण सहायता: भारत सरकार ने भूटान में ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए 40 अरब (बिलियन) भारतीय रुपये की रियायती ऋण सहायता की घोषणा की है।
  • भूटान की विकास योजना में भारत का योगदान: भारत के प्रधानमंत्री ने आर्थिक प्रोत्साहन कार्यक्रम सहित भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना के लिए भारत की ओर से समर्थन देने की  पुष्टि की।
  • सांस्कृतिक साझेदारी:
    • वाराणसी में एक भूटानी मंदिर और अतिथि गृह की स्थापना के लिए भूमि देने का भारत का निर्णय दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को प्रगाढ़ करने के प्रयासों को दर्शाता है।
    • भारत के प्रधान मंत्री ने गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी में निवेशकों और आगंतुकों की सुगम आवाजाही की सुविधा प्रदान करने हेतु असम के हतिसार में एक आव्रजन चेक पोस्ट स्थापित करने की घोषणा की।
  • भूटान के चौथे राजा की 70वीं जयंती में भागीदारी: भारत के प्रधानमंत्री ने चांगलिमिथांग में आयोजित महामहिम चौथे ड्रुक ग्यालपो की 70वीं जयंती के उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
  • वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव: भारत के प्रधानमंत्री ने भूटान की राजधानी थिम्पू में आयोजित वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव में भाग लिया। दरअसल थिम्पू में ही भारत से ले जाए गए भगवान बुद्ध के पवित्र पिपरहवा अवशेषों को सार्वजनिक प्रदर्शनी के लिए रखा गया है। यह कदम दोनों देशों को जोड़े रखने वाले आध्यात्मिक और सभ्यतागत संबंधों को रेखांकित करता है।
  • वैज्ञानिक सहयोग: दोनों पक्षों ने STEM, फिनटेक और अंतरिक्ष के नए क्षेत्रों में बढ़ते सहयोग पर संतोष व्यक्त किया और एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) के चरण II पर चल रहे कार्य की सराहना की। स्पष्ट है कि UPI के चरण II के जरिए भारत आने वाले भूटानी आगंतुक स्थानीय मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से क्यूआर कोड स्कैन करके भुगतान कर सकेंगे।
  • यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच निम्नलिखित क्षेत्रों में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए-
    • भूटान के ऊर्जा एवं प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय तथा भारत के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के बीच नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग।
    • संबंधित स्वास्थ्य मंत्रालयों के बीच स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग।
    • PEMA सचिवालय, भूटान और भारत के राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान के बीच संस्थागत संबंध।
    • सीमा पार रेल संपर्क (गेलेफू-कोकराझार और समत्से-बानरहाट) की शुरुआत।

भारत के लिए भूटान का महत्व

  • रणनीतिक बफर: भूटान, भारत और चीन के बीच एक बफर राज्य के रूप में कार्य करता है। यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और सिलीगुड़ी कॉरिडोर की सुरक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।
  • साझा सांस्कृतिक विरासत: बौद्ध धर्म और सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंध दोनों देशों के बीच आपसी सद्भावना और सहयोग को बढ़ाते हैं।
  • ऊर्जा सुरक्षा साझेदार: भूटान के जलविद्युत संसाधन भारत की ऊर्जा जरूरतों और उसके हरित विकास एजेंडे दोनों को मजबूती प्रदान करते हैं।
  • क्षेत्रीय संपर्क और स्थिरता: भूटान रणनीतिक अवसंरचना मार्गों को सुगम व सुचारू बनाता है, जिससे भारत की पूर्वोत्तर से कनेक्टिविटी मजबूत होती है और क्षेत्रीय एकीकरण को गति मिलती है।

Sources:
The Hindu
Reuters
Mea

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