संबंधित पाठ्यक्रम:
सामान्य अध्ययन-3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन
संदर्भ:
विश्वभर में वनों की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है, और वन घोषणा मूल्यांकन 2025 के अनुसार, देश 2030 तक वनों की कटाई रोकने और उसे उलटने के लक्ष्य से काफी दूर हैं।
प्रमुख निष्कर्ष
2024 में महत्वपूर्ण वैश्विक वन क्षति:
- 2024 में, वैश्विक स्तर पर लगभग 8.1 मिलियन हेक्टेयर वन नष्ट हुए, जो वनों की कटाई रोकने के निर्धारित लक्ष्य से 63% अधिक है।
- उष्णकटिबंधीय प्राथमिक वनों पर इसका सबसे गंभीर प्रभाव पड़ा, जहाँ लगभग 6.73 मिलियन हेक्टेयर भूमि नष्ट हुई, जिससे लगभग 3.1 अरब मीट्रिक टन ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन हुआ।
वनों की कटाई रोकने में कॉर्पोरेट प्रतिबद्धता: मूल्यांकन में शामिल कंपनियों में से मात्र 3% कंपनियाँ ही वनों की कटाई से निपटने के लिए अपेक्षित स्तर की ठोस प्रतिबद्धताओं को प्रभावी रूप से लागू कर रही हैं।
प्रमुख जैव विविधता क्षेत्रों में वनों की हानि:
- 2023 और 2024 के बीच, वनाच्छादित प्रमुख जैव विविधता क्षेत्रों में वनों की हानि 47% बढ़ गई, जिससे 2.17 मिलियन हेक्टेयर वनों का नुकसान हुआ।
- इस वृद्धि ने 2030 तक शून्य वृक्ष आवरण क्षति के वैश्विक लक्ष्य को 104% तक पीछे धकेल दिया है।
वन क्षरण के प्रमुख कारण
वन क्षरण पर वनाग्नि का प्रभाव: वनाग्नि को वन क्षरण का एक प्रमुख कारण माना गया है, विशेष रूप से अमेज़न बेसिन में, जो आग से होने वाली क्षति से गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है, जिससे महत्वपूर्ण वन पारिस्थितिकी तंत्रों में गिरावट आई है।
वन जैव विविधता के लिए खनन खतरा: बढ़ती ऊर्जा मांग के कारण खनन क्षेत्र को वनों के लिए एक महत्वपूर्ण खतरे के रूप में पहचाना जा रहा है।
पर्यावरण अपराध और अवैध वनों की कटाई:
- अवैध कटाई और वनों की कटाई जैसे पर्यावरणीय अपराधों से अनुमानित रूप से प्रतिवर्ष 281 बिलियन डॉलर की आय होती है।
- कृषि प्रयोजनों के लिए उष्णकटिबंधीय वनों की कटाई का 61% से 94% अवैध है, जो महत्वपूर्ण प्रवर्तन अंतरालों को उजागर करता है।
अपर्याप्त वन पुनर्स्थापन और नीतिगत अंतराल: वनों की कटाई और क्षरण में वृद्धि के बावजूद, वन बहाली के प्रयास सीमित हैं, जो वैश्विक स्तर पर केवल 10.6 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र तक ही सीमित हैं। किया है, जिससे सार्थक प्रगति बाधित हो रही है।
- अधिकांश सरकारों ने अपनी आर्थिक, व्यापारिक और भूमि-उपयोग नीतियों को वन संरक्षण उद्देश्यों के साथ प्रभावी ढंग से संरेखित नहीं किया है, जिससे सार्थक प्रगति बाधित हो रही है।
आगे की राह
- अनिवार्य नियम और जवाबदेही: वन संरक्षण और वनों की कटाई-रहित आपूर्ति श्रृंखलाओं में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए स्वैच्छिक प्रतिज्ञाओं के स्थान पर कानूनी रूप से बाध्यकारी नियमों को लागू किया जाना चाहिए।
- नीतिगत और वित्तीय समन्वय: सरकारों को अपने आर्थिक, व्यापार और भूमि उपयोग संबंधी नीतियों में वन लक्ष्यों को एकीकृत करना चाहिए, हानिकारक सब्सिडियों को पुनर्निर्देशित करते हुए पुनर्स्थापन और सतत वन प्रबंधन के लिए वित्तीय सहायता बढ़ानी चाहिए।
- आदिवासी और स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना: प्रभावी वन संरक्षण के लिए भूमि अधिकारों की कानूनी मान्यता और निर्णय प्रक्रिया में आदिवासी व स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।
- पर्यावरणीय अपराधों का मुकाबला: अवैध वनों की कटाई और लकड़ी व्यापार नेटवर्क को रोकने के लिए कानून प्रवर्तन तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत किया जाना चाहिए।
वन घोषणा आकलन
- यह एक वार्षिक, समीक्षित रिपोर्ट है, जो वैश्विक वन प्रगति का मूल्यांकन करती है — जिसमें वनों की कटाई, क्षरण, पुनर्स्थापन, जैव विविधता, वित्त, अधिकार और शासन जैसे पहलू शामिल हैं।
- इसे फॉरेस्ट डिक्लेरेशन असेसमेंट टीम द्वारा प्रकाशित किया गया है और क्लाइमेट फोकस द्वारा समन्वित किया गया है।
- इसकी शुरुआत मूल रूप से न्यूयॉर्क वन घोषणा प्रगति आकलन (NYF) के रूप में हुई थी, जिसका उद्देश्य 2014 के संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में स्वीकृत NYDF के 10 स्वैच्छिक लक्ष्यों की दिशा में हुई प्रगति की निगरानी करना था।
Sources:
Down To Earth
Forest Declaration