संदर्भ: भारत की खुदरा मुद्रास्फीति दर सितंबर 2025 में घटकर 1.54% हो गई है और खाद्य और पेय पदार्थों में तीव्र अवमुद्रास्फीति (Disinflation) के कारण आठ वर्षों में अपने निम्नतम स्तर पर पहुँच गई है।
अन्य संबंधित जानकारी
- सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने आंकड़े जारी किए हैं जिनसे पता चलता है कि भारत की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति सितंबर 2025 में घटकर 1.54% हो गई, जोकि अगस्त में 2.07% थी।
- यह 99 महीनों में निम्नतम मुद्रास्फीति स्तर को दर्शाता है, जो पूरे वर्ष के दौरान बनी रही अवमुद्रास्फीतिकारी (Disinflationary) प्रवृत्ति है।
- यह गिरावट मुख्यतः खाद्य एवं पेय मुद्रास्फीति में भारी गिरावट के कारण आई है, जो 1.4% तक गिर गई, जोकि 81 महीनों में इसका निम्नतम स्तर है।

- खाद्य वस्तुओं की कीमतों में -2.28% की गिरावट आई, जिसका मुख्य कारण सब्जियों और दालों की कीमतों में कमी आना है, जिनमें लगातार आठवें महीने भी अपस्फीति (Deflation) जारी रही।
- सब्जियों में मुद्रास्फीति -21.4% दर्ज की गई, जबकि दालों में -15.3% रही, जो आपूर्ति पक्ष में निरंतर सुधार का संकेत देता है।
- खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी के बावजूद, विविध वस्तुओं में मुद्रास्फीति बढ़कर 5.35% हो गई, जिसका मुख्य कारण सोने और चांदी की बढ़ती कीमतें हैं।
- व्यक्तिगत प्रभाव मुद्रास्फीति भी बढ़कर 19.4% हो गई, जो श्रृंखला की शुरुआत के बाद से इसका उच्चतम स्तर है और कीमती धातुओं और संबंधित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को दर्शाता है।

भारत में मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण
- मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण को नीतिगत निर्णयों के लिए एक ढांचे के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसमें केंद्रीय बैंक एक विशेष समय सीमा के भीतर सार्वजनिक रूप से घोषित संख्यात्मक मुद्रास्फीति लक्ष्य को पूरा करने के लिए नीति संचालन हेतु स्पष्ट प्रतिबद्धता व्यक्त करता है।
- मौद्रिक नीति फ्रेमवर्क समझौता
- भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक ने फरवरी 2015 में एक मौद्रिक नीति फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य मुख्य रूप से मूल्य स्थिरता बनाए रखकर विकास के उद्देश्य को भी ध्यान में रखना था।
- मुद्रास्फीति का लक्ष्य सरकार द्वारा आरबीआई के परामर्श से निर्धारित किया गया था, तथा पांच वर्ष बाद इस पर पुनर्विचार की संभावना है।
- लचीला मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण (FIT)
- भारत ने आरबीआई अधिनियम, 1934 में संशोधन के माध्यम से 2016 में औपचारिक रूप से लचीला मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरणको अपनाया।
- FIT के तहत, आरबीआई ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति (हेडलाइन मुद्रास्फीति) को ±2 प्रतिशत अंकों के सहिष्णुता बैंड के साथ 4% पर बनाए रखने का लक्ष्य रखा है (अर्थात्, लक्ष्य सीमा 2% से 6% है)।