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सामान्य अध्ययन-3: भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास और रोजगार से संबंधित विषय।

आईटी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-प्रौद्योगिकी, जैव- प्रौद्योगिकी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के क्षेत्र में जागरूकता।

संदर्भ: गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट आंध्र प्रदेश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए पांच वर्षों में 15 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी| यह संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहर गूगल का सर्वाधिक एआई बुनियादी ढांचा निवेश होगा।

परियोजना की मुख्य विशेषताएं

  • यह परियोजना क्लाउड और एआई अवसंरचना को नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों के साथ एकीकृत करेगी, जिससे टिकाऊ और कुशल संचालन सुनिश्चित होगा।
  • विशाखापत्तनम में स्थापित किया जाने वाला नया एआई हब, 12 देशों में फैले गूगल के एआई केंद्रों के वैश्विक नेटवर्क में एकीकृत किया जाएगा।
  • इस परियोजना में भारत के पूर्वी तट पर एक अंतर्राष्ट्रीय सब-सी गेटवे (Subsea Gateway) की स्थापना करना शामिल है, जिसके विशाखापत्तनम में कई केबल बिछाए जाएँगे और ये सीधे गूगल के वैश्विक केबल नेटवर्क से जुड़ेंगे।
  • डेटा ट्रांसमिशन और इंटरकनेक्टिविटी में सहयोग के लिए एक विस्तारित फाइबर-ऑप्टिक नेटवर्क बिछाया जाएगा।
  • यह पहल आंध्र प्रदेश सरकार के वर्ष 2029 तक 6 गीगावाट डेटा सेंटर क्षमता विकसित करने के लक्ष्य के अनुरूप है और भारत के व्यापक डिजिटल बुनियादी ढांचे के रोडमैप का पूरक है।

आर्थिक और रणनीतिक लाभ

  • परिवर्तनकारी मंच के रूप में कार्य: नया एआई हब डिजिटल अर्थव्यवस्था को गति देगा, उच्च प्रतिष्ठा वाली नौकरियों का सृजन करेगा और स्टार्टअप विकास को उत्प्रेरित करेगा।
  • डिजिटल अवसंरचना को बढ़ावा: अंतर्राष्ट्रीय सब-सी गेटवे भारत की डिजिटल क्षमता को बढ़ाएगा, बढ़ती डेटा मांगों को पूरा करेगा और मुंबई तथा चेन्नई में मौजूदा केबल लैंडिंग के पूरक के रूप में कार्य करने हेतु रूट डाइवरसिटी को जोड़ेगा।
  • ऊर्जा इकोसिस्टम को मजबूती प्रदान करना: गूगल स्थानीय साझेदारों के साथ मिलकर ट्रांसमिशन लाइनें, नवीकरणीय ऊर्जा इकाइयां और भंडारण प्रणालियां विकसित करेगा, जिससे क्षेत्रीय ऊर्जा क्षमता में सुधार होगा।
  • रोज़गार और कौशल विकास का चालक: इस परियोजना से लगभग 1.88 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार सृजित होने की अपेक्षा है, जो आंध्र प्रदेश के रोज़गार और कौशल विकास में योगदान देगा।
  • भारत के डेटा और एआई विज़न को आगे बढ़ाना: कनेक्टिविटी और डेटा सुरक्षा में सुधार करके, यह पहल डेटा और एआई नवाचार में वैश्विक अग्रणी बनने के भारत के लक्ष्य का समर्थन करेगी।

भारत का विकसित होता एआई परिदृश्य

  • भारत के डेटा सेंटर उद्योग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो 2024 में 1 गीगावाट क्षमता की निर्णायक सीमा को पार कर 2019 के स्तर से लगभग तीन गुना हो गया है।
  • मार्च 2024 में ₹10,371.92 करोड़ के वित्तीय परिव्यय के साथ शुरू किया गया भारत एआई मिशन, अनुसंधान, नवाचार और क्षमता निर्माण के माध्यम से अगले पाँच वर्षों में राष्ट्रीय एआई इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
  • नीति आयोग द्वारा प्रस्तुत सरकार का “विकसित भारत के लिए एआई” दृष्टिकोण इस बात पर प्रकाश डालता है कि किस प्रकार कृत्रिम बुद्धिमत्ता भारत की 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की आकांक्षा को आगे बढ़ा सकती है, जिसके लिए लगभग 8% की सतत वार्षिक जीडीपी वृद्धि की आवश्यकता होगी।

महत्व

  • गूगल का निवेश भारत के डिजिटल इकोसिस्टम और अगली पीढ़ी की तकनीकों को सुरक्षित और बड़े पैमाने पर समर्थन देने की उसकी क्षमता में वैश्विक विश्वास का संकेत देता है।
  • भारत की कम डेटा लागत, तेज़ी से बढ़ते इंटरनेट उपयोगकर्ता आधार और अनुकूल नीतिगत माहौल ने इसे क्लाउड कंप्यूटिंग और एआई-संचालित बुनियादी ढाँचे में निवेश के लिए सबसे आशाजनक गंतव्यों में से एक बना दिया है।
  • विशाखापत्तनम एआई हब से नवाचार को और बढ़ावा मिलने, सहायक तकनीकी निवेश आकर्षित होने और भारत को वैश्विक एआई विकास एवं डेटा प्रोसेसिंग नेटवर्क में एक केंद्रीय नोड के रूप में स्थापित करने की अपेक्षा है।
  • एआई अवसंरचना, नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल कनेक्टिविटी के बीच तालमेल, डिजिटल इंडिया और राष्ट्रीय एआई मिशन पहलों के तहत भारत के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

Sources:
Indian Express
Reuters
BBC

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