संदर्भ: उत्तर प्रदेश सरकार और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) ने वाराणसी को नदी परिवहन, रसद और हरित गतिशीलता के एक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए ₹850 करोड़ मूल्य के पाँच समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:

  • 28 अक्टूबर को मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान हस्ताक्षरित इन समझौता ज्ञापनों का उद्देश्य गंगा और उत्तर प्रदेश की अन्य प्रमुख नदियों के किनारे एक आधुनिक और टिकाऊ नदी परिवहन नेटवर्क स्थापित करना है। यह पहल कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए रसद, पर्यटन तथा पर्यावरण-अनुकूल परिवहन को एकीकृत करने पर केंद्रित है।
  • “सभी पाँच परियोजनाओं का वित्तपोषण IWAI द्वारा किया जाएगा, जबकि राज्य सरकार भूमि और अन्य मंज़ूरियों की सुविधा प्रदान करेगी।

समझौता ज्ञापन के अंतर्गत प्रमुख परियोजनाएँ

  • वाराणसी में दो विश्वस्तरीय रिवर क्रूज़ टर्मिनल: ₹200 करोड़ के निवेश से, वाराणसी में प्रयागराज-हल्दिया राष्ट्रीय जलमार्ग-1 मार्ग पर नदी पर्यटन को बढ़ावा देने और यात्री सुविधाओं में वृद्धि के लिए दो रिवर क्रूज़ टर्मिनल विकसित किए जाएंगे।
  • अंतर्देशीय जल परिवहन के लिए क्षेत्रीय उत्कृष्टता केंद्र: ₹200 करोड़ की एक अन्य परियोजना के तहत वाराणसी में 12 एकड़ के परिसर में एक क्षेत्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।
    • यह केंद्र अंतर्देशीय जल परिवहन में प्रशिक्षण, अनुसंधान और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करेगा तथा पोत चालक दल के सदस्यों, पोंटून पुल संचालकों और अन्य कर्मियों के लिए पाठ्यक्रम प्रदान करेगा।
  • हरित गतिशीलता के लिए इलेक्ट्रिक चार्जिंग अवसंरचना: हरित गतिशीलता की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में, ₹100 करोड़ की परियोजना के तहत हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक जहाजों, घाटों तथा नावों के लिए तट-आधारित इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
    • ये वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या में स्थापित की जाएंगी, जो भारत के कम उत्सर्जन और टिकाऊ नदी परिवहन का समर्थन करेंगी।
  • वाराणसी में जहाज मरम्मत सुविधा: परिचालन क्षमता को मजबूत करने और जहाजों के रखरखाव लागत और डाउनटाइम को कम करने के लिए वाराणसी में ₹350 करोड़ की लागत से एक जहाज मरम्मत सुविधा भी विकसित की जाएगी, जो वर्तमान में अन्य राज्यों के मरम्मत केंद्रों पर निर्भर हैं।
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