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सामान्य अध्ययन-3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
संदर्भ:
रमन अनुसंधान संस्थान (RRI) के शोधकर्ताओं ने जीव विज्ञान, चिकित्सा और नैनो विज्ञान में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक नवीन ड्यूल-ट्रैप ऑप्टिकल ट्वीजर प्रणाली विकसित की है।
अन्य संबंधित जानकारी

- ऑप्टिकल ट्वीजर को 2018 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया। इसका उपयोग सूक्ष्म कणों को ट्रैप करने और उनमें हेरफेर के लिए किया जाता है।
- उन्नत ड्यूल-ट्रैप ऑप्टिकल ट्वीजर (चिमटी) एकल जैव-अणुओं और छोटे कणों में हेरफेर करने के लिए अधिक परिशुद्ध एवं बहुमुखी उपकरण है।
- भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा किया गया यह नवाचार ऑप्टिकल ट्वीज़र तकनीक को अधिक सुलभ और बहुमुखी बनाता है, जिससे सटीक जैविक और चिकित्सा अनुसंधान संभव हो पाता है।
- टीम ने एक कॉन्फोकल डिटेक्शन योजना (confocal detection scheme) शुरू की है, जहाँ प्रत्येक संसूचक (detector) केवल अपने ट्रैप से वापस प्रकीर्णित प्रकाश की निगरानी करता है, जिससे हस्तक्षेप की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
नए डिज़ाइन की मुख्य विशेषताएं

- क्रॉस-टॉक (cross-talk) और हस्तक्षेप को समाप्त करता है, जिससे अलग-अलग लेजर या जटिल प्रकाशिकी की आवश्यकता के बिना ही स्वतंत्र और सटीक माप संभव हो पाती है।
- स्थिर संरेखण और दीर्घकालिक परिचालन, ट्रैप को स्थानांतरित करने या तापमान में परिवर्तन होने पर भी परिशुद्धता बने रहती है।
- संशोधन किए बिना ही फ्लोरोसेंस और फेज़ कॉन्ट्रास्ट जैसी उन्नत इमेजिंग तकनीकों के साथ संगतता।
- कॉम्पैक्ट और मॉड्यूलर डिज़ाइन को मानक माइक्रोस्कोप में आसानी से एकीकृत किया जा सकता है।
पारंपरिक प्रणालियों की तुलना में लाभ
- पारंपरिक प्रणालियों में हस्तक्षेप संभव होता है और उनके लिए जटिल पुनर्संरेखण (Complex Realignment) की आवश्यकता होती है जबकि ड्यूल-ट्रैप ऑप्टिकल ट्वीजर प्रणाली, ट्रैप गति के दौरान भी संरेखण और परिशुद्धता बनाए रखती है।
- पुराने डिज़ाइनों के विपरीत, यह माइक्रोस्कोप घटकों के लिए अवरोध उत्पन्न नहीं करती है, जिससे इसकी बहुमुखी प्रतिभा में सुधार होता है।
- लागत-प्रभावी समाधान प्रदान करती है, डाउनटाइम और सेटअप जटिलता को कम करती है।
अनुप्रयोग और भावी परिप्रेक्ष्य
- जैव-अणुओं के उच्च-परिशुद्धता बल (High-Precision Force) मापन अध्ययनों को सक्षम बनाती है।
- अधिक सटीकता के साथ कोमल पदार्थों और जैविक नमूनों की जाँच में उपयोगी।
- उन्नत जैव-चिकित्सा और औषधि विकास अनुसंधान के लिए कोशिकाओं और जैव-अणुओं में सूक्ष्म-हेरफेर का समर्थन करती है।
- भारतीय वैज्ञानिकों के लिए अत्याधुनिक उपकरणों को अधिक सुलभ बनाती है, तंत्रिका विज्ञान, नैनो विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी में अनुसंधान को बल प्रदान करती है।
- इसमें वाणिज्यिक सूक्ष्मदर्शी के लिए प्लग-एंड-प्ले मॉड्यूल के रूप में पेटेंट संरक्षण और व्यावसायीकरण की प्रबल संभावना है।
