संबंधित पाठ्यक्रम
सामान्य अध्ययन-2: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप तथा उनके अभिकल्पन और कार्यान्वयन से संबंधित विषय।
संदर्भ:
हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने भारत में ऑनलाइन गेमिंग के लिए मसौदा नियम जारी किए।
अन्य संबंधित जानकारी
- मंत्रालय ने इन नियमों पर 31 अक्टूबर, 2025 तक जनता से सुझाव मांगे है। ये नियम सामाजिक मूल्यों के क्षरण, गेमिंग की लत लगने और राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंताओं के मद्देनजर तेजी से फलते-फूलते ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को विनियमित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
प्रमुख प्रावधान
- विनियामक प्राधिकरण:
- मसौदे में शीर्ष नियामक निकाय के रूप में भारतीय ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण की स्थापना का प्रस्ताव है, जिसका नेतृत्व एक अध्यक्ष और विभिन्न मंत्रालयों के पांच सदस्य करेंगे।
- इस प्राधिकरण को गेमों को पंजीकृत करने, निर्देश जारी करने, दंड लगाने और अधिनियम और नियमों के अनुपालन की निगरानी करने का अधिकार होगा।
- दायरा और प्रतिबंध:
- मसौदा नियम ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम, 2025 के संवर्धन और विनियमन को लागू करेंगे। ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम, 2025 पोकर और फैंटेसी स्पोर्ट्स जैसे सभी प्रकार के ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाता है, और केवल “ऑनलाइन सोशल गेम्स” और ई-स्पोर्ट्स को अनुमति देता है।
- प्राधिकरण के पास गेमों को वर्गीकृत करने का विवेकाधिकार होगा और यदि किसी गेम का मॉडल अपने मुद्रीकरण या रिवॉर्ड संरचना में बदलाव के माध्यम से मनी गेम में विकसित होता है, तो वह उसका पंजीकरण रद्द कर सकता है।
- पंजीकरण की शर्तें:
- सभी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए भारत में कानूनी रूप से काम करने हेतु प्राधिकरण के साथ पंजीकरण कराना आवश्यक होगा।
- उन्हें अपने राजस्व मॉडल का प्रकटीकरण करना होगा, जिसमें दांव, शर्त या सट्टेबाजी शामिल नहीं हो सकती है, लेकिन इसमें विज्ञापन, सदस्यता शुल्क या एकमुश्त प्रवेश शुल्क शामिल हो सकते हैं।
- उपयोगकर्ता संरक्षण और अनुपालन:
- प्लेटफ़ॉर्म को “अपने ग्राहक को जानें” (KYC) मानदंडों का पालन करना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त, गेम की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए यादृच्छिक संख्या जनरेशन (RNG) का प्रमाणपत्र प्राप्त करना और ऑटोमेटेड प्ले को रोकने हेतु नो-बॉट प्रमाणपत्र हासिल करना भी आवश्यक होगा।
- प्रत्येक कंपनी को नियमों के प्रवर्तन और विवाद समाधान के लिए जिम्मेदार अनुपालन, नोडल और शिकायत अधिकारी नियुक्त करने होंगे।
- शिकायत निवारण तंत्र: एक त्रि-स्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली अनिवार्य है:
- गेम प्रोवाइडर द्वारा आंतरिक शिकायत निवारण,
- आईटी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के तहत शिकायत अपीलीय समिति में अपील, और
- ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण में अंतिम अपील।
- अभ्यास संहिताएँ:
- मसौदा नियमों में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) से ऑनलाइन सोशल गेम्स को मनोरंजक, शैक्षिक, कौशल विकास उन्मुख, सुरक्षित और आयु-उपयुक्त सामग्री सुनिश्चित करने के लिए वर्गीकृत करने हेतु अभ्यास संहिता या दिशानिर्देश जारी करने का आह्वान किया गया है।
- उल्लंघन के लिए दंड:
- अधिनियम का उल्लंघन करने को गैर-जमानती अपराध माना जाएगा और उसके लिए उल्लंघन में शामिल कंपनी के सभी कर्मचारियों को उत्तरदायी ठहराया जाएगा।
- दंड उपयोगकर्ताओं को होने वाले गैर-कानूनी लाभ और हानि के अनुपात में दिया जाएगा, जिससे इसके गैर-अनुपालन के विरुद्ध सुरक्षा सुनिश्चित होगी।