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सामान्य अध्ययन3: भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, प्रगति, विकास और रोज़गार से संबंधित विषय।

सामान्य अध्ययन 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव आकलन।

संदर्भ: हाल ही में, नीति आयोग ने “भारत की नीली अर्थव्यवस्था: गहरे समुद्र और अपतटीय मत्स्य पालन के दोहन की रणनीति” पर एक रिपोर्ट जारी की।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

  • मत्स्य उत्पादन के मामले में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है, और यहाँ विश्व के कुल मत्स्य उत्पादन का 8% उत्पादित होता है।
  • मत्स्य पालन क्षेत्र से लगभग 30 मिलियन लोगों को रोजगार मिला है और वित्त वर्ष 2023–24 में की मछलियों की बिक्री से 60,523 करोड़ रुपये की आमदनी हुई।
  • भारत का विशेष आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone – EEZ) 2 मिलियन वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है।
  • देश की तटरेखा, जिसमें 9 तटीय राज्य और 4 केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं, कुल मिलाकर लगभग 11,098 किलोमीटर लंबी है। इतनी विस्तृत समुद्री सीमा के कारण भारत को गहरे समुद्र में मत्स्य पालन के लिए अपार समुद्री संसाधन प्राप्त होते हैं।
  • भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के भीतर अनुमानित संभावित मत्स्य उत्पादन लगभग 7.16 मिलियन टन है। इसके बावजूद, गहरे समुद्र में मौजूद अधिकांश मत्स्य संसाधनों का अभी तक पूर्ण रूप से दोहन नहीं हो पाया है
  • त्स्य पालन क्षेत्र को सशक्त बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा केंद्र प्रायोजित योजनाओं और केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं को मिलाकर तीन चरणों (Phases) के लिए एक अनुमानित लागत ढाँचा तैयार किया गया है।
  • चरण 1: आधारशिला रखना और शुरुआती वृद्धि को बढ़ावा देना (3 वर्ष, 2025-28 तक)।
  • चरण 2: वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता हासिल करना और बढ़ाना (4 वर्ष, 2029-32 तक)।
  • चरण 3: धारणीय गहन समुद्र मत्स्यन में वैश्विक नेतृत्व (8 वर्ष और उससे आगे, 2033 के बाद)।

सरकारी पहल

  • प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य समग्र मत्स्य क्षेत्र का विकास करना है। यह योजना विशेष रूप से फ्लीट (नावों के बेड़े) के आधुनिकीकरण और गहरे समुद्र में मछली पकड़ने को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
  • मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष (FIDF): यह एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य भारत में मत्स्य पालन अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) का निर्माण और आधुनिकीकरण करना है।
  • राष्ट्रीय मत्स्यन नीति, 2020: इसका उद्देश्य मत्स्य पालन और जलकृषि क्षेत्र में सतत (Sustainable) और समावेशी (Inclusive) विकास को बढ़ावा देना है।

रिपोर्ट में रेखांकित मुख्य चुनौतियाँ

  • अवसंरचनात्मक और तकनीकी अंतराल: भारत में 90 से अधिक मछली पकड़ने वाले बंदरगाह (Fishing Harbours) हैं, जो तटीय राज्यों में फैले हुए हैं, हालांकि, इन बंदरगाहों में से केवल कुछ ही ऐसे हैं जो बड़े जहाजों (Deep-sea Vessels) या आधुनिक मछली पकड़ने वाले ट्रॉलर्स को संभालने के लिए पर्याप्त अवसंरचना और सुविधाओं से लैस हैं।
  • बेड़ों के आधुनिकीकरण में विलंब- ड्राई-डॉकिंग सुविधाओं की कमी।
  • डेटा का अभाव: एक केंद्रीकृत डेटाबेस का अभाव और मछुआरों की रिपोर्ट तथा उपग्रह डेटा जैसे विभिन्न स्रोतों से उपलब्ध डेटा का अपर्याप्त एकीकरण।
  • विनियामकीय खामियाँ: भारत के EEZ में मछली पकड़ने की गतिविधियों को विनियमित करने वाले कानून काफी नहीं हैं, जिससे गैर-कानूनी, बिना रिपोर्ट की और गैर-नियामक (IUU) मछली पकड़ने जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।
  • सीमित बेड़ों की मौजूदगी: 2023 तक, भारत के पास गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए केवल चार सरकारी जहाज़ हैं, जो श्रीलंका (1,883) और ईरान (1,216) जैसे पड़ोसी देशों से बहुत कम हैं।
  • प्रतिभा और कौशल अंतराल: मत्स्य प्रबंधन और ब्लू इकॉनमी क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने और अनुसंधान एवं प्रशिक्षण के लिए समर्थन देने की तत्काल आवश्यकता है।
  • पर्यावरण संबंधी चिंताएँ: समुद्री संसाधनों के अत्यधिक दोहन और कमी से बचने के लिए तीव्र आर्थिक विकास और पारिस्थितिकीय धारणीयता के बीच संतुलन होना चाहिए।

रिपोर्ट के बारे में

  • यह रिपोर्ट भारत को नीली अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए किए गए सामरिक नीतिगत हस्तक्षेप को दर्शाती है, जिसमें धारणीय विकास के लिए गहरे समुद्र और अपतटीय मत्स्यन का उपयोग करने पर ज़ोर दिया गया है।
  • इसका लक्ष्य 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर की नीली अर्थव्यवस्था का सृजन करना है, जिसमें आर्थिक गतिविधियों को पारिस्थितिकीय सुरक्षा और समुद्री क्षेत्रों में लचीलापन के साथ जोड़ा जाएगा।
  • यह भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) और क्षेत्रीय मत्स्यन समझौतों के माध्यम से  मिलने वाले अंतर्राष्ट्रीय जल के भीतर गहरे समुद्र में मत्स्य पालन क्षेत्र को कवर करने वाले एक वृहत ढाँचे की पेशकश करती है।

स्रोत:
Thehindu
Newsonair
Nitigov

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