संदर्भ: हाल ही में, उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने राह-वीरपहल के बारे में जागरूकता फैलाने का निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य आम जनता को आपातकालीन स्थिति में सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने के लिए प्रेरित करना है।

  • विभाग इस योजना के व्यापक प्रचार के लिए पर्चे और स्टिकर छपवाएगा।
  • इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए एक फॉर्म भी छपवाया जाएगा और उसे अस्पतालों में वितरित किया जाएगा।

राह-वीरयोजना:

  • उद्देश्य: यह योजना आपातकालीन स्थितियों में सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने वाले व्यक्तियों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करने और निर्दोष लोगों की जान बचाने के लिए दूसरों को प्रेरित तथा प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई थी।
    • इसे वर्ष 2020 में गुड सेमेरिटन (नेक व्यक्ति)योजना के रूप में 5,000 के निर्धारित नकद पुरस्कार के साथ शुरू किया गया था।
    • मूल राशि से अपेक्षित प्रभाव प्राप्त न होने के बाद, अप्रैल 2025 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा ‘राह-वीर’ के रूप में इसे पुनः शुरू किया गया।
    • नोडल एजेंसी: परिवहन विभाग
    • योजना के क्रियान्वयन की प्रमुख ज़िम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की है।
    • वित्तीय सहायता: सड़क दुर्घटना पीड़ित को गोल्डन ऑवर के भीतर अस्पताल पहुँचाने में मदद करने वाले व्यक्ति को 25,000 का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
  • सड़क दुर्घटना पीड़ितों की सहायता के लिए वर्ष में अधिकतम पाँच बार ‘राह-वीर’ पुरस्कार दिया जा सकता है।
  • गोल्डन ऑवर:मोटर वाहन अधिनियम की धारा 2(12A) के अनुसार, “गोल्डन ऑवर” का अर्थ किसी दर्दनाक चोट के बाद एक घंटे की अवधि है, जिसके दौरान शीघ्र चिकित्सा देखभाल प्रदान करके व्यक्ति को बचाने की सबसे अधिक संभावना होती है।
    • गंभीर दुर्घटना: इस योजना के तहत, एक गंभीर दुर्घटना, मोटर वाहन से जुड़ी कोई भी सड़क दुर्घटना है जिसके कारण पीड़ित की सर्जरी हुई हो या उसे कम से कम तीन दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा हो।
    • प्रमुख दिशानिर्देश: प्रत्येक सरकारी तथा निजी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र को सड़क दुर्घटना पीड़ित को इलाज के लिए लाने वाले व्यक्ति का रिकॉर्ड रखना होगा।
  • अस्पतालों को चोट की प्रकृति प्रमाणित करनी होगी तथा पुलिस को योजना के दुरुपयोग को रोकने के लिए दुर्घटना के विवरण का सत्यापन करना होगा।
Shares: