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सामान्य अध्ययन-3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव आकलन|
संदर्भ: उत्सर्जन अंतराल रिपोर्ट 2025 में पाया गया है कि देशों द्वारा की गई नई जलवायु प्रतिज्ञाओं के बावजूद, इस शताब्दी में अपेक्षित तापमान वृद्धि उच्च बनी हुई है, जो जलवायु जोखिमों और संबंधित क्षति में संभावित गंभीर वृद्धि की ओर संकेत करती है।
प्रमुख निष्कर्ष
- वैश्विक उत्सर्जन में वृद्धि:
- वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन वर्ष 2024 में रिकॉर्ड 57.7 गीगाटन CO₂-समतुल्य पर पहुँच गया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में 2.3% की वृद्धि दर्शाता है।
- सबसे बड़ी निरपेक्ष उत्सर्जन वृद्धि भारत और चीन में दर्ज की गई, हालाँकि भारत का प्रति व्यक्ति उत्सर्जन वैश्विक औसत से नीचे बना हुआ है।
- अद्यतन एनडीसी का अपर्याप्त प्रभाव:
- संशोधित राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDCs) ने अनुमानित तापमान वृद्धि को केवल थोड़ा कम किया है, सदी के अंत में तापमान वृद्धि का अनुमान अभी भी 2.3°C-2.5°C है, जो पेरिस लक्ष्यों 1.5°C-2°C से कहीं अधिक है।
- कार्यान्वयन में अंतराल महत्वपूर्ण है क्योंकि कई देश अपनी NDC प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में अभी भी पिछड़ रहे हैं।
- जलवायु लक्ष्यों के लिए अपेक्षित उत्सर्जन में कमी:
- वर्ष 2030 तक उत्सर्जन में 28% की कटौती से विश्व 2°C के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर होगा, जबकि वर्ष 2035 तक उत्सर्जन में 55% की कटौती से विश्व 1.5°C लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम होगा।
- प्रमुख उत्सर्जकों के लिए भिन्न रुझान:
- चीन और कई G20 सदस्यों सहित कुछ प्रमुख उत्सर्जक, उत्सर्जन के चरम पर पहुँचने के संकेत दे रहे हैं।
- संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे अन्य देश, नीतिगत व्युत्क्रमण और उत्सर्जन में वृद्धि के अनुमानों का सामना कर रहे हैं, जिससे वैश्विक प्रगति धीमी हो रही है।
- तापमान वृद्धि का जोखिम:
- रिपोर्ट में वैश्विक तापमान सीमा के पार जाने के गंभीर खतरे के लिए सचेत किया गया है, क्योंकि इससे संभावित रूप से गंभीर एवं अपरिवर्तनीय जलवायु प्रभाव उत्पन्न हो सकते हैं।
प्रमुख सिफारिशें
- जलवायु प्रतिबद्धताओं पर अमल करना:
- देशों को 1.5°C की दिशा के अनुरूप अधिक महत्वाकांक्षी, समयबद्ध उत्सर्जन कटौती लक्ष्यों के साथ अपने 2025 एनडीसी पर अमल करना होगा और उन्हें पूर्णतः लागू करना होगा।
- यह सुनिश्चित करके कि नीतिगत प्रतिबद्धताओं को मापनीय उत्सर्जन कटौती में परिवर्तित किया जाए, कार्यान्वयन अंतराल को पाटने की आवश्यकता है।
- स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में तेजी लाना:
- राष्ट्रों को नवीकरणीय ऊर्जा की ओर संक्रमण में तेजी लानी चाहिए, ऊर्जा दक्षता में सुधार करना चाहिए, और जीवाश्म ईंधन सब्सिडी और निवेश को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना चाहिए।
- मीथेन में कमी के प्रयासों का विस्तार करना और कार्बन कैप्चर और भंडारण को बेहतर करना गहन डीकार्बोनाइजेशन के लिए आवश्यक है।
- प्रकृति-आधारित और तकनीकी समाधानों का विस्तार: पुनर्वनीकरण जैसे प्रकृति-आधारित समाधानों में अधिक निवेश की आवश्यकता है, साथ ही उभरती हुई निम्न-कार्बन प्रौद्योगिकियों की भी आवश्यकता है जो बड़े पैमाने पर उत्सर्जन में कमी लाने में सहायक सिद्ध हो सकती हैं।
उत्सर्जन अंतराल रिपोर्ट
- यह संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा प्रतिवर्ष प्रकाशित एक प्रमुख वैज्ञानिक आकलन है।
- यह वर्तमान राष्ट्रीय नीतियों के तहत अनुमानित उत्सर्जन और पेरिस समझौते के तापमान लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक उत्सर्जन स्तरों के बीच के अंतराल को मापती है।
- यह रिपोर्ट जलवायु शमन पर वैश्विक प्रगति की एक स्वतंत्र, वस्तुनिष्ठ माप प्रदान करने के लिए मानकीकृत उत्सर्जन परिदृश्यों और जलवायु मॉडलिंग तकनीकों का उपयोग करती है, जिससे यह विश्व भर के नीति निर्माताओं के लिए एक विश्वसनीय संदर्भ बन गई है।
